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    Jharkhand Board Class 9TH Science Notes | प्राकृतिक संपदा  

   JAC Board Solution For Class 9TH  Science  Chapter 14


1. शुक्र तथा मंगल ग्रहों के वायुमंडल से हमारा वायुमंडल कैसे भिन्न है?
उत्तर : हमारे वायुमंडल में अनेक गैसों जैसे-नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन
डाइऑक्साइड तथा जलवाष्प का मिश्रण है जो जीवन को बनाए रखने में सहायता
करता है। लेकिन शुक्र व मंगल के वायुमंडल में 95 से 97% तक कार्बन
डाइऑक्साइड होती है।

2. वायुमंडल एक कंबल की तरह कैसे कार्य करता है?
उत्तर : वायुमंडल एक कंबल की तरह कार्य करता है―(i) यह औसत ताप
को स्थिर रखता है। (ii) यह दिन के समय अचानक ताप की वृद्धि को रोकता है।
(iii) रात के समय यह बाहरी अंतरिक्ष में ऊष्मा के पलायन को रोकता है।

3. वायु प्रवाह (पवन) के क्या कारण हैं?
उत्तर : पृथ्वी के ऊपर की वायु शीघ्रता से गर्म होकर हल्की हो जाती है और
ऊपर उठ जाती है। इस प्रकार वायु का दाब कम हो जाता है। अत: समुद्र के ऊपर
की वायु कम दाब वाले एरिया की तरफ बहने लगती है। यह बहती हुई वायु पवन
(प्रवाह) कहलाती है।

4. बादलों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर : जल स्रोतों से पानी वाष्प के रूप में हवा में चला जाता है। कुछ
जलवाष्प हवा में पहले से ही मौजूद होते हैं। ऊपर जाकर जलवाष्प ठंडी हो जाती
है। ठंडी होकर यह छोटी-छोटी जल की बूंदे वायु में निलंबित होकर बादलों का
निर्माण करती है।

5. जीवों को जल की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर : जीवों को जल की आवश्यकता पड़ती है―(i) जीवों में कोशिकीय
प्रक्रियाओं के लिए। (ii) पदार्थों का एक भाग से दूसरे भाग पर स्थानान्तरण के लिए।

6. जिस गाँव/शहर/नगर में आप रहते हैं वहाँ पर उपलब्ध शुद्ध जल का मुख्य
स्रोत क्या है?
उत्तर : नदी या कुआँ।

7. क्या आप किसी क्रियाकलाप के बारे में जानते हैं जो इस जल के स्रोत को
प्रदूषित कर रहा है?
उत्तर : (i) नदी―सीवर का पानी, नहाने व धोने वाला पानी नदी जल को
प्रदूषित करता है।

(ii) कुआँ―नहाने व धोने वाला पानी कुएँ के पानी को प्रदूषित करता है।

8. मृदा अपरदन क्या है?
उत्तर : मिट्टी की ऊपरी उपजाऊ परत के हटने की प्रक्रिया को मिट्टी का
अपरदन कहते है।

9. जल-चक्र के क्रम में जल की कौन-कौन सी अवस्थाएँ पाई जाती हैं?
उत्तर : जल-चक्र में पानी को निम्नलिखित तीन अवस्थाओं में प्रयोग होता
है―(i) ठोस (बर्फ), (ii) द्रव, (iii) जलवाष्प।

10. जैविक रूप से महत्त्वपूर्ण दो यौगिकों के नाम दीजिए। जिनमें ऑक्सीजन
और नाइट्रोजन दोनों पाए जाते हैं?
उत्तर― (i) प्रोटोन, (ii) नाभिकीय अम्ल (D.N.A or R.N.A)

11. मनुष्य की किन्हीं तीन गतिविधियों को पहचानें जिनसे वायु में कार्बन
डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती है।
उत्तर : क्रियाकलाप ―(i) जीवाश्मी ईंधन जैसे-कोयला, पेट्रोल या
डीजल को जलाना, (ii) लकड़ी या चारकोल को जलाना, (iii) पेड़ों को काटना।

