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   Jharkhand Board Class 9TH Science Notes | हम बीमार क्यों होते हैं  

   JAC Board Solution For Class 9TH  Science  Chapter 13


1. अच्छे स्वास्थ्य की दो आवश्यक स्थितियाँ बताइए।
उत्तर : (i) व्यक्ति को रोग रहित होना चाहिए तभी व्यक्ति स्वस्थ कहा जा
सकता है। (ii) व्यक्ति को मानसिक तनाव तथा सामाजिक समस्याओं से मुक्त होना
चाहिए क्योंकि शरीरिक मानसिक व सामाजिक दृष्टि से फिट व्यक्ति ही स्वस्थ
कहलाता है।

2. रोगमुक्ति की कोई दो आवश्यक परिस्थितियाँ बताइए।
उत्तर : (i) रोग मुक्त होने के लिए व्यक्तिगत तथा सामुदायिक सफाई तथा
अच्छा वातावरण आवश्यक है। (ii) पर्याप्त तथा संतुलित भोजन भी शरीर का
रोगमुक्त करने के लिए आवश्यक है।

3. क्या उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर एक जैसे हैं अथवा भिन्न क्यों?
उत्तर : दोनों प्रश्नों का उत्तर अलग-अलग है। क्योंकि स्वास्थ्य से हमारा अर्थ
है कि व्यक्ति मानसिक, शारीरिक व सामाजिक स्वास्थ्य हैं जबकि रोग मुक्त होने
से अर्थ है शरीरिक स्वास्थ्य अत: दोनों अलग-अलग है।

4. जब आप बीमार होते हैं तो आपको सुपाच्य तथा पोषणयुक्त भोजन करने
का परामर्श क्यों किया जाता है?
उत्तर : संक्रमण के समय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए हमें पर्याप्त तथा पाचक भोजन लेने की
सलाह दी जाती है।

5. प्रतिरक्षीकरण क्या है?
उत्तर : जब किसी वैक्सीन या टीके का उपयोग करके शरीर के अन्दर सूक्ष्म
जीवों को मारकर या उनके प्रवेश पर रोक लगाते हैं तो इससे शरीर की प्रतिरोध
क्षमता बढ़ जाती है। शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास करने की प्रक्रिया
को इम्यूनाइजेशन (टीकाकरण) कहते हैं।

6. तीन प्रकार के हीनताजन्य रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर― (i) प्रोटीन-ऊर्जा कुपोषण, (ii) खनिज की कमी से उत्पन्न रोग, (iii)
विटामिन की कमी से उत्पन्न रोग।

7. PEM का पूरा नाम क्या है?
उत्तर― PEM का पूरा रूप प्रोटीन-एनर्जी मालन्यूट्रीशन (प्रोटीन-ऊर्जा
कुपोषण) होता है।

8. किस रोग के विरुद्ध BCG टीके का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर― BCG टीके का प्रयोग तपेदिक (TB) में किया जाता है।

9. BCG का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर― बेसिलस-कामेटे-गुएरिन।

10. घेंघा किस खनिज की हीनता से होता है?
उत्तर― आयोडीन की कमी से गलगंड (धेधा) रोग उत्पन्न होता है।

11. वसा में विलेय उस विटामिन का नाम लिखिए जिसे सौर विटामिन भी कहते
हैं।
उत्तर― विटामिन-D

12. विटामिन C,B₁, B₅ तथा D में से कौन-से विटामिन वसा में विलेय है?
उत्तर― विटामिन A एवं D वसा में घुलनशील है।

13. बेरी-बेरी एक हीनता जन्य रोग है। किस विटामिन की कमी से यह ज्ञात
होता है?
उत्तर― विटामिन-B₁ (थायमीन) की कमी से यह उत्पन्न होता है।

14. अगर भोजन में विटामिन C की कमी हो तो इससे कौन-सी बीमारी होगी?
उत्तर― स्कर्वी।

15. जल में घुलनशील दो विटामिन के नाम बताएँ।
उत्तर― विटामिन B कॉम्प्लेक्स तथा विटामिन C.

16. विटामिन D तथा की कमी से क्रमशः होने वाले रोगों का नाम लिखें।
उत्तर― विटामिन D की कमी से रिकेट्स और विटामिन C की कमी से स्कर्वी।

17. निम्न की कमी से होने वाले रोगों के नाम लिखें:
(i) विटामिन A, (ii) विटामिन (iii) लौह तत्त्व, (iv) विटामिन D,(v)
आयोडीन तथा (vi) विटामिन B.
उत्तर― (i) रतौंधी तथा जिरोपथैलमिया, (ii) स्कर्वी, (iii) अरक्तता, (iv)
रिकेट्स, (v) गलगंड तथा (vi) बेरी-बेरी।

18. अतिविटामिनता क्या है?
उत्तर― अधिक विटामिन के अधिग्रहण के परिणामस्वरूप उत्पन्न रोग को
अतिविटामिनता कहते हैं।

19. आँवला किस विटामिन का स्रोत है?
उत्तर― विटामिन C.

