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    Jharkhand Board Class 7TH Hindi Notes | मुक्ति  

    JAC Board Solution For Class 7TH Hindi Chapter 14


पाठ का सारांश : 'मुक्ति' शीर्षक पाठ में लेखक ने अपने जीवन से
जुड़ी दो घटनाओं का वर्णन किया है। पहली घटना में बिन बुलाए मेहमान की
तरह गई चिड़िया का लेखक एवं उसका परिवार प्रतिकार करने लगता
है। खीझ एवं विरोध करने लगता है। बाद में यह खीज एवं विरोध उसके प्रति
आत्मीयता में बदल जाता है।
        दूसरी घटना में लेखक का पूरा परिवार सामने वाले अनजान व्यक्ति के
घर में अनजाने में ही बंद हुई चिड़िया की व्यथा और बेवसी में साथ हो जाता
है। लेखक एवं उसके परिवार की संवेदना का इस पाठ में मार्मिक चित्रण
हुआ है। बंद चिड़िया को लेखक ने मुक्ति दिलाकर चरम संतोष की प्राप्ति
कर ली।

                                            अभ्यास प्रश्न
□ पाठ से:
1. यह कैसे पता चलता है कि चिड़िया के गृह-प्रवेश का मौसम
शुरू हो गया है।
उत्तर―अक्टूबर-नवंबर माह में जब चिड़ियाँ अपने घरों में प्रवेश करने
लगती है और घोसला बनाने के लिए उपयुक्त जगह खोजने लगती है तब लगता
है कि चिड़ियों के गृह-प्रवेश का मौसम शुरू हो गया है। वह इस मौसम में
घोसला बनाने के लिए तिनके इकट्ठा करने लगती है।

2. चिड़ियाँ के गृह-प्रवेश पर शुरूआत में घरवालों की क्या
प्रतिक्रिया हुई और बाद में उसमें क्या बदलाव आया?
उत्तर―चिड़ियों के गृह-प्रवेश के शुरू में बच्चे उसका पीछा करने लगते
हैं। घर के लोग तिनका उठाकर खिड़की से बाहर फेंक देते हैं। तब घर
के लोग उसके घोंसला निर्माण को स्वीकार कर लेते हैं। बच्चे जिद कर
उसके घोसला निर्माण को अनुमति ले लेते हैं।

3. अक के घर में घोंसला बनाने के लिए चिड़ियों ने क्या-क्या
प्रयत्न किए?
उत्तर―लेखक के घर में घोसला बनाने के लिए चिड़ियों ने पहले
खिड़की से प्रवेश कर ची-चीं कर स्थान निश्चित किया। फिर तिनके लाकर
घोसला निर्माण शुरू कर दिया।

4. लेखक की पली और पोती ने लेखक के किस व्यवहार पर ठहाका
लगाया?
उत्तर―लेखक की पुस्तकों पर चिड़िया ने वीट कर दी। वह मन-ही-मन
कुछ सोचकर मुस्कुराया । इसपर उसकी पत्नी और पोती को लगा अपने-आप
बात कर रहे हैं जैसे सनकी हों। इसी पर ठहाका लगाया।

5. घर के लोगों ने चिड़िया को घोंसला बनाने से रोकने के लिए
क्या-क्या उपाय किए?
उत्तर―घर के लोगों ने खिड़कियाँ बंद कर चिड़ियों के प्रवेश पर रोक
लगाना चाहा। इसके लाये तिनको को खिड़कियों से फेंक डाला । चिड़िया
के पीछे बच्चे भाग-भागकर उसे खदेड़ने लगे।

6. कहानी के आधार पर सिद्ध कीजिए कि मुक्ति का सुख केवल
मुक्ति पाने वाले को ही नहीं मिलता, बल्कि उनको भी प्राप्त होता है जो
दूसरों को मुक्त कराने में सहायक होते हैं।
उत्तर―लेखक ने जब पड़ोसी की खिड़की फोड़कर चिड़िया और उसके
बच्चे को मिलवा दिया तो उसे आत्म संतुष्टि हुई कि मुक्ति का सुख केवल
मुक्ति पाने वाले को ही नहीं मुक्तिदाता को अधिक संतुष्ट करता है। उसी तरह
जैसा लेखक आज महसूस कर रहा था।

7. कहानी में चिड़ियों के संबंध में कौन-सी तीन स्थितियाँ आई
हैं–इन तीनों स्थितियों पर लेखक की क्या प्रतिक्रिया हुई।
उत्तर―पहली स्थिति में एक बंद चिड़िया । दूसरी स्थिति में घर के अंदर
पहुँचने का कठीन प्रयास तीसरी स्थिति खिड़की टूटने पर चिड़िया का आपस
में मिलना। इन तीनों स्थितियों में लेखक को मुक्तिदाता सदृश आत्म संतोष
प्राप्त हुआ।

8. दोनों की शैतानी दूब पर ओस की पहली यूँद की तरह ताजगी
भरी और प्यारी थी। इस कथन का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर―जब चिकी ने बोला- दादा जी डर गए, दादा जी डर गए। तब
लेखक को लगा कि चिंकी और चिड़ियाँ की शैतानी दूर पर पड़ी पहली बूँद
की ओस की तरह थी अर्थात् इस पर जब ओस पड़ती है तो दूब खिल उठती
है, ओस की ठंडक से।

□ पाठ से आगे:
1. आप कैसे कह सकते हैं कि आजादी.सबको प्रिय लगती है?
उत्तर―आजादी सभी को प्रिय लगती है। पिंजरे में बंद तोता भी पिंजरे
का दरवाजा खुलने पर सीधा भाग जाता है। जानवर जंजीर तोड़ भाग चलते
हैं। अत: हम कह सकते हैं कि आजादी सबको प्रिय लगती है।

2. अगर लेखक की जगह आप होते तो चिड़ियों को असानी से फ्लैट
से कैसे मुक्त कराते?
उत्तर―हम भी लेखक की तरह ही उपाय कर चिड़ियों को मुक्त कराते
किन्तु लेखक से थोड़ा जल्दी यह सब करते ।

3. क्या आपके परिवार या विद्यालय में किसी तरह का बंधन महसूस
होता है ? यदि हाँ, तो आप कैसी स्वतंत्रता चाहते हैं?
उत्तर―हमें विद्यालय में अनुशासन में रहना पड़ता है। यह बंधन की तरह
महसूस होता है। हम थोड़ी स्वतंत्रता चाहते हैं खेलने-कूदने की। परन्तु
अनुशासन ही हमें महान बनाता है। अतः हम इसे स्वीकार करते हैं।

                                               ★★★

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