12. वायुमंडल में पाए जाने वाले ऑक्सीजन के दो रूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर : वायुमंडल में ऑक्सीजन निम्नलिखित दो रूपों में पाई जाती है―
(i) द्विपरमाण्विक रूप में ऑक्सीजन (O₂)
(ii) त्रिपरमाण्विक रूप में ओजोन (O₃)

13. जीवन के लिए वायुमंडल क्यों आवश्यक है?
उत्तर : वायुमंडल का महत्त्व―(i) यह ताप को लगभग स्थिर रखता है।
यदि पृथ्वी का ताप अचानक बढ़ जाता है तो यह जीवन के लिए हानिकारक होता
है।
(ii) यह रात के समय ऊष्मा का बाहरी अंतरिक्ष में पलायन को रोकता है।

14. जीवन के लिए जल क्यों अनिवार्य है?
उत्तर : पानी का महत्त्व ― (i) कोशिका के अन्दर होने वाले जैविक क्रियाओं
के लिए पानी आवश्यक है। (ii) पदार्थों के एक भाग से दूसरे भाग तक स्थानान्तरण
के लिए पानी आवश्यक है।

15. प्राकृतिक संसाधन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : प्रकृति में पाए जाने वाले ऐसे पदार्थों के भंडार जो मानव मात्र के लिए
उपयोगी हैं, प्राकृतिक संसाधन कहलाते है।

16. किन्हीं पाँच प्राकृतिक संसाधनों के नाम लिखिए।
उत्तर : वायु, जल, खनिज, वनस्पति, जंतु।

17. वायुमंडल क्या है?
उत्तर : पृथ्वी के चारों ओर गैसों का आवरण वायुमंडल कहलाता है।

18. उन गैसों के नाम लिखो जो वायु का लगभग 99% भाग हैं?
उत्तर : नाइट्रोजन (N₂) 78.08% तथा ऑक्सीजन (O₂) 20.9%

19. वायुमंडल की उस परत का नाम बताइए जिसमें ओजोन पायी जाती है।
उत्तर : समताप मंडल (स्ट्रेटोस्फीयर)।

20. ओजोन परत का क्या महत्त्व है।
उत्तर : यह जीवों (मनुष्य सहित) के लिए हानिकारक पराबैगनी विकिरणों का
अवशोषण कर इन्हें पृथ्वी तक नहीं पहुँचने देती।

21. पौधों की वृद्धि तथा विकास के लिए आवश्यक प्राकृतिक माध्यम का नाम
लिखिए।
उत्तर : मृदा (मिट्टी)

22. मृदा का वर्गीकरण किस आधार पर किया जाता है?
उत्तर : भौतिक स्वरूप तथा संरचना के आधार पर मृदा का वर्गीकरण किया
जाता है।

23. एक नवीकरणीय तथा एक अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत लिखिए।
उत्तर : नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत–वायु, जल। अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत―
कोयला, पेट्रोलियम।

24. एक गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत का नाम लिखिए।
उत्तर : सौर ऊर्जा।

25. ऐसे स्थानों के नाम लिखिए जहाँ पवन ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पादन के
लिए हमारे देश में किया जाता है।
उत्तर : गुजरात में कच्छ तथा ओखा, उड़ीसा में पुरी तथा तमिलनाडु में
ट्यूटीकोरिन।

26. OTEC का पूर्ण रूप लिखिए।
उत्तर : समुद्र तापीय ऊर्जा परिवर्तन
              (Ocean Thermal Energy Conversion)।

27. हमारे देश का कितना भौगोलिक क्षेत्र वनों से ढका है?
उत्तर : 6.36 करोड़ हेक्टेयर जो देश के संपूर्ण भौगोलिक क्षेत्र का लगभग
20% है।

28. वनों की कटाई के मुख्य कारण लिखिए।
उत्तर : (i) जनसंख्या में वृद्धि (ii) शहरीकरण व औद्योगिकरण (iii) अधिक
कृषि योग्य भूमि की आवश्यकता (iv) वर्षा में कमी।

