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 Jharkhand Board Class 8  English  Notes | A New Religion  

JAC Board Solution For Class 8TH English Chapter13 

                             (एक नया धर्म)

                    पाठ का हिन्दी अनुवाद

"Sneha's bicycle was............she had had preksha
worried."                                               [Pages 81-84]
प्रस्तुत पाठ के लेखक डॉ. राजेन्द्र एस० खम्बेटे हैं जिन्होंने सैकड़ों
छोटी कहानियाँ लिखी हैं। अहमदाबाद में प्रैक्टिस करते हैं, कहानियों के साथ
उपन्यास भी लिखते हैं । जागरूक नागरिक हैं। उनकी यह प्रस्तुत कहानी भी
पर्यावरण की चिन्ता समेटे हैं।
         स्नेहा की फटफटिया (गोल्ड रेसर साइकिल) चोरी हो गयी। जोरों की
बारिश हुई थी सो सभी को अपनी साइकिलें कम्पाउन्ड के बाहर लगानी पड़ी
थीं। एक चोर ने फुर्ती दिखाई और स्नेहा की लाल रंग की गोल्ड रेसर
साइकिल पर हाथ साफ कर दिया। पुलिस में रपट लिखाने का कोई फायदा
न हुआ। बारिश से स्कूल का कम्पाउण्ड प्लास्टिक के कचरे निकास जाली
में फँसने से पानी जमाव पूरे कम्पाउण्ड । अहाते में होने से बाइक याहर लगानी
पड़ी जिसका खामियाजा स्नेहा को उठाना पड़ा था।
        आगे चोरी न हो इसके लिए प्रिंसिपल ने कम्पाउण्ड की सफाई
करवायी। पता चला कि पॉलिथिन की थैली और वे हल्के तत्व जिनसे
पॉलिथिन बनते हैं जमा होकर नाली में फंस गये थे जिन्हें मुश्किल से हटाकर
पानी की निकासी करा दी गयी।
   पर स्नेहा उदास थी– मेरी बाइक तो चली गयी जो दुनिया में सबसे
सुन्दर थी।
    बिना बाइक के अब स्नेहा को पैदल स्कूल जाना पड़ता था जिससे वह
रितु से नहीं मिल सकती थी, जिससे वह अपना दुःख बाँटती थी।
        प्रेक्षा ने स्नेहा से पूछा-'अपने पर्यावरण की रक्षा कैसे करें' विषय पर
तुम्हारा निबंध पूरा हुआ कि नहीं। इस विषय पर 2000 रुपये का पुरस्कार
स्कूल दे रही थी जिसमें सिद्धार्थ, स्नेहा ओर प्रेक्षा भागीदार थे । [प्रेक्षा ने
खुश होकर बताया कि उसका निबंध पूरा हो चुका है। वह अपने क्लास की
श्रेष्ठ बुद्धिमान मानी जाती थी।]
          स्नेहा-मुझे नहीं लगता कि मैं अपनी बाइक के बिना कुछ लिख भी
पाऊँगी। इस पर प्रेक्षा ने उसका मजाक उड़ाया तो स्नेहा ने आँखे तरेर कर
उसे देखा।
      प्रेक्षा कार से स्कूल आती थी। अत: उसका स्नेहा का मजाक उड़ाना
स्वाभाविक था।
        स्नेहा ट्यूशन से लौट रही थी तो उसके दिमाग में निबंध लिखने की
योजना चल रही थी। पर रास्ते में उसे कई जगह कीचड़ और गोबर मिले।
तभी एक लौरी ने छपार्क से उसके देह पर गंदा कीचड़ उड़ा दिया। वह गंदी
हो गयी।
       क्लास रूम में सभी स्नेहा के गंदे पैरों को देख रहे थे। क्लास रूप में
शिक्षक ओजोन परतों के धरती पर असर की बातों को समझा रहे थे और
सी० एफ० सी० परफ्यूम का इस्तेमाल नहीं करने की अंत में सलाह दी।
          पर स्नेहा सोच रही थी कि प्रेक्षा के पास तो कम्प्यूटर है जिससे वह
अपने स्पेलिंग भी सुधार सकती है, नये तथ्य, विचार भी ले सकती है। अत:
उसके लिए तो निबंध प्रतियोगिता जीतना मुश्किल ही है।
       प्रेक्षा ने अपने पर परफ्यूम / इत्र स्प्रे कर स्नेहा के गंदे पैरों का मजाक
उड़ाया तो स्नेहा ने कहा- कम से कम मैं ओजोन परत को नुकसान तो नहीं
पहुँचाती।
स्नेहा ने अपने पिता से कहा कि उसे नयी बाइक चाहिए नही तो स्कूल
बैग दो-ढोकर उसकी पीठ अकड़ जाएगी। उसके पिता उसे सेकेण्ड हैण्ड
बाइक दिलाने को सहमत हुए, अपनी आर्थिक परेशानी बताकर । उधर दादी
ने उसे शाम की प्रार्थना में शामिल होने को कहा। अगले दिन प्रेक्षा और
सिद्धार्थ ने अपने लेखों का नमूना शिक्षक को दिखाया पर स्नेहा तो कुछ शुरू
भी नहीं कर पायी थी।
       प्रेक्षा-तुम मेरा लेख पढ़ लेना जब मैं इनाम जीत जाऊँगी। क्या तुमने
नयी बाइक खरीदी।
             स्नेहा-मैं नयी बाइक नहीं खरीदूँगी । इससे पर्यावरण और गन्दा हो
जाएगा। बाइक बनाने को धातु के अयस्क जमीन से खोदने पड़ते हैं जिससे
धरती की ऊपरी सतह खराब हो जाती है। फिर अयस्कों को शुद्ध करने से
CO₂ गैस निकलती है और फिर टॉक्सिक रंग भी तो उड़ेंगे और टायर पर
लगने वाले खर से सल्फर जैसे जहरीले तत्व निकलते हैं।
          प्रेक्षा ने कमेंट किया-सब बकवास है।
         सिद्धार्थ-ठीक कह रही है स्नेहा (सही)। एक टन स्टील बनाने के लिए,
हमें कई टन कोयला जलाना पड़ता है।)
      प्रेक्षा ने स्नेहा से पूछा-यह सब कहाँ से सीखो तुम? स्नेहा-पर्यावरण
पर शोध करने के दौरान, निबंध के लिए।
      अब प्रेक्षा के चिंतित होने की बारी थी।