20. बच्चों में रिकेट्स क्यों होता है?
उत्तर― कैल्शियम, फॉस्फोरस तथा विटामिन 'डी' की कमी के कारण।

21. इन रोगों के क्या कारण हैं-गलगंड, रिकेट्स, मरासमस व अरक्तता?
उत्तर― गलगंड―आयोडीन की कमी के कारण।
रिकेट्स― कैल्शियम, फॉस्फोरस व विटामिन 'डी' की कमी के कारण।
मरासमस― प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट व वसा की कमी के करण।
अरक्तता―लौह तत्त्व तथा विटामिन B₁₂ की कमी के कारण।

22. रतौंधी के क्या कारण हैं?
उत्तर― विटामिन A की कमी।

23. विटामिन D के मुख्य स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर― गाजर, कॉड (मछली) के जिगर का तेल।

24. PCM का पूरा नाम लिखें।
उत्तर― Protein Energy Malnutrition.

25. विटामिन C की कमी के दो लक्षण लिखिए।
उत्तर― (1) मसूदों का सूजना व रक्तस्राव। (2) दाँतों का ढीला होना।

26. PEM से उत्पन्न दो रोगों नाम लिखें।
उत्तर ― (1) क्वाशियरकर, (2) मरासमस।

27. क्वाशियरकर क्या है? इसको रोकने के लिए दो खाद्य पदार्थों के नाम
लिखें।
उत्तर― क्वाशियरकर प्रोटीन की कमी से उत्पन्न होने वाला रोग है। इसको
रोकने के लिए दो प्रोटीनयुक्त खाद्य स्रोत हैं―(i) दूध, (ii) मांस।

28. सर्चरणीय रोग क्या हैं?
उत्तर : ऐसे रोग जो रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में फैलते हैं संचरणीय रोग
कहलाते हैं।

29. मलेरिया के कारक जीव तथा वाहक का नाम लिखें।
उत्तर : कारक जीव―प्रोटोजोआ वर्ग का जीव प्लाज्मोडियम। वाहक―मादा
एनॉपलीज मच्छर।

30. क्षयरोग के कारक जीव का नाम लिखें।
उत्तर : माइकोबैक्टीरियम ट्यूबकुली नामक जीवाणु।

31. टायफॉयड रोग का कारण क्या है?
उत्तर : साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु।

32. भोजन में चोकर और दूध से अधिकतर क्या मिलता है?
उत्तर : विटामिन डी, कैल्सियम और फॉस्फोरस।

33. रोग से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : किसी कारणवश शरीर या शरीर के किसी अंग का ठीक से कार्य न
करना रोग कहलाता है।

                                   लघु उतरीय प्रश्न

1. अच्छे स्वास्थ्य की दो आवश्यक स्थितियाँ बताइए।
उत्तर : (i) व्यक्ति को रोग रहित होना चाहिए तभी व्यक्ति स्वस्थ कहा जा
सकता है। (ii) व्यक्ति को मानसिक तनाव राधा सामाजिक समस्याओं से मुक्त होना
चाहिए क्योंकि शरीरिक मानसिक व सामाजिक दृष्टि से फिट व्यक्ति हो स्वस्थ
कहलाता है।

2. रोगमुक्ति की कोई दो आवश्यक परिस्थितियाँ बताइए।
उत्तर : (i) रोग मुक्त होने के लिए व्यक्तिगत तथा सामुदायिक सफाई तथा
अच्छा वातावरण आवश्यक है। (ii) पर्याप्त तथा संतुलित भोजन भी शरीर का
रोगमुक्त करने के लिए आवश्यक है।

3. क्या उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर एक जैसे हैं अथवा भिन्न क्यो?
उत्तर : दोनो प्रश्नों का उत्तर अलग-अलग है। क्योंकि स्वास्थ्य से हमारा अर्थ
है कि व्यक्ति मानसिक, शारीरिक व सामाजिक स्वास्थ्य है जबकि रोग मुक्त होने
से अर्थ है शरीरिक स्वास्थ्य अत: दोनों अलग-अलग है।

4. ऐसे तीन कारण लिखिए जिससे आप सोचते हो कि आप वीमार हैं तथा
चिकित्सक के पास जाना चाहते हैं। यदि इनमें से एक भी लक्षण हो तो
क्या आप फिर भी चिकित्सक के पास जाना चाहेंगे? क्यों अथवा क्यों
नहीं?
उत्तर : कुछ सामान्य लक्षण-(i) सिर दर्द, (ii) खाँसी, (iii) दस्त (पेचिश)
यदि इनमें से एक ही लक्षण दिखाई देता है तो भी हमें डॉक्टर के पास जाना
चाहिए।
      कारण : कोई भी एक लक्षण बीमारी का कारण हो सकता है। इसको नजर
अंदाज करके हम खतरनाक अवस्था में जा सकते है।