                                लघु उतरीय प्रश्न

1. शुक्र तथा मंगल ग्रहों के वायुमंडल से हमारा वायुमंडल कैसे भिन्न है?
उत्तर : हमारे वायुमंडल में अनेक गैसों जैसे-नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन
डाइऑक्साइड तथा जलवाष्प का मिश्रण है जो जीवन को बनाए रखने में सहायता
करता है। लेकिन शुक्र व मंगल के वायुमंडल में 95 से 97% तक कार्यन
डाइऑक्साइड होती है।

2. वायुमंडल एक कंवल की तरह कैसे कार्य करता है?
उत्तर : वायुमंडल एक कंबल की तरह कार्य करता है―(i) यह औसत ताप
को स्थिर रखता है। (ii) यह दिन के समय अचानक ताप की वृद्धि को रोकता है।
(iii) रात के समय यह बाहरी अंतरिक्ष में ऊष्मा के पलायन को रोकता है।

3. वायु प्रवाह (पवन) के क्या कारण हैं?
उत्तर : पृथ्वी के ऊपर की वायु शीघ्रता से गर्म होकर हल्की हो जाती है और
ऊपर उठ जाती है। इस प्रकार वायु का दाब कम हो जाता है। अतः समुद्र के ऊपर
की वायु कम दाब वाले एरिया की तरफ बहने लगती है। यह बहती हुई वायु पवन
कहलाती है।

4. बादलों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर : जल स्रोतों से पानी वाष्प के रूप में हवा में चला जाता है। कुछ
जलवाष्प हवा में पहले से ही मौजूद होते हैं। ऊपर जाकर जलवाष्प ठंढी हो जाती
है। ठंडी होकर वह छोटी-छोटी जल की बूंदें वायु में निलंबित होकर बादलों का
निर्माण करती हैं।

5. जीवों को जल की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर : जीवों को जल की आवश्यकता पड़ती है―(i) जीवों में कोशिकीय
प्रक्रियाओं के लिए। (ii) पदार्थों का एक भाग से दूसरे भाग पर स्थानान्तरण के लिए।

6. क्या आप किसी क्रियाकलाप के बारे में जानते हैं जो इस जल के स्रोत को
प्रदूषित कर रहा है?
उत्तर : (i) नदी―सीवर का पानी, नहाने व धोने वाला पानी नदी जल का
दुषित करता है।

(ii) कुआँ―नहाने व धोने वाला पानी कुँए के पानी को प्रदूषित करता है।

7. अपरदन को रोकने और कम करने के कौन-कौन से तरीके हैं?
उत्तर : (i) अधिक से अधिक फसल उगाना। (ii) अधिक चराई को रोकना।
(iii) पेड़ों के काटने को कम करना तथा काटे गये पेड़ों के स्थान पर अधिक पेड़
उगाना। (iv) मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखना तथा फसल उगाना।

8. जल-चक्र के क्रम में जल की कौन-कौन सी अवस्थाएँ पाई जाती हैं?
उत्तर : जल-चक्र में पानी की निम्नलिखित तीन अवस्थाओं में प्रयोग होता
है―(i) ठोस (बर्फ) (ii) द्रव, (iii) जलवाष्प।

9. मनुष्य की किन्हीं तीन गतिविधियों को पहचाने जिनसे वायु में कार्बन
डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती है।
उत्तर : क्रियाकलाप-(i) जीवाश्मी ईंधन जैसे-कोयला, पेट्रोल या डीजल
को जलाना, (ii) लकड़ी या चारकोल को जलाना, (iii) पेड़ों को काटना।

10. ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है?
               उत्तर : ग्रीन हाउस प्रभाव― पृथ्वी सूर्य से विभिन्न तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश
को प्राप्त करती है। वायुमंडल के ऊपरी भाग में स्थित ओजोन हानिकारक पराबैंगनी
किरणों को शोषित कर लेती है। पृथ्वी अन्य विकिरणों को प्राप्त करके अधिक तरंगदैर्ध्य
वाली अवरक्त किरणों के रूप में उन्हें परावर्तित कर देती है। वायुमंडल में उपस्थित
कार्बन डाइऑक्साइड के अणु इन विकिरणों को अवशोषित कर लेते हैं। इससे
वायुमंडल का ताप बढ़ जाता है। इसे ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं।

11. वायुमंडल में पाए जाने वाले ऑक्सीजन के दो रूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर : वायुमंडल में ऑक्सीजन निम्नलिखित दो रूपों में पाई जाती है―(i)
द्विपरमाण्विक रूप में ऑक्सीजन (O₂), (ii) त्रिपरमाण्विक रूप में ओजोन (O₃).

