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  Jharkhand Board Class 8 History Notes |  राष्ट्रीय आंदोलन  

  JAC Board Solution For Class 8TH (Social Science) History Chapter 10 


□ आइए जानें
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए―
(क) कांग्रेस की स्थापना ............. ई० में हुई थी।
(ख) .…..........को आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है।
(ग) प्लेग कमिश्नर रैड की हत्या ............... ने की थी।
(घ) बंगाल का विभाजन ............... ई० में हुआ था।
(ङ) महात्मा गाँधी ने नमक कानून तोड़ने के लिए ............ यात्रा
की।
उत्तर―(क) 28 दिसम्बर, 1885
(ख) राजा राममोहन राय
(ग) चापेकर बंधु (दामोदर व बालकृष्ण)
(घ) 1905
(ङ) दाण्डी

प्रश्न 2. निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए―
(क) कांग्रेस की स्थापना के क्या उद्देश्य थे?
उत्तर―ब्रिटिश सरकार विरोधी आंदोलन को कम करके खतरे की
स्थिति को टालने के लिए एक सुरक्षा कपाट की व्यवस्था के उद्देश्य से
कांग्रेस की स्थापना की गई थी।

(ख) अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन क्यों किया था?
उत्तर―बंगाल उस समय राष्ट्रीय चेतना का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र था।
बंगाल के लोगों में राजनीतिक जागृति काफी प्रबल थी। विरोधी आंदोलन
सशक्त हो रहा था। अत: लॉर्ड कर्जन ने 16 अक्टूबर, 1905 को बंगाल
का विभाजन कर दिया और प्रशासन को मजबूत करना कारण बताया।

(ग) रॉलेट कानून क्या था ?
उत्तर―क्रांतिकारियों के प्रभाव और बढ़ती राष्ट्रीयता की भावना को
खत्म करने के उद्देश्य से ब्रिटिश सरकार के सर सिडनी रॉलेट द्वारा बनाए
गये कानून को रॉलेट कानून कहते हैं। इसे 8 मार्च 1919 को लागू कर
दिया गया। इस कानून के तहत मजिस्ट्रेट को यह अधिकार दिया गया कि
वह किसी भी संदेहास्पद व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज सकता है।
आरोपी व्यक्ति को अपील, वकील और दलील करने की मनाही थी। इसे
काला कानून कहा गया।

(घ) महात्मा गाँधी ने असहयोग आंदोलन क्यों वापस लिया ?
उत्तर― महात्मा गाँधी का असहयोग आंदोलन चरम पर था, लेकिन
इसी बीच उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर
उग्र भीड़ ने एक पुलिस थाने में आग लगा दी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी की
मौत हो गई। गाँधीजी का आन्दोलन अहिंसक था, अत: इस हिंसक घटना
के कारण उन्होंने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया।

(ङ) भगत सिंह ने असेम्बली में बम क्यों फेंका था?
उत्तर― ब्रिटिश सरकार को उसके द्वारा किये जा रहे भयानक शोषण
से अवगत कराने, उनके अनुसार 'बहरों को सुनाने' के लिए 8 अप्रैल,
1929 को केन्द्रीय विधान परिषद् में साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ भगत सिंह
ने बम फेंका था।

□ आइए चर्चा करें:
(क) भारत में राष्ट्रवाद के उदय के कारणों पर चर्चा करें।
उत्तर― भारत में राष्ट्रवाद का उदय विविध शक्तियों और कारणों के
संयोग का परिणाम था. जो निम्न प्रकार थे―
(i) पश्चिमी शिक्षा एवं संस्कृति के ज्ञान होने से भारतीय अपनी स्थिति
की तुलना यूरोपीय देशों से करने लगे। अपनी दुर्दशा देखकर उन्हें गहरा
आघात लगा। इसके लिए वे अंग्रेजों को दोषी मानने लगे। इससे इनमें
राष्ट्रीयता की भावना पनपी।

(ii) समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, प्रेस एवं राष्ट्रीय साहित्य ने राष्ट्रवादी
भावना को उभारने में मदद की। राजा राममोहन राय ने राष्ट्रीय प्रेस की
स्थापना कर संवाद कौमुदी, मिरातुल अखबार आदि का संपादन कर
राजनीतिक जागरण की दिशा में पहल की। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, प्रेमचन्द
आदि साहित्यकारों ने देश प्रेम की भावना को जगाया।