"Sneha was dog-tired.................good for her essay."
                                                                [Pages 84-85]
स्कूल से लौट रही थी स्नेहा तो बुरी तरह थकी हुई थी। पॉलिथिन के
ढेर ने फिर से उसके स्कूल के नाले को जाम कर दिया था।
     'कहाँ से इतना कचड़ा आ गया' वह आश्चर्य से सोच रही थी। तभी
उसे याद आया कि लंच पीरियड में स्कूल के सारे बच्चों ने स्मैक बार के 
पास जमा होकर सैन्डविच खाया, कोला पीया। हर भोजन सामग्री पॉलिथिन
के थैले में आयी थी। प्लास्टिक के पाउच भी तो थे। अधिकतर बच्चों ने
कूड़ेदान में अवशेष फेंके थे पर कुछ इधर-उधर गिर पड़े होंगे या कोई फेंक
दिया होगा जमीन पर और सब पहुँच गये नाले में और उसे जाम कर दिया ।
       थकी हारी वह घर पहुँची तो दादी से कुछ खाने को माँगा तो दादी ने
बस एक केला दिया और कहा-आज शुक्रवार है, तुम्हें उपवास रखना
पड़ेगा।
      दादी बोली-उपवास एक धार्मिक अनुशासन है। सभी धर्मों में उपवास
रखते हैं। ऐसा करने से हम अच्छे इन्सान बनते हैं।
              स्नेहा ने सोचा-बिना अनुशासन के हम जानवर बन जायेंगे। लेकिन
जिस तरह से हम अपने पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहे हैं वह भी तो अच्छी
बात नहीं, अनुशासन नहीं। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी तो अनुशासन
होना चाहिए।
          कोई भी इस विषय पर नहीं सोच रहा। गाय को छुट्टा छोड़ देते हैं।
पूरा समाज दोषी है। ट्रक, टैम्पू ड्राइवर धुँआ वाला ईंधन इस्तेमाल करते हैं।
कल-कारखाने जहरीली गैस उड़ाते है। विभिन्न राष्ट्र परमाणु ईंधन से हवा
दूषित करते हैं परमाणु विस्फोटों, प्रयोगों द्वारा ।
             स्नेहा ने सोचा― इसका एक ही समाधान है-धर्म को पर्यावरण के साथ
जोड़ना । तभी अपने निबंध के लिए स्नेहा को जैसे सही तत्व मिल गये । उसने
एक नये धर्म की स्थापना के लिए कुछ बिन्दु लिखें―
1. सूरज हमारा पिता है क्योंकि वह हमें ऊर्जा देता है।
2. धरती हमारी माँ है क्योंकि वह हमारी परवरिश करती है।
3. पेड़ हमारे बड़े भाई-बहन हैं जो हमें ऑक्सीजन, भोजन और
छाया देते हैं।
4. जानवर हमारे छोटे भाई-बहन हैं जो हमारी मदद करते हैं।
5. इसलिए हमें अपने इस परिवार की सुरक्षा करनी चाहिए।
अब स्नेहा रूक कर सोचने लगी कि क्या यह सब उसके निबंध के
लिए अच्छा होगा।