5. निम्नलिखित में से किसके लंबे समय तक रहने के कारण आप समझते हैं
कि आपके स्वास्थ्य पर धुरा प्रभाव पड़ेगा तथा क्यों?
(i) यदि आप पीलिया रोग से ग्रस्त हैं?
(ii) यदि आपके शरीर पर नँ (lice) हैं।
(iii) यदि आप मुँहासों से ग्रस्त हैं।
उत्तर : (i) पीलिया में, क्योंकि यह क्रोनिक (दीर्घकालिक) रोग है और इसका
प्रभाव सारे शरीर पर लम्बे समय तक रहता है। इलाज समय पर ठीक से न होने
पर मृत्यु भी हो सकती है।

6. जब आप बीमार होते हैं तो आपको मुपाच्य तथा पोषणयुक्त भोजन करने
का परामर्श क्यों किया जाता है?
उत्तर : संक्रमण के समय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए हमें पर्याप्त तथा पाचक भोजन लेने की
सलाह दी जाती है।

7. संक्रामक रोग फैलने की विभिन्न विधियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर : संक्रमित रोगों के फैलने के माध्यम निम्नलिखित है―
(i) वायु द्वारा―छीकने व खाँसने से रोगाणु वायु में आ जाते है तथा स्वस्थ
व्यक्ति में चले जाते हैं।

(ii) जल द्वारा―प्रदूषित व संक्रमित पानी पीने से रोगाणु हमारे शरीर में चले
जाते हैं।

(iii) लैगिक संपर्क―कुछ बीमारियाँ जैसे एड्स संक्रमित व्यक्ति के साथ
लैगिक संपर्क करने पर फैलती है।

(iv) कुछ जीव व जन्तु जैसे मादा एनाफिलीज मच्छर भी रोग वाहक का काम
करते है।

8. संक्रामक रोगों को फैलने से रोकने के लिए आपके विद्यालय में कौन-कौन
सी सावधानियाँ आवश्यक हैं?
उत्तर : (i) भीड़-भाड़ कम करके।
(ii) स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध कराकर।
(iii) ग्राउन्ड व कक्षा के कमरों को स्वच्छ रखकर।
(iv) खांसते व छींकते समय रूमाल का उपयोग करके
(v) स्कूल के आस-पास पानी इकट्ठा नहीं होना चाहिए।
(vi) वैक्सीन व टीका लगवाकर।
(vii) टॉयलेट को साफ-सुथरा रखकर।
(viii) खुले फल व भोजन का उपयोग नहीं करना चाहिए।

9. प्रतिरक्षीकरण क्या है?
उत्तर : जब किसी वैक्सीन या टीके का उपयोग करके शरीर के अन्दर सूक्ष्म
जीवों को मारकर या उनके प्रवेश पर रोक लगाते हैं तो इससे शरीर की प्रतिरोध
क्षमता बढ़ जाती है। शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास करने की प्रक्रिया
को इम्यूनाइजेशन (टीकाकरण) कहते हैं।

10. आपके पास में स्थित स्वास्थ्य केद में टीकाकरण के कौन-से कार्यक्रम
उपलब्ध हैं? आपके क्षेत्र में कौन-कौन सी स्वास्थ्य संबंधी मुख्य
समस्या है?
उत्तर : इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम―
(i) खसरा टीकाकरण
(ii) क्षय रोग के लिए B.C.G टीकाकरण।
(iii) पोलियों से बचने के लिए पोलियो बूँदे।
(iv) चेचक के विरुद्ध टीकाकरण।
(v) हिपेटाइटिस के विरुद्ध टीकाकरण।
(vi) डिपथीरिया, टेटनस व काली खाँसी के विरुद्ध डी.पी.टी. टीकाकरण।
निम्न बीमारियाँ प्रमुख समस्या है―(i) हिपेटाइटिस, (ii) चेचक, (iii) क्षय
रोग, (iv) टैटनस।

11. पिछले एक वर्ष में आप कितनी बार बीमार हुए? बीमारी क्या थीं?
(a) इन बीमारियों को हटाने के लिए आप अपनी दिनचर्या में क्या परिवर्तन
करेंगे?
(b) इन बीमारियों से बचने के लिए आप अपने पास-पड़ोस में क्या परविर्तन
करना चाहेंगे?
उत्तर : तीन बार―(i) मलेरिया, (ii) पेचिश, (iii) वायरत बुखार।
(a) आदत में परिवर्तन― (i) अपने शरीर की सफाई, (ii) मच्छरों के प्रजनन
को रोकना, (iii) कीटनाशकों का छिड़काव, (iv) संतुलित आहार का उपयोग।
(b) वातावरण में परिवर्तन―वातावरण में कूड़ा-करकट व पानी इकट्ठा होने
से रोकना तथा सफाई का ध्यान रखना।

12. डॉक्टर/नर्स/स्वास्थ्य कर्मचारी अन्य व्यक्तियों की अपेक्षा रोगियों के संपर्क
में अधिक रहते हैं। पता करो कि वे अपने-आपको बीमार होने से कैसे बचाते
हैं।
उत्तर : डॉक्टर/नर्स या स्वास्थ्य कर्मी दूसरे लोगों से अधिक बीमार होते हैं
अपने बचाव के लिए उन्हें―
(i) मरीज को देखने के बाद हाथ साफ करने चाहिए।
(ii) मरीज की जाँच करते समय मास्क प्रयोग करना चाहिए।
(iii) सीधे शारीरिक सम्पर्क से बचना चाहिए।
(iv) मरीजों से लैगिक सम्पर्क से बचना चाहिए।
(v) संतुलित आहार लेना चाहिए।