12. जीवन के लिए वायुमंडल क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर : वायुमंडल का महत्व ―(i) यह ताप को लगभग स्थिर रखता है।
यदि पृथ्वी का ताप अचानक बढ़ जाता है तो यह जीवन के लिए हानिकारक होता
है। (ii) यह रात के समय ऊष्मा का बाहरी अंतरिक्ष में पलायन को रोकता है।

13. जीवन के लिए जल क्यों अनिवार्य है?
उत्तर : पानी का महत्त्व ―(i) कोशिका के अन्दर होने वाले जैविक क्रियाओं
के लिए पानी आवश्यक है। (ii) पदार्थों के एक भाग से दूसरे भाग तक स्थानान्तरण
के लिए पानी आवश्यक है।

14. आपने टेलीविजन पर और समाचारपत्र में मौसम संबंधी रिपोर्ट को देखा
हागा। आप क्या सोचते हैं कि हम मौसम के पूर्वानुमान में सक्षम है?
उत्तर : मौसम का पूर्वानुमान पवन की चाल व दिशा के अध्ययन द्वारा किया
जा सकता है जो वर्षा आदि के विषय में अनुमान लगाने में सहायता करता है। इसके
द्वारा कम व अधिक वायुदाब के क्षेत्रों का पता लगाया जा सकता है। भारत में
अधिकतर वर्षा दक्षिणी-पश्चिमी या उत्तरी-पश्चिमी मानसून द्वारा होती है।

15. हम जानते हैं कि बहुत-सी मानवीय गतिविधियाँ वायु, जल एवं मृदा के
प्रदूषण स्तर को बढ़ा रहे हैं। क्या आप सोचने हैं कि इन गतिविधियों को
कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण के स्तर को घटाने में सहायता
मिलेगी ?
उत्तर : हम जानते हैं कि बहुत-सी मानव क्रियाएँ प्रदूषण को बढ़ाती है। लेकिन
इन क्रियाकलापो को कुछ क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण कम नहीं होगा। वायु,
जल एवं मिट्टी प्राकृतिक संपदाएँ हैं जो आपस में संबंधित है। वे एक जगह सीमित
करके नहीं रखी जा सकती है। वायु कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने पर प्रदूषित
होता है। वायु एक स्थान से दूसरे स्थान तक बहती है अत: CO₂ सभी जगह फैल
जाती है। इसी प्रकार नाइट्रोजन के ऑक्साइड व सल्फर वायु विसरित हो जाती है
तथा वायुमंडल को प्रभावित करती है। जल का प्रदूषण वायु में पुली ऑक्सीजन की
कमी तथा विषैले पदार्थ के मिलने से होता है। यह जलीय जीवों की मृत्यु का कारण
बनता है। इससे खाद्य शृंखला व खाद्य जाल असंतुलित हो जाते हैं।
         इसी प्रकार भूमि प्रदूषण से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को कम करता है। इससे
मृदा अपरदन होता है।
           अतः विभिन्न क्रियाकलापों को कुछ क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण की
समस्या हल नहीं होगी।

16. जंगल वायु, मृदा तथा जलीय स्रोत की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित करते
हैं?
उत्तर : जंगल हवा, मिट्टी व जलीय स्रोत तीनों को प्रभावित करते हैं―
(i) जंगल कार्बन डाइऑक्साइड व ऑक्सीजन के संतुलन को बनाए रखते हैं।
वे प्रकाश संश्लेषण के लिए CO₂ लेते हैं तथा O₂ निकालते हैं तथा श्वसन एवं
दहन से CO₃ निकालते हैं और O₂ लेते हैं।
(ii) जंगल मृदा अपरदन को रोकते है। पौधों की जड़ें मिट्टी को जकड़ रखती
हैं और जल व वायु द्वारा मिट्टी को बहने से रोकती हैं।
(iii) जंगल जल स्रोतों के पुनःपूरण के लिए भी आवश्यक है। ये वाष्पोत्सर्जन
द्वारा व जल-चक्र द्वारा भूमिगत तथा पृथ्वी ऊपर के जल स्रोतों को बनाए रखने में
एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
               इस प्रकार जंगल मिट्टी, जल तथा वायु सोतो की गुणवत्ता को प्रभावित
करते है।