"I might as well.............rolling down her cheeks."
                                                               [Pages 86-87]
स्नेहा―मुझे अपना लेख जैसा भी लिखाए लिख लेना चाहिए । चूँकि वैसे
भी तो प्रेक्षा ही जीतने वाली है।
     उस रात स्नेहा लगातार लिखती गयी। उसे लगा कि एक बैठक में पूरा
लेख न लिखने पर बातें उसके दिमाग से टूट जाएँगी।
      अगली सुबह उसकी माँ ने उसे अपनी कुर्सी पर सोया पाया। उसे तेज
बुखार था। थकान से बुखार हो गया था।
      स्कूल से स्नेहा के मित्र उसे देखने आये । दादी राम नाम की माला जपने
लगी।
        अगली शाम भी मिलने आए। तब भी स्नेहा को तेज बुखार था । प्रेक्षा
ने उससे निबंध के बारे में पूछा । प्रिया और रितु ने उसके सर पर गीले कपड़े
बदले।
         स्नेहा जैसे ही ठीक हुई उसने अपना निबंध ,दा पर कहीं न मिला ।
लगता है किसी ने रद्दी कागज समझ कर फेंक दिया होगा। वह निराश हो
गयी।
        एक महीने बाद स्कूल में घोषणा हुई कि कोई निबंध प्रतियोगिता में दूसरे
नंबर पर जोता है। (पहले नंबर का विजेता किसी को नहीं घोषित किया
गया) और वह स्नेहा का निबंध था। उसे 1,000 रुपए की पुरस्कार राशि
मिली। प्रेक्षा ने बताया स्नेहा को कि उसी ने उसका निबंध अच्छा जान जमा
कर दिया और अपना निबंध नहीं दिया । स्नेहा ने प्रेक्षा को गले से लगाया।
उसकी आँखों से आँसू बह चले थे।

                                 WORD MEANING

Waterlogged = पानी का जमाव । Quagmire = धँसाव, दलदल ।
Styrofoam = हल्का तत्व जिससे सफेद प्लास्टिक बनते हैं। Debris =
कूड़ा करकट का ढेर, टूटे हुए टुकड़े, मलबा | Clogged = जाम पड़ जाना,
मोटे गीले तत्वों से। Wafted = जल या वायु द्वारा ले जाना, बहाना ।
Jeered = छौंटाकशी, टिप्पणी करना । Trudged = भारी कदमों से, थके
से चलना । Feigning = झूठा दिखावा करना । Pangs = पीड़ादायक भाव
Pilgrimages = तीर्थयात्रा । Indignation = तुच्छ बातों पर प्रकट किया
गया रोष, क्रोध। Despondently = निराशा प्रकट करना । Slurp =
आवाज करके कुछ पीना या खाना | Cleanliness = सफाई | Promptly
= फौरन से I Advantage = लाभ | Grief= दुःख | Smugly = प्रसन्नता
सा | Revenge = बदला | Spatter = छिड़कना (स्प्रे वगैरह) | Assured
= आश्वस्त करना । Pouted = क्रोध प्रकट किया। Religious =
धार्मिक।