13. अपने पास-पड़ोस में एक सर्वेक्षण कीजिए तथा पता लगाइए कि सामान्यतः
कौन-सी तीन बीमारियाँ होती हैं? इन बीमारियों को फैलने से रोकने के
लिए अपने स्थानीय प्रशासन को तीन सुझाव दीजिए।
उत्तर : तीन सामान्य रोग है―(i) पेचिश, (ii) मलेरिया, (iii) वायरल बुखार
या पीलिया।
सावधानियाँ―
(i) आस-पास, वातावरण तथा पड़ोस को साफ-सुथरा रखना चाहिए।
(ii) नालियों की नियमित सफाई तथा सीवर जल का उचित निकास।
(iii) मच्छरों के प्रजनन वाली जगहों को नष्ट करना।
(iv) पड़ोस में रसायनों व धुओं करना ताकि मच्छर मारे जा सके।
(v) स्वच्छ जल का वितरण।

14. एक बच्चा अपनी बीमारी के विषय में नहीं बता पा रहा है। हम कैसे पता
करेंगे कि (a) बच्चा बीमार है? (b) उसे कौन-सी बीमारी है?
उत्तर : (a) कुछ खास प्रकार के संकेत व लक्षण जैसे दस्त खाँसी आदि से
पता चलता है कि बच्चा बीमार है।

(b) (i) प्रत्येक रोग के अपने कुछ खास लक्षण में उनके बारा हम रोग का पता
लगा सकते है। (ii) प्रयोगशाला में जाँच कराकर बीमारी का पता लगाया जा सकता
है।

15. निम्नलिखित किन परिस्थितियों में कोई व्यक्ति पुन: बीमार हो सकता है।
क्यों?
(a) जब या मलेरिया से ठीक हो रहा है।
(b) यह मलेरिया से ठीक हो चुका है और यह घेचक के रोगी की सेवा कर
रहा है।
(c) मलेरिया से ठीक होने के बाद चार दिन उपवास करता है और चेचक
के रोगी की सेवा कर रहा है?
उत्तर : (c) जब यह मलेरिया के बाद स्वास्थ्य लाभ करने के बाद किसी चेचक
से पीड़ित व्यक्ति की देखभाल कर रहा हो।
        कारण―पर्याप्त व संतुलित भोजन न होने तथा प्रतिरोधक सिस्टम न होने
के कारण।

16. निम्नलिखित में से किन परिस्थितियों में आप बीमार हो सकते हैं? क्यों?
(a) जव आपकी परीक्षा का समय है?
(b) जव आप बस तथा रेलगाड़ी में दो दिन तक यात्रा कर चुके हैं?
(c) जब आप का मित्र खसरा से पीड़ित है।
उत्तर : (c) जब तुम्हारा मित्र मौजिल्स से पीड़ित हो।
कारण―जब तुम्हारा मित्र मीजिल्स से बीमार हो तो तुम उसे बार-बार देखते
जाओगे। मीजिल्स संक्रमित रोग है जो वायु द्वारा फैलती है। जब मित्र खाँसता या
छींकता है तो छोटी-2 बूंदें वायु में गिर जाती है। जो वायु द्वारा फैल जाती है। अत:
तुम इस बीमारी से अधिक बीमार हो सकते हो।

17. क्वाशियरकर व मरापमस में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-क्वाशियरकर व मरासमस में अन्तर निम्न है―
क्वाशियरकर                                       मरासमस
(i) यह 1-5 वर्ष तक के बच्चों को        (i) यह 1-5 वर्ष तक के बच्चों में
प्रोटीन की कमी से होता है।                     प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा वसा की
                                                         कमी से होता है।
(ii) उत्तकों में पानी भर जाता है।           (ii) उत्तकों में पानी नहीं भरता।
(iii) त्वचा काली हो जाती है तथा सूख   (iii) त्वचा पतली हो जाती है तथा
जाती है।                                                  पसलियाँ दिखने लगती हैं। त्वचा
                                                              काली नहीं होती।
(iv) उपाय―पर्याप्त मात्रा में                 (iv) पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन,
प्रोटीनयुक्त भोजन।                                    कार्बोहाइड्रेट व वसायुक्त भोजन।

18. एनीमिया क्या है?
उत्तर―हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का एक निश्चित संख्या से कम
हो जाना एनीमिया कहलाता है। एनीमिया के रोगी के शरीर में हीमोग्लोबिन की
प्रतिशत मात्रा कम होती है जिससे रोगी कमजोरी का अनुभव करता है। इसमें रोगी
को माँस, हरी पत्ती वाली सब्जियाँ, सेब, केल, अमरूद, दूध एवं अण्डे लेना चाहिए।

19. इनफ्लूएंजा क्या है?
उत्तर―इनफ्लूएंजा एक वायुजनित रोग है। यह वायरस के द्वारा उत्पन्न होता
है। इसमें एक बहना, खाँसी आना तथा ज्वर प्रमुख लक्षण है। इसके रोगियों से
हमेशा दूर रहना चाहिए।

