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     Jharkhand Board Class 6TH Hindi Notes | रवि का सुधार  

     JAC Board Solution For Class 6TH Hindi Chapter 17


लेखक परिचय : 'रवि का सुधार' पाठ देविका रंगाचारी लिखित
रचना है। ये बाल साहित्यकार हैं। इन्होंने मूलरूप से ऐतिहासिक विषयों पर
लेखन कार्य किया है। हर्षवर्धन एवं स्वामी विवेकानन्द पर रचनाएँ, क्वीन
ऑफ कश्मीर इत्यादि इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं।
पाठ का सारांश: जीवन में साफ-सफाई, स्वच्छता की आवश्यकता
पर इस पाठ के माध्यम से प्रकाश डाला गया है। इसमें एक गंदगी फैलाने
वाले बालक का कृत्य एवं एक सफाई पसंद बालक की सोच को दर्शाया
गया है। कूड़ा-करकट बिखेरने वाले बालक को उसकी करनी का फल जब
मिला तो वो सफाई पसंद बन गया।

                                 अभ्यास प्रश्न

□ पाठ से:
1. रवि किस प्रकार की शरारतें करता था ?
उत्तर― रवि सदैव आसपास गंदगी फैलाते रहता था। वह वैसी शरारतें
करता था जिससे प्रभावित व्यक्ति परेशान हो जाए। 

2. लेखक और उसका भाई रवि से क्यों नाराज रहते थे?
उत्तर―लेखक और उसके भाई रवि की गंदगी फैलाने एवं मनोरंजन
के लिए किसी को परेशान कर देने की आदत से नाराज रहते थे।

3. रवि की शरारत से पड़ोसी किस प्रकार परेशान थे?
उत्तर― रवि की शरारत से पड़ोसी काफी परेशान थे। वह उनके
आसपास में गंदगी एवं कूड़ा फेंक देता था।

4. रवि ने श्री सिंहा के घर की पार्टी का किस प्रकार आनंद
उठाया ?
उत्तर― रवि ने अच्छे खाने का स्वाद लिया। चॉकलेट खाया। उपहार
प्राप्त किया। इस प्रकार हर तरह से उसने सिंहा जी के घर की पार्टी का
आनंद उठाया।

5. रवि शरारती बालक था। लेखक और उसके भाई ने किस
प्रकार उसकी शरारतें छुड़वाई ?
उत्तर―रवि की शरारत को छुड़ाने के लिए लेखक और उसके भाई
ने वही सब कुछ किया जो रवि दूसरों को परेशान करने के लिए करता
था। ऐसा करने से उसकी शरारत करने की आदत पूर्ण रूप से सुधर गई।

6. रवि को उसकी शररत का फल क्या मिला ?
उत्तर― रवि को उसकी शरारत का फल यह मिला कि जब उसके
कपड़े पर चॉकलेट चिपककर उसे गंदा हो गया तब वह खीझकर दूसरों
को कोसने लगा। तब वह समझ पाया, कि मैं भी किसी को कष्ट देता हूँ।
यह सोचकर रवि ने शरारत करना छोड़ दिया।

7. कहानी से आपको क्या संदेश मिलता है ?
उत्तर― इस कहानी से संदेश मिलता है कि हमारे जीवन में साफ-
सफाई और स्वच्छता बहुत आवश्यक है। देर-सबेरे हमें यह बात समझना
ही पड़ेगा। इस पाठ में हमने ऐसे ही एक बालक के बारे में पढ़ा जिसे कूड़ा
करकट बिखेरने में मजा आता था। अंत में उसे अपनी करनी का फल मिल
गया और वह सुधर गया।

□ पाठ से आगे:
1. लेखक को रवि ने पाठ के अंत में बेंत का एक कूड़ेदान भेंट
किया। आपके मूहल्ले में भी कूड़ेदान अवश्य होगा। उस कूड़ेदान से
मुहल्ले को क्या लाभ होता है ? लिखिए।
उत्तर― कूड़ेदान में कूड़ा डालने से गंदगी बिखरती नहीं है। नगर निगम
को उसे उठाकर हटाने में कम मेहनत करनी पड़ती है। साफ सुथरा
वातावरण दिखाई पड़ता है।

2. लेखक अंततः रवि की आदतों में सुधार करने में सफल हो
जाता है। क्या आपके मुहल्ले में रवि की तरह बुरी आदतों वाला
कोई व्यक्ति है? उसके संबंध में आपकी क्या जिम्मेदारी बनती है ?
लिखिए।
उत्तर― छात्र स्वयं लिखें।

3. रवि कूड़ा-कचरा इधर-उधर फेंक देता है, जिससे गंदगी
फैलती है। गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की सूची बनाइए।
उत्तर― गंदगी से, चर्मरोग, हैजा, पेचिश, माता, टी.बी. आदि बीमारियाँ
फैलती हैं।

4. 'स्वच्छता का महत्त्व' विषय पर एक लघु निबंध तैयार
कीजिए।
उत्तर― स्वच्छता हजार नियामक है। यदि हम स्वच्छ रहेंगे तब समाज
स्वच्छ रहेगा। स्वच्छ वातावरण में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास स्थान है।
अतः जीवन में स्वच्छता का महत्व सर्वोपरि है।

                                                ★★★

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