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    Jharkhand Board Class 9TH Hindi Notes | कैदी और कोकिला ― माखनलाल चतुर्वेदी  

  JAC Board Solution For Class 9TH Hindi Poem Chapter 5


1. क्या गाती हो?
क्यों रह-रह जाती हो?
कोकिल बोलो तो!
क्या लाती हो?
संदेश किसका है?
कोकिल बोलो तो!
                  ऊँची काली दीवारों के घेरे में,
                  डाकू, चोरो, बटमारों के डेरे में,
                  जीने को देते नहीं पेट-भर खाना,
                  मरने भी देते नहीं, तड़प रह जाना!
                  जीवन पर अब दिन-रात कड़ा पहरा है,
                  शासन, या तम का प्रभाव गहरा है ?
                  हिमकर निराश कर चला रात भी काली,
                  इस समय कालिमामयी जगी क्यों आली?
(क) कवि किससे बात कर रहा है और कहाँ खड़ा होकर बात कर रहा है?
उत्तर― कवि स्वाधीनता-आंदोलन के समय जेल गया था। अत: वह जेल की
काल-कोठरी में है और अँगले से बाहर कूकती कोयल से बात कर रहा है।

(ख) कवि कोकिला से किस संदेश की बात कर रहा है ?
उत्तर― कवि कोकिला से देश की स्वतंत्रता के लिए उठाए जा रहे कदमों के
किसी संदेश की बात कर रहा है।

(ग) कवि कोकिला के समक्ष अपनी कौन-सी पीड़ा रख रहा है ?
उत्तर― कवि कोकिला के समझ ब्रिटिश शासन की क्रूरता का वर्णन कर,
भारतीयों की पीड़ा का वर्णन कर रहा है।

2. क्यों हूक पड़ी?
वेदना बोझ वाली-सी;
कोकिल बोलो तो।
क्या लूटा
मृदुल वैभव की
रखवाली-सी,
कोकिल बोलो तो!

(क) 'मृदुल वैभव की रखवाली-सी' किसे कहा गया है और क्यों ?
उत्तर― कोयल को मृदुल वैभव की रखवाली-सी कहा गया है। वह अपने कोमल
कंठ से माधुर्य और सरसता की रक्षा करती है। वह संसार के लिए मृदुता
बचाए रखती है। इसलिए उसे 'मृदुल वैभव की रखवाली-सी' कहा गया
है।

(ख) कोयल की कूक में क्या विशेषता थी?
उत्तर― कोयल की कूक में वेदना का बोझ था।

(ग) कवि ने कोयल की आवाज को 'हूक' क्यों कहा है?
उत्तर― कोयल की आवाज में दुख और वेदना की अनुभूति थी। इसलिए उसे 'हूक'
कहा गया है।

3. क्या हुआ बावली?
अर्द्ध-रात्रि को चीखी,
कोकिला बोलो तो!
किस दावानल की
ज्वालाएँ हैं दीखीं?
कोकिला बोलो तो!

(क) कवि ने कोयल को बावली क्यों कहा है?
उत्तर― कोयल आधी रात को जल के आसपास हूकना बहुत अस्वाभाविक था।
कवि पहले ही दुखी था। उसकी एक ने उसके दुख को और अधिक बढ़ा
दिया। अतः इस मनोदशा में उसने उसे बावली कह दिया।

(ख) दावानल की ज्वालाएँ से क्या आशय है?
उत्तर― दावानल की ज्वालाएँ का आशय है- बहुत भारी दुःख।

(ग) उद्धत काव्यांश का आशय (भावार्थ) स्पष्ट करें।
उत्तर― कवि कोयल से पूछता है-'हे कोयला तुम इस तरह आधी रात को क्यों
चीख रही हो? क्या तुम पागल हो गई हो? तुमने किसी जंगली आग को
देख लिया है, जिसकी ज्वाला से डरकर अचानक चीख पड़ी हो?