20. मरासमस के कारण, लक्षण तथा पर्याप्त रोकथाम लिखिए।
उत्तर―मरासमस रोग प्रायः 1 वर्ष तक के बच्चों में होता है। मरासमस प्रोटीन,
कार्बोहाइड्रेट तथा वसा की कमी से बच्चों में होता है। इसके प्रमुख लक्षण शरीरिक
भार में कमी, माँस में कमी, मंदित बुद्धि-मानसिक एवं शारीरिक दोनों इत्यादि है।
इसके बचाव के लिए रोगी को प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा वसायुक्त भोजन देना
चाहिए। उदाहरण के लिए गेहूँ, चना, मटर, चिकन, मटर आदि।

21. एंथ्रेक्स क्या है?
उत्तर―"वैसिलस एंसिस" नामक बैक्टीरियम से उत्पन्न होने वाला एंथ्रेक्स
रोग है। यह पूर्णतः संक्रामक बीमारी है। यह बीमारी प्रायः जंगली एवं पालतू जन्तुओं,
यथा―गाय, बैल, भेह-धकरी आदि में उत्पन्न होता है। संक्रमित पशुओं के सम्पर्क
में आने से यह मनुष्य में भी हो सकता है। एंथ्रेक्स संक्रमित पशुओं के अधपके माँस
खाने पर भी हो सकता है।

22. ए.आई.डी०एस० (AIDS) का पूरा नाम लिखें। किन्हीं दो आनुवंशिक रोगों
के नाम लिखें।
उत्तर : एड्स (AIDS) का पूरा नाम उपार्जित प्रतिरक्षा हीनताजन्य सिंड्रोम
(Acquired Immuno Defieciency Syndrome) है।
आनुवंशिक रोग― हीमोफीलिया, दांत्रकोशिका, रक्ताल्पता (Sickle cell
Anaemia)।

23. विश्व स्वास्थ्य संगठन के दो कार्यों को लिखें।
उत्तर : विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्य―(i) सभी देशों के लोगों को उच्च
स्तर पर स्वास्थ्य लाभ कराना। (ii) एड्स, चेचक, पोलियो, गलघोंटू, काली खाँसी,
हेपेटायटिस 'बी' इत्यादि की समाप्ति के लिए प्रयास।

24. एड्स के लिए उत्तरदायी विषाणु का एक नामांकित चित्र बनाएँ।
उत्तर:

25. हैजा क्या है? इसके कारण तथा फैलने की विधि लिखें।
उत्तर : हैजा एक अत्यधिक संचरणीय जीवाणु जनित रोग है जो मेलों में तथा
बाद के बाद फैलता है। समय पर नियंत्रण न होने पर यह बहुत बड़ी जनसंख्या में
महामारी के रूप में होता है। हैजे का कारण विनियों कोलरी नामक जीवाणु है। यह
मक्खियों, संक्रमित जल तथा भोजन द्वारा फैलने वाला रोग है। स्वच्छता न होने
पर यह सीव्र गति से फैलता है।

26. बाजार में उपलव्य जीवन रक्षक घोल (O.R.S.) का संगठन क्या है?
उत्तर : इसमें 3.5g सोडियम क्लोराइड (साधारण नमक), 25g सोडियम
बाइकानिट (बेकिंग सोडा) तथा 1.5g पोटैशियम क्लोराइड, 20g ग्लूकोज तथा
40g सुक्रोज (चीनी) होती है। इसे 1 लीटर जल में घोलकर प्रयोग करना चाहिए।

27. तपेदिक क्या है? इसके कारण तथा फैलने की विधि लिखें।
उत्तर : तपेदिक एक जीवाणु जनित संक्रामक रोग है। यह माइकोबैक्टीरियम
ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है। यह जीवाणु ट्यूबकुलिन
नामक एक विषैला पदार्थ उत्सर्जित करता है जिससे शरीर के सभी अंगों को हानि
पहुँच सकती है। इस रोग की खोज राबर्ट कॉच (Robert Koch) नामक वैज्ञानिक
ने सन् 1992 में की। यह रोग रोगी से स्वस्थ व्यति में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से
फैलता है। रोगी के खाँसने, छींकने, बात करने या धूकने से निकली संक्रमित बलगम
की सूक्ष्म बूंदों के साथ जीवाणु वायु में आ जाते है, जो स्वस्थ व्यक्ति द्वारा साँस
के साथ उसके फेपड़ों में पहुँचत जाते है तथा वह रोगी हो जाता है।