17. क्या होगा यदि वायुमंडल में ओजोन स्तर लुप्त हो जाए।
उत्तर―15 किलोमीटर से 60 किलोमीटर की ऊंचाई पर वायुमंडल में ओजोन
स्तर पाया जाता है। हम जानते हैं कि सौर ऊर्जा में पराबैगनी किरणें भी होती हैं। ये
जीवों के लिए बहुत घातक है। अगर ओजोन स्तर लुप्त हो जाए तो ये किरणे पृथ्वी
पर पहुँचने लगेगी। जीव इनसे बहुत अधिक प्रभावित हो जाएंगे। धीरे-धीरे पृथ्वी पर
से जीवन समाप्त हो सकता है। इन किरणों से त्वचा-कैसर जैसी भयकर बीमारी
उत्पन्न होगी।

18. ग्रीनहाउस प्रभाव को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?
उत्तर : ग्रीनहाउस को प्रभावित करने वाले कारक जलवाष्प, कार्बन
डाइऑक्साइड तथा ओजोन मुख्य हैं। इनमें से कार्बन डाइऑक्साइड इस प्रभाव में
अधिक योगदान देती है, क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड वायुमण्डल में एक समान
रूप से वितरित है। इसके विपरीत जलवाष्प केवल पृथ्वी की सतह के निकट पायी
जाती है। ओजोन (O₃) वायुमण्डल के उच्च स्तरों में पाई जाती है।

19. वायु प्रदूषण का निवारण आप कैसे करेंगे?
उत्तर : (i) धूम्ररहित (smokeless) चूल्हे का उपयोग। (ii) फैक्ट्रियों में ऊँची
चिमनियाँ। (iii) स्वचालित मोटर वाहनों में अच्छे तेल का प्रयोग। (iv) घरों तथा
सड़कों के किनारे अत्यधिक पेड़ लगाना।
ऊर्जा के नवीकरणीय (Renevable) स्त्रोतों का उपयोग जैसे सौर ऊर्जा, वायु
या पवन ऊजी, समुद्री धाराएँ आदि।

20 जल संरक्षण के कोई दो उपाय लिखिए।
उत्तर : (i) राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजनाओ द्वारा। (ii) वर्षा के जल का
हरवेस्टिग (harvesting)। (iii) वाहित मल का उपचारा (iv) उर्वरकों का सही
उपयोग आदि।

21. संरक्षण (conservation) क्या है? यह परिरक्षण (preservation) से किस
प्रकार भिन्न है?
         उत्तर : वातावरण के संरक्षण का अर्थ है उसका भलाई हेतु उपयोग तथा यह
मान रखा जाये कि उसका विनाश न होने पाये। परिरक्षण इससे भिन्न है। परिरक्षण
प्रकृति का प्रबन्धन किया जाता है जैसी वह मानव के क्रियाकलापों से पहले थी
अथवा उस पर प्राकृतिक बल प्रयोग हुआ था।

2. क्या होगा यदि वायु में CO₂ की मात्रा बढ़ जाएगा?
उत्तर : वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से प्रभाव―(i)
फसल पैदावार के क्रम में परिवर्तन। (ii) मानसून वर्षा का समय बदल जाएगा। (iii)
हिमपिण्ड (ध्रुवों पर) पिघलने लगेंगे तथा पृथ्वी के निम्न धरातल वाला क्षेत्र बाढ़
के कारण जलमग्न हो जाएगा।

23. रेडियोधर्मी पदार्थों के दो हानिकारक प्रभाव लिखें।
उत्तर : (i) दीर्घकाल तक लगातार रेडियोऐक्टिव पदार्थों के उद्मासन से कैंसर
एवं ल्यूकेमिया जैसे घातक रोग हो सकते हैं तथा इनसे उत्परिवर्तन भी प्रेरित हो
सकते हैं। (ii) उत्परिवर्तित जीन मानव, जन्तु, पौधों में स्थापित रह सकते हैं तथा
भवी पीढ़ी को प्रभावित कर सकते हैं।

