रांची में देश का दूसरा सबसे ऊंचा शिवलिंग मंदिर का खासियत
यह है मंदिर की खासियत
मंदिर के गर्भ गृह के अंदर शिव लिंग के अलावा शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित है. मंदिर और दरवाजे पर पीतल की चढ़ी परत से की गयी कारीगरी देखते ही बनती है. यह काम पुरी के कारीगर की देखरेख में किया गया है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अध्यक्ष सुरेश साहू, छत्रधारी महतो, रवि सिंह, पद्मश्री मुकुंद नायक, संतोष कुमार, मनपूरण नायक, राजीव किशोर, धंजू नायक, कृष्णा आदि सहयोग कर रहे हैं.
महाभंडारा का होगा आयोजन
जानकारी के मुताबिक, वाराणसी के पुरोहितों के सान्निध्य में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान होगा. मंदिर कमेटी की ओर से चार मई को प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना और रामचरितमानस का पाठ होगा. छह मई को प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा होगी. छह मई को मूर्तियों का अधिवास, स्नान एवं नगर भ्रमण, शव्याधिवास और शाम सात बजे से रात नौ बजे तक शिव प्रवचन और आरती होगी. इस मौके पर अगले दिन भजन, हवन, पूर्णाहुति समेत महाभंडारा का आयोजन होगा. 108 फीट ऊंचे देश के दूसरे सबसे ऊंचे शिवलिंग मंदिर में शंखनाद होने पर 1 मिनट तक आवाज गूंजेगी.
झारखंड की राजधानी रांची अपनी ऐतिहासिकता के साथ जल्द ही धार्मिकता के एक और प्रतीक के तौर पर जानी जाएगी. यहां की ऐतिहासिक चुटिया नगरी में राज्य का सबसे ऊंचा शिवलिंग स्थापित हो गया है. 108 फीट ऊंचा ये शिवलिंग कर्नाटक स्थित कौटिल्य लिंगेश्वर मंदिर जितना है. यह स्वर्णरेखा धाम केतारी बागान चुटिया स्थित श्री सुरेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित है. इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तीन मई से शुरू होगा. पहले दिन कलश यात्रा, पंचांग पूजन और मंडप प्रवेश होगा. चार मई को मूर्तियों का अधिवास बेदियों की स्थापना व अग्नि स्थापना होगी.
दस वर्षों से चल रहा था निर्माण
राजधानी रांची के चुटिया में स्वर्णरेखा नदी के तट पर स्थित सुरेश्वर महादेव धाम में करीब दस वर्षों से इस शिवलिंग मंदिर का निर्माण चल रहा था. देश के दूसरे सबसे ऊंचे शिवलिंग मंदिर स्थापना का काम ही अब बाकी बचा है. शिवलिंग स्थापित होने के साथ ही अब साज-सज्जा को अंतिम रूप दिया जा रहा है. दो सालों तक कोरोना संक्रमण के कारण प्राण प्रतिष्ठा का काम लगातार टलता रहा, लेकिन इस बार 3 से 7 मई तक होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां भी पूरी कर ली गयी हैं.