28. रैबीज से क्या तात्पर्य है? इस रोग के क्या लक्षण हैं?
उत्तर : कुत्ते, बिल्ली, बंदर या खरगोश के काटने से रैबीज नामक रोग हो
सकता है। यह एक घातक रोग है। यह रोग रैबीज के विषाणु के कारण होता है जो
कि संक्रमित जंतु कुते, बिल्ली आदि) की लार में पाए जाते हैं। जब ये जंतु किसी
स्वस्थ व्यक्ति को काटते है तो ये विषाणु मनुष्य के रुधिर में पहुंच जाते हैं। संक्रमण
के 1-3 माह तक रोग के लक्षण दिखाई नहीं देते।
              रोग के लक्षण ― (i) तीव्र सिर दर्द तथा सीव जवर होता है। (ii) गले व
छाती की मांसपेशियों में पीड़ा के साथ संकुचन होता है। (iii) रोगी बेचैन रहता है
तथा गले में घुटन महसूस करता है। (iv) तरल भोजन को भी निगलने में कठिनाई
का अनुभव करता है। रोगी जल से डरता है इसलिए इस रोग को जल भीति
(हाइड्रोफोबिया) भी कहते हैं। इस रोग में केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को गंभीर क्षति
पहुँचती है पक्षाघात हो जाता है तथा पीड़ादायक मृत्यु तक हो जाती है।

29. रवीज की रोकथाम व नियंत्रण के उपाय लिखें।
उत्तर : रैबीज की रोकथाम ― (i) कुत्ते या अन्य जंतु के काटने से उत्पन्न
घाव को तुरंत कारबोलिक साबुन तथा स्वच्छ जल से धोना चाहिए। एंटीसेप्टिक
दवाई लगानी चाहिए।

    (ii) इस प्राथमिक उपचार के बाद बिना किसी विलंब के रैबीज प्रतिरोधी टीके
के लिए चिकित्सक के पास जाना चाहिए।

    (iii) कुत्ते, बिल्लयों को रैबीज प्रतिरोधी टीका अनिवार्य रूप से लगवाना
चाहिए।

     (iv) ऐसे रैबीज वाहक जंतु जिनके मुँह से अत्यधिक लार आती हो तथा जो
काटने के बाद अलग-थलक रहने लगे, तुरंत मार देना चाहिए।

      (v) रैबीज वाहक जंतु के काटने पर पाश्चुर उपचार दिया जाना चाहिए। इस
उपचार में 14 टीके लगाए जाते है। आजकल चिकित्सकों द्वारा 5 रैबीज प्रतिरोधी
टीकों का परामर्श दिया जाता है। इन टीकों को जंतु द्वारा काटने के (0) दिन, (3)
तीसरे (7) सातवें, (14) चौदहवें तथा (30) तीसवें दिन लगाया जाता है।
         नियंत्रण―रोग बढ़ने के बाद इसकी चिकित्सा उपलब्ध नहीं है। इसकी
रोकथाम ही इसका नियंत्रण है।

30. क्या अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यायाम के साथ विश्राम भी आवश्यक है?
समझाएँ।
उत्तर : अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यायाम के साथ-साथ विश्राम भी आवश्यक
है। विश्राम जिसमें नियमित रूप से सोना (नींद करना) निहित है स्वास्थ्य के लिए
अति आवश्यक है। नींद की अवधि आयु तथा कार्य की प्रकृति पर निर्भर करती है।
शिशु अधिक लंबी अविध (अधिक घंटों) तक सोते हैं जो कि उनकी वृद्धि के लिए
आवश्यक है। बच्चों के लिए औसत.8 घंटों की गहरी नींद पर्याप्त होती है जबकि
व्यस्व लोगों के लिए केवल 6 घंटे की नींद पर्याप्त है।

31. मलेरिया किन जीवों द्वारा उत्पन्न होता है तथा कैसे फैलता है?
उत्तर : मलोरिया प्रोटोजोआ वर्ग के एक जीव प्लाज्मोडियम वाइवैक्स द्वारा
उत्पन्न होता है। यह एक परजीवी है जिसका जीवन-चक्र दो परपोषियों मादा
एनाफिलीज मच्छर तथा मनुष्य में पूरा होता है। जब इन परजीवियों से ग्रसित मादा
एनाफिरलीज मच्छर किसी स्वस्थ्य मनुष्य के शरीर से रक्त चूसता है उस समय
मच्छर की लार के साथ यह परजीवी मनुष्य के रक्त में प्रवेश करते हैं तथा मनुष्य
मलेरिया से पीड़ित हो जाता है अर्थात् मादा एनाफिलीज मच्छर मलेरिया का
वाहक है।

32 मलेरिया के लक्षण क्या हैं?
उत्तर : सिर दर्द, जी मिचलाना, मांसपेशियों में दर्द तथा तीव्र ज्वर मलेरिया
के मुख्य लक्षण है। सामान्यतः मलेरिया का प्रभाव 6 से 10 घंटे की अवधि का तथा
तीन अवस्थाओं का होता है। शीत चरण जिसमें ठंड तथा कंपकपी लगती है, ऊष्ण
चरण जिसमें तीव्र ज्वर होता है, साँस तथा हृदय की गति तीव्र हो जाते हैं तथा
स्वेदन चरण जिसमें पसीना आता है तथा शरीर का ताप सामान्य हो जाता है। तीन
अवस्थाओं का यह चक्र रुक-रुककर बार-बार होता है। मलेरिया के प्रकोध से मुक्ति
के बाद व्यक्ति निर्बल तथा अरक्तक हो जाता है। यकृत तथा प्लीहा बढ़ जाते है।