(iii) अंग्रेजों की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक नीतियों ने भारतीयों
को यह समझने पर मजबूर कर दिया कि उनके हितों की रक्षा अंग्रेजी
शासन में नहीं हो सकती। सरकार के प्रति नाराजगी ने भारतीयों को एकता
के सूत्र में पिरोया।

(iv) रेल, डाक, तार सेवा जैसे तीव्र परिवहन और संचार साधनों ने
राष्ट्रवाद को बढ़ाने में सहयोग दिया।

(v) राजा राममोहन राय, ईश्वरचन्द्र विद्यासागर, दयानन्द सरस्वती
आदि समाज सुधारकों ने भारतीयों की अन्तरात्मा को जगाया, जिससे
राष्ट्रवाद के उदय में सहयोग मिला।

(vi) ब्रिटिश सरकार के कार्यों और विभिन्न कानूनों जैसे बर्नाक्यूलर
प्रेस एक्ट, आसं एक्ट, इल्बर्ट बिल आदि ने भारतीयों में राष्ट्रवाद की
भावना को मजबूत करने में मदद की।

(ख) भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों की क्या
भूमिका रही?
उत्तर― क्रांतिकारी विचारधारा को बंगाल में बारींद्र कुमार घोष एवं
भूपेन्द्रनाथ दत्त ने फैलाया। उनके सहयोग से अनुशीलन समिति का गठन
किया गया जिसका उद्देश्य-खून के बदले खून था। क्रांतिकारी मानते थे
कि माँग कर स्वराज्य नहीं मिल सकता। आजादी छीन कर लेनी होगी।
खुदीराम बोस, प्रफुल्ल चाकी, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह प्रमुख
क्रांतिकारी थे जिन्होंने अंग्रेज अधिकारियों की हत्या सरकारी खजाने की
लूट, सरकारी सम्पत्ति का नुकसान आदि क्रियाओं में भाग लिया। देश की
आजादी में इनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।

(ग) भारत को आजाद कराने में महात्मा गाँधी का क्या
योगदान था ?
उत्तर―महात्मा गाँधी ने दक्षिण अफ्रीका से लौटकर अपने राजनीतिक
गुरू गोपाल कृष्ण गोखले के प्रभाव से सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया।
किसानों एवं मजदूरों पर हो रहे अत्याचार से दु:खी होकर गाँधी जी ने
चम्पारण, खेड़ा एवं अहमदाबाद में आंदोलन किया। गाँधी जी ने काँग्रेस
को नयी दिशा प्रदान की। वे रचनात्मक कार्यों पर जोर देकर आम-जन
को आंदोलन से जोड़ने में सफल रहे। गाँधी जी के पूर्व कांग्रेस केवल शहरी
क्षेत्र में ही सीमित थी। गाँधी जी की नीति से आम किसान, मजदूर,
अगड़ी-पिछड़ी, पुरुष, महिला सभी आकर्षित हुए और आंदोलन में
सहयोग, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन आदि द्वारा देश
के कोने-कोने और जन-जन तक राष्ट्रीय एकता का भाव बढ़ाने और
आजादी के संघर्ष में सहभागी बनाया। इन विरोध आंदोलनों के कारण ही
भारत को आजादी मिल सकी।

(घ) उन घटनाओं की चर्चा करें जिनके फलस्वरूप पाकिस्तान
का जन्म हआ?
उत्तर― (i) 1930 के दशक से ही मुस्लिम लीग भारत में मुसलमानों
के लिए अलग निर्वाचन की माँग करने लगी थी।

(ii) 1937 की प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव में मुस्लिम लीग की
हार से उसने समझा कि कांग्रेस वस्तुत: बहुसंख्यक हिन्दुओं का समर्थन
सदैव ही प्राप्त करती रहेगी और मुसलमान दूसरी श्रेणी के नागरिक बनकर
रह जाएँगे।

(iii) यूनाइटेड प्रोविंस में संयुक्त सरकार बनाने की लीग की प्रार्थना
को कांग्रेस ने ठुकरा दिया, जिससे लीग के नेता बहुत नाराज हो गए।

(iv) मुस्लिम लीग को मुसलमानों में अपना सामाजिक आधार बढ़ाने
का मौका मिला।

(v) कैबिनेट मिशन के प्रस्ताव को कम सीटें मिलने के कारण
अस्वीकार कर दिया। और भारत के बँटवारे के लिए आंदोलन तेज कर
दिया।

(vi) माउंटबेटन योजना के तहत देश का विभाजन कर पाकिस्तान का
निर्माण हुआ।

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