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  Jharkhand Board Class 7TH Hindi Notes | आया बदलाव  

    JAC Board Solution For Class 7TH Hindi Chapter 15


पाठ का सारांश : 'आया बदलाव' शीर्षक पाठ आत्मकथा है। इसकी
लेखिका प्रेम लता अग्रवाल झारखंड निवासी है। वह 20 मई, 2011 ई० में
माऊंट एवरेस्ट के 29029 फुट की ऊँचाई पर पहुँची। इस ऊँचाई पर 48 वर्ष
की अवस्था में पहुंचने वाली वह भारत की प्रथम महिला थीं। वह गृहिणी थी।
अपने अंदर की क्षमता का शत-प्रतिशत इस्तेमाल किया तथा लक्ष्य को आसान
बनाया। अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति लेखिका के जीवन में एक कैप के दौरान
बदलाव आया। यह बदलाव समाज के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ।
           लेखक परिचय : प्रेमलता अग्रवाल का जन्म 1965 ई० में हुआ था।
वे 29029 फुट की ऊँचाई पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला थीं जो
पर्वतारोही बछेद्रीपाल के मार्ग दर्शन में 48 साल की उम्र में माऊंट एवरेस्ट
को छूने वाली वे भारत की सबसे अधिक उम्र की पहली पर्वतारोही बनी।
उनकी उपलब्धियों के लिए भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री सम्मान से
सम्मानित किया गया।

                                             अभ्यास प्रश्न
□ पाठ से:
1. मैं अपने अंदर कई तरह के बदलाव महसूस कर रही थी–
लेखिका यहाँ किस तरह के बदलाव की बात कर रही है?
उत्तर―उत्तरकाशी का बेसिक एडवेंचर कोर्स करने के बाद लेखिका
'ए' सर्टिफिकेट के साथ वापस जमशेदपुर लौटी। उस समय वे अपने अंदर
कई तरह के बदलाव महसूस कर रही थी। यह बदलाव कुछ भीतरी थे, तो
कुछ बाहरी भी थे। यह बदलाव लेखिका व्यवहार से समझ सकते थे।
अर्थात् लेखिका अपना काम स्वयं करना सीख चुकी थी। वह किसी पर अब
आश्रित नहीं रही।

2. इस कैप ने मुझे खुद को पहचानने का मौका दिया, मुझे खुद
से मिलवाया-लेखिका ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर―कैप करने के बाद लेखिका आत्म-निर्भर हो गई थी। उनके अंदर
का आत्मविश्वास बाहर आ गया था। वह क्या कर सकती है, उनकी क्षमता
क्या है. ये सारी बातें उन्हें समझ आ गई थी। वे अब घर के मुश्किल कामों
को भी आसानी से कर पा रही थीं।

3. जीवन के प्रति लेखिका की सोच में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर―जीवन की क्षमताओं एवं आकांक्षाओं के प्रति लेखिका की सोच
में सकारात्मक परिवर्तन आया। अब वे उन कामों को करने में भी शर्म महसूस
नहीं करतीं जो पहले करती ही नहीं थीं। इस तरह उनको जीवन के प्रति सोच
में परिवर्तन आया।

4. कैंप जाने के पहले लेखिका किस प्रकार के डर से घिरी रहती
थी?
उत्तर―कैप जाने के पहले लेखिका डरती थी, हिम्मत जुटाती थी। उन्हें
बाहर जाते वक्त कई आशंकाओं ने घेर रखा था। कैम्प जाने के पूर्व कैसे
जाएँगे, क्या करेंगे, वहाँ कैसे रहेंगे, कैसे लोग मिलेंगे-आदि बातें डराती थीं।

5. अक्सर लोग लेखिका से प्रश्न पूछते हैं कि आप इतनी बार पहाड़ों
पर चढ़ती रहती हो, क्या मिलता है पहाड़ों पर चढ़कर ? इसका उत्तर वह
क्या देती है?
उत्तर―जब लोग पूछते तो वो बताती थीं कि मेरी अंतरात्मा शुद्ध हो
गई, अब मैं अपने को स्वच्छ और पवित्र महसूस करती हूँ। शांत महसूस
कर रही हूँ।

□ पाठ से आगे:
1. जब आप खुद को शत-प्रतिशत जान लेते हैं तो आपके लिए
अपने लक्ष्य तक पहुँचना बहुत आसान हो जाता है-आपने अपने लिए
क्या लक्ष्य निर्धारित किया है। उसे प्राप्त करने की योजना के बारे में
लिखिए।
उत्तर― खुद को शत-प्रतिशत जान लेने के बाद हमें लक्ष्य तक पहुँचना
आसान हो जाता है। हमें लक्ष्य स्पष्ट नजर आने लगता है। मैंने परीक्षा में अच्छा
करने का लक्ष्य रखा है। जब हमने शत-प्रतिशत मेहनत किया तो अब यह
लक्ष्य हमें बिल्कुल आसान-सा लगने लगा है।

2. प्रकृति हमें कितना कुछ सिखाती है-आप प्रकृति से क्या-क्या
सीखते है? पाठ से आपने क्या सीखा ?
उत्तर―प्रकृति हमें सादगी सिखाती हैं। प्रकृति हमें प्रेम सिखलाती हैं। प्रकृति
हमें पुल-मिल जाना सिखाती हैं। प्रकृति हमें मैटीरियल चीजों के लिए अधिक
आकर्षण नहीं सिखाती हैं।

3. लेखिका ने समय का सदुपयोग कर जीवन में सफलता प्राप्त की।
आप किसी सफल व्यक्ति से पूछकर लिखिए कि उन्होंने सफलता कैसे
प्राप्त की?
उत्तर― हमने अपने दोस्त रोहित से पूछा कि वह विद्यालय में प्रथम क्यों
आता है। उसने बताया कि वह समय का सदुपयोग सदैव करता है। वह अपने
समय को सकारात्मक ढंग के साथ बिताता है।

                                               ★★★

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