33. हिपेटाइटिस या पीलिया की रोकथाम व नियंत्रण के उपाय लिखें।
उत्तर : पीलिया की रोकथाम―(i) उबला हुआ, क्लोरीनयुक्त तथा
ओजोनीकृत जल का प्रयोग करना। (ii) रोगी के बिस्तर तथा बर्तन छूने पर हाथों
को अच्छी तरह साबुन से धाना चाहिए। (iii) रोग से बचाव के लिए हिपेटाइटिस B
का टीका लगवाना चाहिए।
        पीलिया का नियंत्रण ―(i) चिकित्सक के परामर्श पर अंटरफेरोन का टीका
लगवाना। (ii) शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लए पर्याप्त विश्राम करना चाहिए।

34. अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक तीन परिस्थितियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर : अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए न्यूनतम आवश
परिस्थितियों निम्न प्रकार है―(i) उपयुक्त आहार एवं संतुलित भोजन करना चाहिए
जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन तथा खनिज की उचित मात्रा हो। (ii)
व्यक्तिगत तथा घरेलू स्वच्छता इसके अंतर्गत अपने शरीर तथा कपड़ो की एवं
बर्तनों आदि की प्रतिदिन की सफाई आती है। (iii) स्वच्छ भोजन, जल एवं वायु
का उपयोग करना चाहिए। (iv) अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उचित व्यायाम
एवं विश्वाम करना। (v) व्यसनकारी पदार्थों का उपयोग न करना।

                                दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. मलेरियों के कारक, संवाहक, लक्षण तथा नियंत्रण के उपायों का विवरण
लिखिए।
उत्तर― मलेरिया के कारण एवं संवाहक ―मलेरिया एक परजीवी
प्लाजमोडियम के द्वारा उत्पन्न होता है। जब कोई संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर
किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो वह प्लाजमोडियम को उसके रक्त में देता
है। इस प्रकार मलेरिया रोग एक व्यक्ति के शरीर से दूसरे व्यक्ति के शरीर में बहुत
तेजी से फैलता है।

                लक्षण―मलेरिया के मुख्य लक्षण निम्नलिखित है―(i) सिर दर्द, (ii)
मांसपेशियों का दर्द (iii) जी मिचलना, (iv) एक खास अंतराल पर कँपकँपी के
साथ तेज ज्चर होना।

नियंत्रण के उपाय―मलेरिया नियंत्रण के उपाय सर्वप्रथम मच्छर से बचाना
है, फिर भी मुख्य उपाय इस प्रकार है―(i) दरवाजे एवं खिड़कियों पर जाली का
प्रयोग, (ii) मच्छरदानी के अन्दर सोना चाहिए। (iii) बड़ जलजमाव पर किरासन
तेल का प्रयोग करना चाहिए। (iv) क्वीनाइन नामक दवा के प्रयोग से मलेरिया
नियंत्रित कर सकते हैं।

2. विषाणुजनित तीन रोगों के नाम लिखिए तथा किसी एक पूर्ण विवरण भी
लिखिए।
उत्तर―वायरस द्वारा उत्पन्न रोग इस प्रकार है―(i) एड्स, (ii) रेबीज, (iii)
हिपैटिटिस
      एड्स―एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में इसका संक्रमण लैगिक
सम्पर्क, रक्ताधान, संक्रमित सूई या ब्लेड के प्रयोग से होता है। इसका मुख्य लक्षण
निम्न है―(क) लसिका ग्रंथि में सूजन। (ख) रक्त बिम्बाणुओं की कमी के कारण
स्राव एवं ज्वर। (ग) रात को पसीना निकलना एवं भार में कमी। (घ) मस्तिष्क को
गंभीर क्षति।
                   एड्स की रोकथाम हेतु निम्नलिखित सावधानियाँ बरती जानी
चाहिए―(i) अपरिचितों के साथ लैगिक संबंध से बचना चाहिए। (ii) संक्रमित
रक्ताधान नहीं करना चाहिए। रक्त की HIV ऋणात्मकता की जाँच की जानी चाहिए।
(iii) अपरिचित चिकित्सीय विविरण वाले लोगों के साथ सूई की साझेदारी नहीं करनी
चाहिए। (iv) नाई की दुकान का उपयोग होने वाले एक ही अस्तूरे का प्रयोग नहीं
करना चाहिए।
                वर्तमान में एड्स का कोई प्रभाव उपचार उपलब्ध नहीं है।