24. पराबैंगनी विकिरण के जन्तु एवं पादपों पर दुष्प्रभावों को लिखें।
उत्तर : पराबैंगनी विफिरण के पद जाने से त्वचा का कैसर (skin cancer)
हो जाता है। पौधों में इस विकिरण से मद बुद्धि, आकार छोटा, मोटी त्वचा, छोटी
पत्तियाँ, कोशिकाओं में प्लाजा द्रव्यकुंचन, ऐंथोसायनिन, हरितलवक का नष्ट होना
आदि लक्षण स्पष्ट दिखाई देते हैं।

25. जल के विभिन्न स्रोत क्या है?
उत्तर : विभिन्न क्षेत्रों में जल के विभिन्न स्रोत पाए जाते हैं। कुछ स्रोत संसार
में यह सब जगह पाए जाते हैं और कुछ ऐसे स्रोत है जो कि विशेष क्षेत्रों में ही पाए
जाते हैं। संक्षेप में जल के विभिन्न स्रोत निम्नवत् है―(i) सागर, (ii) वर्षा।
            जल के स्रोत के रूप में वर्षा का जल का वर्गीकरण निम्नलिखित वर्गों में
किया जा सकता है―(i) वर्षा का जल।
(ii) पृथ्वी के धरातल का जल―(क) झील, तालाब और जलाशय (ख)
नदियाँ
(iii) भूमिगत जल―(क) उथले कुएँ (ख) गहरे कुएँ (ग) नलकूप (प)
झरनें।

26. एक रेखाचित्र की सहायता से प्रकृति में ऊर्जा प्रवाह को समझाएँ।
उत्तर : हरे पौधे सौर ऊर्जा ग्रहण करके CO₂ +H₂O को शर्करा में बदल
देते हैं। शाकाहारी उन पौधों को खाते हैं। मांसाहारी जब शाकाहारी का भक्षण करते
है तो ऊर्जा उनमें स्थानान्तरित हो जाती है।
ph1
27. जीव भू-रासायनिक चक्र क्या है? किसी एक चक्र के रास्तों को स्पष्ट करें।
उत्तर : जीवमंडल में रासायनिक तत्वों, जैसे-कार्बन, ऑक्सीजन,
नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, सल्फर, जल तथा कैल्सियम का चक्रण, भू-जैव रासायनिक
चक्रक कहलाता है।
              कार्बन चक्र― हरे पौधे वायुमंडल से CO₂ को प्रकाश-संश्लेषण के द्वारा
कार्बनिक यौगिक बनाते हैं। पेड़-पौधे के कुछ भाग कोयले के रूप में भंडारित होते
है जो दहन के पश्चात् CO₂ देते है जो कि वायुमंडल में चली जाती है।
ph2
चित्र: जीव-मण्डल में कार्बन-चक्र

                                            दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. मनुष्य के तीन क्रियाकलापों का उल्लेख करें जो वायु प्रदूषण में सहायक
हैं।
उत्तर : मानव निर्मित स्रोत―जो विभिन्न मानव क्रियाकलापों द्वारा उत्पन्न
होते हैं। जैसे―(i) जनसंख्या वृद्धि, (ii) वनों का काटना, (iii) शहरीकरण, (iv)
औद्योगीकरण।
                मानव अपने कार्यों द्वारा विभिन्न प्रदूषण जैसे―कार्बन डाइऑक्साइड
(CO₂), सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂), हाइड्रो- कार्बन, आर्सेनिक तथा रेडियोधर्मी
पदार्थ वायु में छोड़ता है।
       कोयला तथा पेट्रोलियम आदि जीवाश्म ईंधनों के जलने से भी प्रदूषक वायु
में पहुँचते हैं।
      कृषि में अत्यधिक उर्वरकों तथा पीड़कनाशियों के प्रयोग से भी वायु में प्रदूषक
पहुँचते हैं।
        ओजोन परत में छेद होने से भी पराबैंगनी, किरणे पृथ्वी तक पहुँचती हैं।

