JAC Board Solutions : Jharkhand Board TextBook Solutions for Class 12th, 11th, 10th, 9th, 8th, 7th, 6th

themoneytizer

     Jharkhand Board Class 8 History Notes | आधुनिक काल में भारत का इतिहास  

  JAC Board Solution For Class 8TH (Social Science) History Chapter 1


□ आइए जानें :
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(क) जेम्स मिल ............... का निवासी था।
(ख) लॉर्ड क्लाइव ने भारत का नक्शा तैयार करने की जिम्मेदारी
................. को सौंपी थी।
(ग) अभिलेखों को सुंदर ढंग से लिखने वाले .............. कहलाते हैं।
(घ) भारत के अंतिम वायसराय ................. थे।
(ङ) भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार ............... में बनाया गया।
उत्तर―(क) ब्रिटेन (स्कॉटलैण्ड)     (ख) जेम्स रेनेल     (ग) खुशनवीस
या सुलेखनवीस     (घ) लार्ड माउन्टबेटेन    (ङ) 1920 के दशक

प्रश्न 2. सही (✓) और गलत (x) का चिह्न लगाइए―
(क) लोगों ने चाय पीना कब से शुरू किया, इसकी निश्चित तिथि
को बताया जा सकता है।                                           [       ]
(ख) अंग्रेज प्रशासन के लिए अभिलेख तैयार करवाते थे। [      ]
(ग) सरकारी दस्तावेजों से हमें आम लोगों की सोच के बारे में पता
चलता है।                                                           [      ]
(घ) अंग्रेजों के शासन से पहले भारत में अंधकार का दौर था।
                                                                         [     ]
उत्तर―(क) x (ख) ✓ (ग) x (घ) x

प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
(क) इतिहास में तारीखों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर―इतिहास विभिन्न समयों में होनेवाले परिवर्तनों के संबंध में
जानकारी देता है। अतीत और वर्तमान के तुलनात्मक अध्ययन के क्रम में
हम तिथिवार घटनाओं का विवरण ढूँढ़ते हैं।

(ख) जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को किन-किन कालखंडों
में विभाजित किया है?
उत्तर―जेम्स मिल ने धर्म को केन्द्र में रखकर भारतीय इतिहास को
तीन कालखंडों में विभाजित किया है―
(i) हिन्दू काल (शासक का धर्म हिन्दू)
(ii) मुस्लिम काल (शासक का धर्म इस्लाम)
(iii) ब्रिटिश काल (शासक ब्रिटिश)

(ग) औपनिवेशिक युग किसे कहा जाता है ?
उत्तर―यूरोपीय देशों द्वारा दूसरे देशों (एशिया अफ्रीका) पर आधिपत्य
स्थापित कर कठपुतली प्रतिनिधि सरकार द्वारा शासन चलाया गया।
कमजोर देश अथवा पराजित देश यूरोपीय देशों का उपनिवेश कहलाया।
जिस अवधि या कालखण्ड में ये उपनिवेश स्थापित कर शासन चलाया गया
उस अवधि को औपनिवेशिक युग कहा जाता है।

□ आइए चर्चा करें:
4. सर्वेक्षण से हमें क्या जानकारी मिल सकती है?
उत्तर―सर्वेक्षण से हमें हर प्रकार की जानकारी मिल सकती है।
सर्वेक्षण के अलग-अलग उद्देश्य होते हैं। जैसे नक्शा तैयार करने के लिए
सर्वेक्षण, भू-राजस्व के लिए सर्वेक्षण शिक्षा की स्थिति के लिए सर्वेक्षण
आदि। सर्वेक्षण के माध्यम से आयादी का आकार, घनत्व, भूमि की प्रकृति,
मिट्टी की गुणवत्ता, वनस्पति, प्राणि, पुरातात्तिक आदि कई जानकारियाँ
मिलती हैं।

5. अभिलेखगार की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर―महत्वपूर्ण दस्तावेजों, पत्रों, पाण्डुलिपियों आदि को सुरक्षित
रखना आवश्यक है। ये रिकार्ड इतिहासकारों के लिए युग की जानकारी
प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। इन दस्तावेजों में सरकारी निर्देश,
योजना, नीतिगत फैसले, सहमति, संधि-पत्र-सर्वेक्षण के आँकड़ें आदि
होते हैं। इससे सुरक्षित रखने के बाद कोई भी व्यक्ति इन चीजों का
अध्ययन आसानी से कर सकता है। इन सामग्रियों को अभिलेखागार में ही
रखा जाता है। अत: अभिलेखागार आवश्यक है।

6. आधुनिक भारत क ऐतिहासिक स्रोत कौन-कौन से हैं ?
उत्तर―आधुनिक भारत के अनेकों ऐतिहासिक स्रोत है। किले,
मकबरे, यात्रा-विवरण, पांडुलिपियाँ, भवन आदि बड़ी संख्या में मौजूद है।
इसके अलावे अभिलेखागार, जिला-रिकार्ड रूम, आदि में सुरक्षित रखे गये
दस्तावेज भी महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इस समय लिखे गये साहित्य समाचार
पत्र-पत्रिका, चित्र, सर्वेक्षण के आँकड़े, संस्मरण, आत्मकथा इत्यादि भी
इतिहास जानने के महत्वपूर्ण स्रोत हैं।

7.अगर इतिहास में अवधियाँ तय नहीं होती, तो हमें किन-किन
परेशानियों का सामना करना पड़ता ?
उत्तर―इतिहास को कालखण्डों या अवधियों में बाँटने से हमें इसके
केन्द्रीय तत्व को समझने में मदद मिलती है। इनमें एक अवधि से दूसरी
अवधि के बीच आए परिवर्तनों के बारे में जानकारी भी मिलती है। इन
परिवर्तनों को तारीख के आधार पर नहीं दर्शाया जा सकता है क्योंकि
परिवर्तनकारी घटनाओं के लिए कोई निश्चित तिथि तय नहीं की जा सकती
है। इसका एक लम्या अंतराल होता है।
             यदि इतिहास में अवधियाँ तय नहीं होती तो आम जन के बारे में
सामाजिक परिवर्तन, सांस्कृतिक परिवर्तन की सही जानकारी प्राप्त करना
कठिन हो जाता।

8. इतिहास में तारीखों का महत्व होता है। क्या आप इससे
सहमत हैं?
उत्तर―पहले, युद्ध और बड़ी घटनाओं के विवरण को ही इतिहास
समझा जाता था। इतिहासकार शासकों और उसकी नीतियों के बारे में
विस्तार से चर्चा करते थे। इस प्रकार इतिहास में तिथियों का विशेष महत्व
रहता है। लेकिन परिवर्तनकारी घटनाएँ किसी खास तिथि को नहीं होती
बल्कि इसमें लम्या समय लगता है। इससे जनता, समाज का सही चित्रण
नहीं हो पाता है। इस अन्तराल में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ होती हैं जिसका
प्रभाव जन-जीवन पर पड़ता है। ये घटनाएँ किसी तारीख को ही घटित
होती है। इस प्रकार स्पष्ट है कि इतिहास में तारीखों का महत्व होता है।
मैं इस बात से काफी हद तक सहमत हूँ।

                                           ■■

  FLIPKART

और नया पुराने

themoneytizer

inrdeal