3. क्वाशियरकर के कारण, लक्षण तथा उपाय बताएँ।
उत्तर―क्वाशियरकर प्रायः एक से पाँच वर्ष की आयु बच्चों को होता है
जिसे प्रतिदिन प्रति किलो शरीर भार के अनुपात में 1 ग्राम से कम प्रोटीन उपलब्ध
होता है। मुख्य रूप से यह जाना जाता है कि क्याशियरकर भोजन में प्रोटीन की
कमी से होता है―
          इसके मुख्य लक्षण इस प्रकार है―(i) बालक चिड़चिड़ा हो जाता है। (ii)
वृद्धि रुक जाती है तथा शारीरिक भार कम हो जाता है। (iii) कोशिकाओं में जल
एकत्र होने से पैर तथा पेट सूज जाते है। (iv) त्वचा शुष्क तथा पपड़ीयुक्त हो जाती
है। (v) रोगी बालक को अरक्तता होती है तथा उसका जिगर बिगड़ जाता है।
मानसिक क्षमता कम हो जाती है।
   उपाय―इसका मुख्य उपाय यह है कि इसके मरीज को भोजन में अधिक
प्रोटीन देने से इस रोग का इलाज किया जा सकता है। इसलिए भोजन में माँस,
मछली, गेहूँ, चने, सोयाबीन आदि देने चाहिए।

4. डायरिया क्या है? इसके कारण, लक्षण, रोकथाम तथा नियंत्रण की विधियों
की चर्चा करें।
उत्तर―डायरिया-बच्चों में होने वाली एक सामान्य बिमारी है। यह संक्रकित
भोजन एवं पानी के उपयोग के कारण उत्पन्न होता है। इसमें 24 घंटों तक लगातार
पतला पाखाना होता रहता है।

          कारण―डायरिया, इशरशिया, कोली, शिगेला आदि जैसे बैक्टीरिया तथा
प्रोटोजोआ एवं वायरस द्वारा उत्पन्न होता है।

          लक्षण―(i) लगातार पतला पाखाना तथा उल्टी होना। (ii) शरीर में पानी
की कमी के कारण रोगी चिड़चिड़ा हो जाता है, उसकी आँखें फँसी नजर आती है,
नाक में चींटी रेगती महसूस होती है, जीभ तथा मुँह सूखा लगता है। अचानक भार
में कमी, धीमी नाड़ी गति, गहरा श्वास तथा ज्वर या बेहोशी इसके लक्षण है।

रोकथाम ―(i) भोजन तथा अन्य दूसरे खाद्य पदार्थों को ढककर रखना
चाहिए। (ii) फल एवं सब्जियों को प्रयोग से पहले अच्छी तरह धो लेना चाहिए।
(iii) व्यक्तिगत साफ-सफाई रखनी चाहिए। भोजन करने से पहले अच्छी तरह से
साबुन से हाथ धोने चाहिए। (iv) सामुदायकि स्वच्छता भी महत्त्वपूर्ण है। (v) बासी
एवं बिना देंका खाना नहीं खाना चाहिए।

     नियंत्रण ― (i) रोगी को पूर्ण आराम करना चाहिए। (ii) जीवाणु विरोधी दवाइयों
तथा डायरियारोधी उपायों का उपयोग डायरिया के उपचार हेतु किया जाना चाहिए।
(iii) शरीर में पानी की कमी को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ORS लगातार देकर पूरी करनी
चाहिए। (iv) ईसबगोल की भूसी पानी अथवा दही के साथ लेनी चाहिए। (v) कच्चे
केले के उबले हुए गुदे के साथ जरूरत के अनुसार नमक, हल्दी चूर्ण तथा चूना का
प्रयोग रोगी को आराम पहुँचाता है।

5. पीलिया या हिपैटिटिस क्या है? इसके उत्पन्न होने के कारण, लक्षण, इसकी
रोकथाम तथा नियंत्रण की विधियों की चर्चा करें।
उत्तर―पीलिया या हिपैटिटिस यकृत की एक बीमारी है। पीलिया के कारण
यकृत में सूजन हो जाता है, फलतः पाचन प्रभावित होता है। हिपैटिटिस के ज्ञात
6 मुख्य प्रकार हैं―हिपैटिटिस A,B,C,D,E एवं G.

कारण ―पीलिया वायरस के संक्रमण से उत्पन्न होता है। हिपैटिटिस वायरस
से संक्रकित जल एवं भोजन द्वारा फैलता है।

लक्षण ― पीलिया अथवा हिपैटिटिस के लक्षण निम्न हैं―(i) उच्च तापक्रम,
सिरदर्द एवं जोड़ों में दर्द, (ii) भूख का समाप्त होना, मितली एवं कै की इच्छा,
(iii) झुंझला देने वाली खुजलाहट, (iv) गहरी पीली पेशाब एवं 3 से 10 दिन बाद
हल्के रंग का पाखाना।

रोकथाम―(i) क्लोरीनयुक्त, आयोडीनयुक्त एवं उबले पानी का प्रयोग।
रोगी के बिछावन एवं बर्तन को छूने के बाद हाथों को अच्छी से ही धोना चाहिए।
(iii) बीमारी से बचने के लिए हिपैटिटिस-B का टीका लगवाना चाहिए।

नियंत्रण―(i) चिकित्सक से सलाह लेने के बाद इंटफेटॉन का टीका लगवाना
चाहिए। (ii) पर्याप्त आराम करना चाहिए। (iii) गन्ने एवं गाजर का रस गुड़ के साथ
लेना चाहिए ताकि शरीर को अधिक कैलोरी मिल सके। (iv) प्रोटीन एवं वसा की
मात्रा भोजन में कम कर देनी चाहिए।

                                                   ◆◆

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