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  Jharkhand Board Class 7TH Hindi Notes | पद्य  

    JAC Board Solution For Class 7TH Hindi Chapter 10


पाठ परिचय : प्रस्तुत पद्य में कवि शिरोमणि मीरा एवं सूरदास ने कृष्ण
की बाल लीला का वर्णन किया है।
            प्रथम पद में मीरा ने कृष्ण के साँवले-सलोने रूप का मनोहारी वर्णन
किया है। उनके मुख पर मुरली, सिर पर मोर मुकुट, तिलक, बैजंती की माला
की उपस्थिति आदि उनके मुखमंडल एवं शरीर को दर्शनीय बनाती है। कमर
पर घटियों की आवाज सुख प्रदान करती है।
      द्वितीय पद में कृष्ण अपने बड़े भाई बलराम की शिकायत माता यशोदा
से कर रहे हैं। वे कहते हैं कि बलदाऊ हमें चिढ़ाते रहते हैं। वे हमें कहते
हैं कि कौन तुम्हारे माँ-बाप हैं। नंद जी एवं यशोदा गारी हैं तू काला कैसे
हो गया। इस बात पर सभी ग्वाले चुटकियाँ बजाकर हँसते हैं। तुम मुझे हों
डाँटती हो उन्हें नहीं। मैं इसी से अब कहीं बाहर खेलने नहीं जा पाता हूँ।
          इस बात पर माता यशोदा कहती हैं कि बेटा बलभद्र बचपन से ही
शरारती है। मैं उसके कान चबा जाऊँगी। मैं कसम खाकर कहती हूँ कि तू
मेरा बेटा है और मैं तेरी माँ हूँ।

                                            मीराबाई

कवि परिचय : मीराबाई का जन्म 1498 ई० में राजस्थान के मेड़ता
में हुआ था। इनकी मृत्यु 1546 ई० में हुई।
        मीरा बाई भक्त कवयित्री थीं। श्रीकृष्ण के प्रति एकनिष्ठ प्रेम-भाव के
कारण ही भक्त कवियों में उनका स्थान ऊँचा है। मीरा बाई ने अपनी रचना
राजस्थानी, ब्रजभाषा और गुजराती में की। इनकी मूल भाषा राजस्थानी थी।

                                             सूरदास

सूरदास का जन्म 1483 ई० में सीही ग्राम थी जो दिल्ली के समीप है;
में हुआ था। इनकी मृत्यु 1563 ई० में हुआ था।
महाकवि सूरदास कृष्ण भक्त कवि हैं। इनकी कविताओं में श्रीकृष्ण की
बाल-लीलाओं का हृदयग्राही चित्रण हुआ है। सूरदास जी के पद को पढ़ने
के बाद इनके जन्मान्ध होने की बात पर संशय होने लगता है। इतना हृदयग्राही
एवं जीवंत चित्रण अंधी आँखों से उन्होंने कैसे किया होगा । वे वात्सल्य भाव
के पूरीधा एवं श्रेष्ठतम कवि माने जाते हैं। सूरसागर, सूर-सारावली, साहित्य
लहरी, नल-दमयन्ती, व्याहलो आदि इनकी प्रमुख कृतियाँ हैं।

                                      अभ्यास प्रश्न
□ पाठ से:
1. मीराबाई अपने नयनों में किसे बसाना चाहती हैं ?
उत्तर―मौर बाई अपने नयनों में श्रीकृष्ण को बसाना चाहती हैं। मोहक
स्वरूप, साँवली सूरत को वे अपना हृदयहार बनाना चाहती हैं।

2. 'मैया मोरी दाऊ बहुत खिझायौ'-यह बात किसने, किससे कही
है?
उत्तर―यह बात श्रीकृष्ण ने अपनी माता यशोदा से कही है।

3. बलराम श्री कृष्ण को चिढ़ाने के लिए क्या कहते थे?
उत्तर―बलराम श्री कृष्ण को चिढ़ाने के लिए कहते थे कि नंद जी गोरे,
यशोदो गोरी पर कृष्ण तु काला कैसे है। तुम्हारे माँ-बाप नंद जी यशोदा नहीं
हैं क्या?

4. मीराबाई ने किन शब्दों में नंदलाल के सलोने रूप का वर्णन किया
है?
उत्तर―मोर का मुकुट, मकड़ा आकृति का कुंडल, ललाट पर तिलक,
मोहक स्वरूप, साँवली सूरत. एवं नेत्र बड़े-बड़े हैं। ऐसा है श्री कृष्ण का
स्वरूप। उनके लाल होठों पर हरी बाँसुरी एवं गले में बैंजती की माला
सुशोभित है। यह रूप संतों एवं मीरा को अत्यंत सुख प्रदान करता है।

5. श्री कृष्ण द्वारा बलराम की शिकायत करने पर यशोदा ने श्री
कृष्ण को कैसे समझाया?
उत्तर―यशोदा ने कहा कि कृष्ण तुम नहीं जानते हो, बलराम बालपन से
ही धूर्त हैं। मैं उसके कान उमेहुँगी। मैं गायों की कसम खाकर कहती हूँ तू
ही मेरा सगा पुत्र है। मैं ही तेरी सगी माता हूँ।

6. नीचे दी गई पंक्तियों का आशय अपने शब्दों में लिखें―
          छुद्र घटिका कटि-तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।
         'मीरा' के प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल ।
उत्तर―प्रस्तुत पंक्तियों में मीरा का आशय यह है कि छोटी-छोटी घंटियाँ
जो कृष्ण के कमर पर शोभित है। उनसे मधुर ध्वनियाँ निकल कर मन को
मोह रही हैं। मीरा कहती हैं कि संतों को सुख प्रदान करने वाले श्रीकृष्ण भक्तों
को भी धन्य कर रहे हैं।

□ पाठ से आगे:
1. मीरा और सूरवास भक्लिकाल के प्रसिद्ध कवि हैं । इस काल के
दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए और उनकी एक-एक रचना का
नाम लिखिए।
उत्तर―
तुलसी दास       ―  रामचरित मानस ।
कबीर              ―    कबीर सतसई।
रैदास               ―   प्रभू जी तं चंदन हम पानी।

2. श्री कृष्ण को उनके बड़े भाई बलराम चिढ़ाते हैं। आपको यदि
कोई चिढ़ाता है तो आप क्या करते हैं ?
उत्तर―यदि हमें कोई चिढ़ाता है तो मैं उसकी शिकायत उसके गार्जियन
से करता हूँ। तब वह चिढ़ाने की हिम्मत नहीं करता है।

3. सूर के पद में यशोदा और श्री कृष्ण के बीच व्रजभाषा में संवाद
है। इस संवाद को हिन्दी में लिखिए।
उत्तर― सुनो कन्हैया, बलभद्र को चबा जाऊँगी, वह जन्म से ही धूर्त
है। सूरदास कहते हैं कि यशोदा माता अपने गोधन की कसम खाती हैं और
कहती है मैं तुम्हारी सगी माता एवं तू मेरा सगा पुत्र है।

                                                 ★★★

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