4. क्या? देख न सकती जंजीरों का गहना?
हथकड़ियाँ क्यों ? यह ब्रिटिश राज का गहना,
कोल्हू का चर्रक चूँ ? - जीवन की तान,
गिट्टी पर अंगुलियों ने लिखे गान !
हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ,
खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का फँआ।
दिन में करुणा क्यों जगे, रुलानेवाली,
इसलिए रात में गजब ढा रही आली?
            इस शांत समय में,
            अंधकार को बेध, रो रही क्यों हो?
            कोकिल बोलो तो।
            चुपचाप, मधुर विद्रोह-बीज
            इस भाँति बो रही क्यों हो?
            कोकिल बोलो तो।

(क) कवि हथकड़ी को क्या मानता है?
उत्तर― कवि हथकड़ी को ब्रिटिश राज का गहना मानता है। कवि हथकड़ी को
अभिशाप न मानफर आभूषण मानकर इसका स्वागत करता है। वह
घबराया हुआ कतई नहीं है।

(ख) कवि के अनुसार कोयल के मन में करुणा क्यों जाग उठी है?
उत्तर― कवि का कहना है कि कोयल के मन में करुणा भाव इसलिए जाग आया
है क्योंकि उसने कवि तथा अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को हाथों में हथकड़ियाँ
पहने देखा है। इससे उनकी हिलने-डुलने तक की आजादी छिन गई है। उन्हें
भारी कष्ट उठाना पड़ रहा है।

(ग) कवि को कैदी के रूप में जेल में क्या-क्या काम करने पड़ते हैं?
उत्तर― कवि को कैदी के रूप में जेल में अनेक कठिन कार्य करने पड़ते हैं। कभी
उससे खेत में काम कराया जाता है तो कभी उसे पेट पर जूआ बाँधकर
चरस खींचना पड़ता है। उसकी कमर पर मोटा रस्सा बाँधा जाता है और
उसे बैल की तरह चलकर कुएं से पानी खींचकर निकालना पड़ता है। कभी
कोल्हू चलाना पड़ता है।

5. काली तू, रजनी भी काली,
शासन की करनी भी काली,
काली लहर कल्पना काली,
मेरी काल कोठरी काली,
टोपी काली, कमली काली,
मेरी लौह-श्रृंखला काली,
पहरे की हुंकृति की ब्याली,
तिस पर है गाली, ऐ आली!
                   इस काले संकट-सागर पर
                   मरने की, मदमाती!
                   कोकिल बोलो तो!
                   अपने चमकीले गीतों को
                   क्योंकर हो तैराती!
                   कोकिल बोलो तो!

(क) किस-किस चीज को काली बताया गया है ?
उत्तर― कोयल, रात, ब्रिटिश शासन के कारनामे, टोपी, कंबल, लोहे की हथकड़ी
आदि सभी चीजें काली है।

(ख) ये काली चीजें कैसा बातावरण निर्मित कर रही हैं?
उत्तर― ये सभी काली चीजें निराशाजनक, आतंक और भय का वातावरण उत्पन्न
कर रही है।

(ग) कोकिल के स्वर को 'चमकीले गीत' क्यों कहा गया है?
उत्तर― कोकिल का स्वर प्रेरणामय हैं वह देशभक्ति की भावना से युक्त है। उसमें
ओज और संघर्ष का आह्वान है। इसलिए उसे 'चमकीले गीत' की संज्ञा
दी गई है।

6. तुझे मिली हरियाली डाली,
मुझे नसीब कोठरी काली!
तेरा नभ-भर में संचार
मेरा दस फुट का संसार !
तेरे गीत कहावें वाह,
रोना भी है मुझे गुनाह !
देख विषमता तेरी-मेरी,
बजा रही तिस पर रणभेरी!
                 इस हुंकृति पर,
                 अपनी कृति से और कहो क्या कर दूँ ?
                 कोकिल बोलो तो!
                 मोहन के व्रत पर,
                 प्राणों का आसव किसमें भर दूं।
                 कोकिल बोलो तो।

(क) कवि और कोयल की स्थिति में क्या अंतर है?
उत्तर― कवि को जेल की काली कोठरी मिली है जबकि कोयल को हरियाली
डालों पर रहने का अवसर मिलता है। कोयल का संसार आकाश तक फैला
हुआ है जबकि कवि का संसार दस फुट तक सीमित है। वह एक छोटी
सी कोठरी में रहता है। कोयल कहीं भी मुक्त विचरण कर सकती है।

(ख) कोयल के गीत क्या पाते हैं कवि की किस्मत में क्या है?
उत्तर― कोयल के गीत लोगों की प्रशंसा पाते है। लोग उसके गीत सुनकर
वाह-वाह कर उठते हैं। इसके विपरीत कवि के लिए हँसना तो दूर, रोना
भी गुनाह है। कवि किसी भी रूप में अपने दिल का गुबार नहीं निकाल
सकता।

