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   Jharkhand Board Class 8 Geography Notes | खनिज और शक्ति संसाधन  

    JAC Board Solution For Class 8TH (Social Science) Geography Chapter 3


प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए―
(क) ताँबा ............. खनिज है।
(ख) कोयला ................ ईंधन के उदाहरण हैं।
(ग) ज्वारीय ऊर्जा ................ऊर्जा के स्रोत हैं।
(घ) मणीकरण ................ ऊर्जा के लिए माना जाता है
(ङ) झरिया .................के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
उत्तर― (क) धात्विक   (ख) जीवाश्म   (ग) गैर-परम्परागत
(घ) भू-तापीय   (ङ) कोयला।

प्रश्न 2. लघु उत्तरीय प्रश्न–
(क) जीवाश्म ईंधन क्या है?
उत्तर― जैविक तत्वों के अपघटन व कायांतरण से उत्पन्न या भू-गर्भ
में बनने वाले ईंधन को जीवाश्म ईंधन कहते हैं। पौधों व जानवरों के
अवशेष लाखों वर्षों तक भू-गर्भ में दवे रहकर ताप व दाव के कारण
परिवर्तित होकर जीवाश्म ईंधन बनते हैं। कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक
गैस जीवाश्म ईंधन के उदाहरण है।

(ख) ऊर्जा के गैर परम्परागत स्रोत कौन-कौन है ?
उत्तर― ऊर्जा के गैर परम्परागत स्रोत निम्नलिखित हैं―(i) सौर-ऊर्जा
(ii) पवन-ऊर्जा   (iii) भू-तापीय ऊर्जा  (iv) ज्वारीय-ऊर्जा  (v) परमाणु-कर्जा
(vi) वायो गैस।

(ग) झारखंड में बॉक्साइट उत्पादन करने वाले दो जिलों के
नाम बताएं?
उत्तर―झारखण्ड में बॉक्साइट उत्पादन करने वाले दो जिले हैं―
गुमला और लोहदग्गा।

(घ) 'काला सोना' किसे कहा जाता है ?
उत्तर―पेट्रोलियम और उसके उत्पादों को 'काला सोना' या 'तरल
सोना' कहा जाता है, क्योंकि ये काफी उपयोगी और मूल्यवान होते हैं।

(ङ) 'उद्योगों की जननी' के नाम से किस खनिज को जाना
जाता है ?
उत्तर― "उद्योगों की जननी' के नाम से कोयला को जाना जाता है,
क्योंकि औद्योगिक ऊर्जा का 40% से अधिक भाग इसी से प्राप्त होता है।
यह कच्चे माल के रूप में भी प्रयुक्त होता है।

प्रश्न 3. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न–
(क) परंपरागत और गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोतों में क्या
अंतर है?
उत्तर― परंपरागत और गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोतों में निम्नलिखित
अंतर हैं―
परम्परागत ऊर्जा―
(i) ऊर्जा के वे स्रोत जो लम्बे समय से सामान्य उपयोग में लाये
जा रहे हैं, वे परम्परागत ऊर्जा के स्रोत कहलाते हैं।
(ii) यह सीमित और समाप्य संसाधन है। इसका केवल एक बार ही
उपयोग किया जा सकता है।
(iii) यह अनवीकरणीय संसाधन है।
(iv) इसके प्रयोग से प्रदूषण फैलता है।
(v) कोयला. पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस आदि इसके उदाहरण हैं।

गैर परम्परागत ऊर्जा-
(i) ऊर्जा के वे स्रोत जो नई तकनीक के विकास के साथ वर्तमान
समय में उपयोग में लाए जा रहे हैं. वे गैर परम्परागत ऊर्जा के
स्रोत कहलाते हैं।
(ii) यह असीमित और असमाप्य संसाधन है। इसका बार-बार
उपयोग किया जा सकता है।
(iii) यह नवीकरणीय संसाधन है।
(iv) यह प्रदूषणमुक्त संसाधन है।
(v) सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा आदि इसके उदाहरण हैं।

(ख) धात्विक एवं अधात्विक खनिज में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर― धात्विक एवं अधात्विक खनिज में निम्नलिखित अंतर हैं―
धात्विक खनिज―
(i) धात्विक खनिज अयस्क के रूप में प्राप्त होता है और शुद्ध
करने पर धातु प्राप्त होती है।
(ii) यह कठोर लचीला, विद्युत सुचालक, ऊष्मा सुचालक और
चमकीला होता है।
(iii) इसका बार-बार पुनः चक्रण और उपयोग किया जाता है।
(iv) सोना, चांदी, तांब, लोहा आदि इसके उदाहरण हैं।
अधात्विक खनिज―
(i) अधात्विक खनिज मिश्रण के रूप में प्राप्त होता है और इनसे
धातु नहीं मिलती है।
(ii) यह मुलायम, भंगुर, विद्युत व ऊष्मा का कुचालक होता है।
(iii) इसका केवल एक बार ही प्रयोग संभव है।
(iv) कोयला, अभ्रक, फॉस्फेट आदि इसके उदाहरण हैं।

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