                       □ Comprehension Check - 1:

Q. 1. What had caused blockage of the drain?
Ans. The polythene bags and styrofoam cup debris had
clogged the rainwater drains.

Q.2.Why could Sncha notmeetRitu?
Ans. Without her bicycle she could not meet Ritu to
share her grief, because her bicycle was stolen.

Q.3. Who had asked Preksha to participate in the essay
competition?
Ans. Preksha's class teacher had asked Preksha to
participate in the essay competition.

                    □ Comprehension Check - II:

Q. 1. What do perfumes contain that harm the ozone
layer ?
Ans. The perfume contains CFC that harm ozone layer.

Q. 2. What did Sneha's grandma remind her in the
evening?
Ans. Sneha's grand mother reminded her in the evening
that they had to remember God at least once every day.

Q. 3. How does bike manufacture affect the environ.
ment?
Ans. The bike manufacture affect the environment as the
ore for metal will have to be dug, spoiling the topsoil. Then
the refining ore will give of CO₂ and sulphur colours will
have to be used and rubber from tyres will use poisnous elements
like sulphur.

                 □ Comprehension Check-III :

Q.1. What did Grandma remind ?
Ans.Grandma reminded Sneha that it was Friday that day
and she has to pray and fast.

Q. 2. What will happen if religion could be combined
with the protection of environment?
Ans. If religion is combined with protection of
environment it would be an ideal discipline.

Q. 3. Why do people fast on particular days?
Ans. Fasting is a self imposed discpline which helps us
become better persons and all religions have days when one
must not eat.

                           □ Comprehension Check - IV:

Q. 1. Why was Sneha disappointed ?
Ans.The loss of the essay which she searched for and she
could not find it someone probably had thrown it away as a
waste paper was a great disappointment.

Q.2. Why did the principal call Sneha to the dias?
Ans. The principal called Sneha to the dias and declared
that she had won the second prize of Rs 1000.

Q. 3. Who had submitted Sneha's essay for the
competition ?
Ans. Preksha had submitted Sneha's essay for the
competition.

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                    □ Answer the following questions :

Q. 1. What problems did Sneha face as she walked to
her tuition ?
Ans. As she walked to her tuition in the evening thinking
about the essay she had to negotiate many mud puddles and
cow pats. A lorry swerved so near her that she had to jump
plumb into a quagmire of mud and dung. Thick, black diesel
fumes momentarily chocked her.

Q. 2. Why did Sneha feel that she had no chance of
beating Preksha?
Ans. Preksha had a computer to write and check her
spellings and a printer to print her essay and So Sneha felt she
had no chance of beating her.

Q. 3. What was Sneha's rules for a new religion ?
Ans.Sneha's rules for new religion were―
The sun is our father because he gives us energy.
The earth is our mother because she sustains us.
Trees are our elder brothers and sisters give us oxygen,
food and shelter.
Animals are younger brothers and sisters who can help us.
Thus we must help and protect our family.

Q.4. 'The whole society was to blame'. What made Sneha
feel so ?
Ans. Sneha felt the whole society was to blame because
no one had any rules about preserving the environment.

Q. 5. Why did Sneha hug her friend with eyes full of
tears?
Ans Sneha's friend Preksha read her essay when she visited
her home to see Sneha when she was ill and found Sneha's
essay better than her's when so she read it and tore her essay off
and submited Sneha's essay and so Sneha hugged her friend
with tears rolling down her cheeks.

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