(ग) कवि कब अपने दुख को भूल जाता है?
उत्तर― कवि जब कोयल के स्वर में रणभेरी, युद्ध की ललकार और संघर्ष का
आह्वान सुनता है तो वह अपने दुख, दुर्भाग्य और हीन-भावना को भूल
जाता है।

                                        लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. कोयल की कूक सुनकर कवि की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर―कोयल की कूक सुनकर कवि को लगा कि जैसे वह किसी का संदेश
लाई है, इसलिए कवि उससे कहता है कि तुम चुप क्यों हो जाती (रह-रह
जाती) हो। कोयल ! स्पष्ट बोलो।

2. कवि ने कोकिल के बोलने के किन कारणों की संभावना बताई?
उत्तर― कवि ने संभावना जातई है कि कोयल शायद कोई संदेश लाई हो,
अथवा किसी दावानल की ज्वाला उसने देखी है या मधुर विद्रोह-बीज बोने के
लिए वह बोल उठी है या फिर अंग्रेजी शासन से मुक्ति की रणभेरी बजा
रही हो।

3. किसी शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई और क्यों?
उत्तर― अंग्रेजी शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है। क्योंकि अंधेरा काला
होता है, और उसके प्रभाव के कारण कुछ नहीं सूझता। अंगेजों की गुलामी
के शासन से मुक्ति का कोई मार्ग नहीं सूझ रहा था। इसी कारण कवि
ने अंग्रेजों के शासन की तुलना तम के प्रभाव से की है।

4. कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वली
यंत्रणाओं का वर्णन करें।
उत्तर― पराधीन भारत की जेलों में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को अनेकों दारुण
कष्ट दिए जाते थे। उन्हें सामान्य रूप से अवांछनीय तत्वों के साथ रखा
जाता था, पेट भर खाना न देना, कठिन श्रम से मोट खिंचवाना, कोल्हू
चलवाना, श्रमिक की भाँति दिन-भर कार्य कराना और किसी से मिलने-जुलने
की इजाजत न देना आदि अनेक अवर्णनीय कष्ट दिये जाते थे।

5. अर्द्ध रात्रि में कोयल की चीख से कवि को क्या अंदेशा
उत्तर― अर्द्ध-रात्रि में कोयल की चीख से कवि को अंदेशा है कि भारत में क्रांति
का आह्वान हो गया है। देश अपनी गुलामी से मुक्त होने के लिए तत्पर
हो रहा है।

6. कवि को कोयल से ईर्ष्या क्यों हो रही है?
उत्तर―क्योंकि कवि को महसूस होता है कि कोयल तो हरी-भरी डाली पर बैठी
है, किंतु वह काल-कोठरी में कैद है। कोयल दूर गगन में उड़ सकती है
किन्तु वह अंदर ही कैद है। कोयल मीठा बोलकर वाहवाही लूटती है,
जबकि कवि कैदी होकर रो भी नहीं सकता।

7. कवि के स्मृति-पटल पर कोयल के गीतों की कौन-सी मधुर स्मृतियाँ
अंकित हैं, जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुली है?
उत्तर―मोहनदास करमचंद गाँधी जी के व्रत पर प्राणों का आसव भरपूर मात्रा में
कवि के हृदय में समाहित है। वह अपनी रचनाओं में कोयल की मीठी
आवाज से प्रभावित होकर अनेक अनुभव लिखता है, जो कि सकारात्मक
हैं, किन्तु वही कोयल अब कैदी कवि की वेदना को अधिक बढ़ाकर
अपनी काली शक्ल सूरत सा अनुचित और कालिमापूर्ण काम कर रही है।

8. हथकड़ियों को गहना क्यों कहा गया है?
उत्तर― स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे सेनानी हथकड़ियों को ही अपना आभूषण
मानते थे। इसलिए भी इन्हें गहना कहा गया है तथा गहने शरीर की शोभा
बढ़ाते हैं, और चूँकि हथकड़ियाँ भी शरीर पर ही झूल रही है, अतः इन्हें
गहना कहा गया है।

9. 'मृदुल वैभव की रखवाली-सी, कोकिल बोलो तो' का भाव स्पष्ट
करें।
उत्तर― इस पंक्ति में कवि कोकिला से संवाद के माध्यम से ब्रिटिश-व्यवस्था पर
व्यंग्य कर रहा है। वह ब्रिटिश शासन-व्यवस्था की मृदुल वैभव कहकर
व्यंग्य करता है कि ब्रिटिश-व्यवस्था कितनी क्रूर है?