2. मृदा (मिट्टी) का निर्माण किस प्रकार होता है?
उत्तर : मिट्टी बनाने में निम्नलिखित कारक काम करते हैं―
(i) सूर्य-सूर्य पत्थरों को गर्म करता है जिससे वे प्रसारित हो जाते हैं। रात
के समय पत्थर सिकुड़ जाते हैं। इससे उसमें दरार पड़ जाती है और वह टूट जाता
है।
(ii) जल―जल मिट्टी के निर्माण में दो तरीके से सहायता करता है―
(a) सूर्य के ताप से बनी दरार में पानी भर जाता है जो यदि जम जाता है तो
वह दरार को चौड़ा कर देता है लेकिन यदि पानी बाद में जमता है तो यह दरार की
ओर भी चौड़ा करेगा क्योंकि बहता हुआ व जमा हुआ पानी पत्थर को छोटे-छोटे
टुकड़ों में तोड़ देता है।

(b) तेज गति से बहता पानी पत्थर के टुकड़ों को बहा ले जाता है जिससे वे
आपस में टकराकर टूट कर और छोटे हो जाते हैं। इस प्रकार मिट्टी अपने मूल पत्थर
के स्थान से काफी दूर पायी जाती है।

(iii) हवा―हवा से पत्थर के टुकड़े आपस में टकराकर और भी छोटे टुकड़ों
में बँट जाते हैं।

(iv) जीव―जीव भी मिट्टी के बनने की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। लाइकेन
पत्थरों की सतह पर उगते हैं जो पत्थर को चूर्ण के रूप में बदल देते हैं और मिट्टी
की परत का निर्माण करते हैं। इसी प्रकार माँस भी मिट्टी को बारीक करने का काम
करते हैं।

3. जीवित प्राणी मृदा पर कैसे निर्भर है? क्या जल में रहने वाले जीव संपदा
के रूप में मृदा से पूरी तरह स्वतंत्र हैं?
उत्तर : जीवित प्राणी प्रत्यक्ष या परीक्ष रूप से मिट्टी पर निर्भर करते है क्योंकि
सभी जीवित प्राणी ऊर्जा व खाद्य पदार्थों के लिए हरे पौधों पर निर्भर करते है।
माँसाहारी भी दूसरे शाकाहारी जीवों पर निर्भर करते है। पौधे मिट्ठी पर निर्भर करते
है क्योंकि-(i) पौधे अपने भोजन के लिए पोषक तत्व मिट्टी से लेते हैं। (ii) पौधे
अपनी जड़ों द्वारा मिट्टी में खड़े रहते हैं।
       यह कहना सही नहीं है कि जल में रहने वाले जीव पूर्ण रूप से मिट्टी से स्वतंत्र
होते हैं क्योंकि जो जीव पानी में रहते है वे भी हरे पौधों पर निर्भर रहते हैं। वे खनिज
तथा ऊर्जा पौधों से लेते हैं। पौधे मिट्टी से अपना भोजन लेते हैं। चट्टानों में पाए
जाने वाले खनिज भी तभी जीवों द्वारा लिए जा सकते हैं जब वे मिट्टी के रूप में
बदल जाते है।
          अतः यह कहा जा सकता है कि सभी जीव स्थलीय या जलीय मिट्टी पर
प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निर्भर रहते है।

3. जीवमंडल में सम्पन्न होने वाले नाइट्रोजन चक्र (Nitrogen cycle) का
उल्लेख कीजिए। अपने उत्तर के स्पष्टीकरण हेतु स्वच्छ चित्र भी नामांकित
कीजिए।
उत्तर―Nitrogen भी जैव-जीवों के उत्तकों का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। यह
प्रोटीन, ऐमीनो अम्ल तथा न्यूक्लिक अम्लों का आवश्यक घटक है। वायुमंडल
नाइट्रोजन का समृद्ध भंडार है। इसमें लगभग 78%Nitrogen होती है, जो आणविक
रूप (N₂) में उपस्थित रहती है।
             चित्र : प्रकृति में नाइट्रोजन-चक्र