10. 'हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ, खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़
कूँआ' का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर― कवि इस पंक्ति के माध्यम से ब्रिटिश-शासन-व्यवस्था में मिलने वाली
जेल-यंत्रणा को बताने के साथ-साथ अपने आक्रोश को भी अभिव्यक्त
कर रहा है मुझ जैसे स्वतंत्रता सेनानी (कैदी) किस प्रकार उनके शोषण
का मूकता से जवाब देता हैं और उनके खोखले दंभ को चोट पहुँचाते हैं।

11. कवि जेल के आसपास अन्य पक्षियों को चहकना भी सुनता होगा
लेकिन उसने कोकिला की ही बात क्यों की है?
उत्तर― कोकिल का मार्मिक स्वर उसके मन को छू गया। उसकी कोमल
भावनाओं को झंकृत कर गया। इसलिए उसने कोकिल से ही बात की।

12. आपके विचार से स्वतंत्रता सेनानियों और अपराधियों के साथ एक-सा
व्यवहार क्यों किया जाता होगा?
उत्तर― ब्रिटिश सरकार भारत की स्वतंत्रता के विरोध में थी। वह क्रांतिकारियों को
दबाना चाहती थी। इसलिए वह उन्हें शारीरिक तथा मानसिक रूप से पीड़ित
करती थी। उन्हे मानसिक रूप से तोड़ने के लिए उन्हें चोरों, अपराधियों,
बटमारों के साथ रखती थी तथा आम अपराधियों जैसे दुर्व्यवहार करती
थी।

13. कवि को कोकिल का बोलना क्यों अखरता है?
उत्तर― काकिल प्रायः दिन में गाती है। अंधेरी रात में उसका गाना सुनकर कवि
की चेतना आंदोलित हो उठती हैं। वह चिरकाल से ब्रिटिश शासन का
बंदी है। उसका मन कारागृह की यातनाओं से दुखी है। उस दुखी मन
को कोयल का मुधर स्वर बहुत अखरता है, क्योंकि उसका स्वर
अप्रासंगिक हो उठता है। दूसरे, कोयल का स्वर सुनकर लेखक को
अपनी बंदी दशा का बोध हो उठता है। स्वयं पराधीन रहकर किसी स्वाध
न जीवन को देखना अखरने का स्वाभाविक कारण है।

14. कवि ने कोयल के स्वर को शंखनाद क्यों कहा है?
उत्तर― कवि कारागृह में अत्यंत निराश है। तभी उसे कोयल का मधुर स्वर सुनाई
पड़ता है। उसे प्रतीत होता है कि मानो कोयल उसे संघर्ष की प्रेरणा देने
आई है। कवि उसे देश को जगाने वाली 'माँ काली' की संज्ञा देता है।
इसलिए उसे कोयल का स्वर 'शंखनाद' जैसा प्रतीत होता है जिसे सुनकर
उसके मन में संघर्ष की ज्वाला भभक उठती है।

15. कवि ने अपने हथकड़ियों को 'ब्रिटिश राज का गहना' क्यों कहा है?
तर्क के साथ उत्तर दें।
उत्तर― कवि ने अपनी हथकड़ियों को ब्रिटिश राज का गहना कहा है। कवि ने
चोरी, डकैती जैसे अपमानजनक कार्य के लिए नहीं, अपितु राष्ट्रभक्ति जैसे
महान उद्देश्य के लिए हथकड़ियाँ स्वीकार की। अत: उन्हें अपने बंदी होने
पर भी गौरव था। कवि ने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए संघर्ष किया, ब्रिटिश
शासन से टक्कर ली। ब्रिटिश शासन ने उन पर देशद्रोह और राजद्रोह का
आरोप लगाकर उन्हें कारावास का दंड दिया। क्रांतिकारी स्वतंत्रता-संघर्ष
को अपना गौरव और सम्मान समझते थे। समाज भी उन्हें श्रद्धापूर्वक
सम्मानित करता था। इसलिए ब्रिटिश शासन द्वारा पहनाई गई हथकड़ियों
को कवि ने 'ब्रिटिश राज का गहना' कहा है।

16. 'काली तू...ऐ आली'- इन पंक्तियों में 'काली' शब्द की आवृत्ति से
उत्पन्न चमत्कार का विवेचन करें।
उत्तर― यहाँ अनुप्रास और यमक दोनों अलंकार हैं। वर्णों की आवृत्ति से अनुप्रास
है तथा काली-काली में पहले कालिमा का अर्थ रंग और दूसरी का अर्थ
कुव्यवस्था है।

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