जल भण्डारों में भी Nitrogen होती है। यह जैव-जीवों द्वारा उनके तत्व के
रूप में उपयोग में नहीं लायी जा सकती है। इनको उपयोग में लाने के लिए इनके
रूप में परिवर्तन करना आवश्यक है। जैसे-नाइट्रेट, यह मुख्यतः कुछ जीवों द्वारा
संभव किया जाता है। वायुमंडल में Nitrogen का जीवमंडल के जैव घटकों में
विशेष प्रकार के जीवाणुओं द्वारा स्थिरीकरण तथा स्वांगीकरण (fixation and
assimilation) होता है। अन्य प्रकार के जीवाणु Nitrogen का fixation करने
में समर्थ नहीं है। परन्तु कुछ नील हरित शैवालो (Blue Green alage) में भी
स्थिरीकरण का होता है। यह शैवाल धान के खेतों में पायी जाती है। नाइट्रोजन
स्थिरीकारक जीवाणु फलीदार फसल के पौधों की जड़ें की गाठों में पायी जाती है।
नाइट्रोजन स्थिरीकारक जीवणु फलीदार फसल के पौधों की जड़ों की गाठों में पाए
जाते हैं। कुछ अफलीदार पौधों, जैसे-एलनस, पीकगों में भी नाइट्रोजन स्थिरीकरण
करते हैं। मृत पौधों एवं जन्तुओं के शरीर का सूक्ष्म जीवों द्वारा अपघटन प्रक्रिया के
माध्यम से Nitrogen वायुमंडल में पुनः मुक्त होता है। मृदा में स्थित नाइट्रेट भी
पौधों द्वारा अवशोषित किए जाते हैं। Bacteria (जीवाणु) तथा शैवाल (algae)
किए गए Nitrogen fixation को जैव यौगिकरण भी कहते हैं। वायुमंडल में
उपस्थित Nitrogen का fixation वायुमंडलीय एवं औद्योगिक प्रक्रियाओं द्वारा भी
हो सकता है। आजकल औद्योगिक प्रक्रियाओं द्वारा स्थिरीकरण Nitrogen की मात्रा
तथा जैव प्रक्रियाओं द्वारा स्थरीकरण नाइट्रोजन की मात्रा के लगभग बराबर हो गई
है। जीवमण्डल में Nitrogen cycle में निम्नलिखित महत्वपूर्ण चरण होते हैं―
वायुमंडल की नाइट्रोजन→ N₂ –fixation & animilation
          ↑
Denitration ←Nitration ←ammonification

4. Oxygen cycle (ऑक्सीजन चक्र) पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए। एक
नामांकित चित्र द्वारा Oxygen cycle के विभिन्न चरणों को समझावें।
उत्तर―हमें ज्ञात है कि वायुमंडल के गैसीय घटकों का लगभग 21%oxygen
है। जल भण्डारों में यह पानी में घुली हुई स्थिति में होती है, जो जलीय जीवों को
जीवित रखने में सहायता करती है। Oxygen (ऑक्सीजन), CO₂ तथा H₂O के
रूप में यौगिक रूप में भी जैव शरीरों में प्रवेश तथा निर्गम करती है। जीवमण्डल
        जीवमंडल में O₂ चक्र (ऑक्सीजन चक्र)

को ऑक्सीजन उपलब्ध करने वाले प्रमुख स्रोत हरे पौधे हैं। हम जानते हैं कि
Oxygen प्रकाश संश्लेषण का वह उत्पाद है जिसे समस्त जीव, पौधे, जन्तु तथा
अपघटक भी श्वसन हेतु वायुमंडल में उपलब्ध Oxygen का उपयोग करते हैं।
इस प्रक्रिया का सह उत्पाद CO₂, वायुमंडल में युक्त कर दी जाती है। कोयला,
लकड़ी तथा अन्य ईधन दहन तथा जलने में वायुमंडल की ऑक्सीजन का उपयोग
करते हैं। Oxygen and Carbon dioxide का अभूतपूर्व सन्तुलन बनाए रखने
में तथा इन दोनों चक्रों में जीव प्रमुख भूमिका निभाते हैं।


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