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       Jharkhand Board Class 7TH  Hindi Notes | खुशबू रचते हैं हाथ  

 JAC Board Solution For Class 7TH  Hindi Chapter 4


पाठ का सारांश : प्रस्तुत कविता में कवि ने अगरबत्तियाँ बनाने वाले
श्रमिकों के जीवन एवं उनके स्थल की दुर्दशा का चित्रण किया है। मजदूर
वर्ग गरीबी एवं दयनीय स्थिति में जीने के लिए मजबूर हैं।
       जहाँ हाथ से रच-रचकर खुशबूदार अगरबत्तियाँ बनाई जाती हैं ऐसे लघु
उद्योग वाले स्थान प्रायः गली, नालों के किनारे, कूड़े के ढेरों के बगल में स्थित
होते हैं। इस उद्योग में काम करने वाले बूढ़े, जवान, बच्चे एवं नवयुवतियाँ भी
होती हैं। इस उद्योग से जुड़े लोग प्रायः गंदे दिखते हैं। लेकिन वे अपने हाथों
से खुशबूदार विविध प्रकार की अगरबत्तियों का निर्माण करते हैं।
        यह कविता एक और वंचित लोगों के द्वारा समाज में समृद्ध अवदान को
रेखांकित करती है. दूसरी और महज समृद्धि के सौंदर्य को देखने की अभ्यस्त
दृष्टि से अलग उस सौंदर्य के पीछे लगने वाले श्रम की गरिमा का उद्घाटन
भी करती है।
                    कवि परिचय : अरुण कमल का जन्म 15 फरवरी, 1954 ई० में
बिहार के रोहतास जिला अंतर्गत नासीरगंज में हुआ था। इन्हें अंग्रेजी एवं हिन्दी
भाषा पर समान रूप से अधिकार प्राप्त था। 1997 में इन्हें साहित्य अकादमी
पुरस्कार एवं शमशेर सम्मान प्राप्त हुआ। 1980 में भारत भूषण अग्रवाल
पुरस्कार से इन्हें नवाजा गया। 1997 में ही उन्हें सोवियत-लैंड नेहरू अवार्ड
दिया गया। 1990 में श्रीकांत वर्मा स्मृति पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया
गया। 'नये इलाके में' नामक रचना पर इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया
गया था। उनकी रचनाएँ इस प्रकार हैं―
      कविता संग्रह– अपनी केवल धार, सबूत, नए इलाके में, पुतली में संसार,
मैं वो शंख महाशंख (हिन्दी), वायसेज (अंग्रेजी) आदि ।
    आलोचना– कविता और समय, गोलमेज आदि ।
    साक्षात्कार–कथोपकथन ।

                                        अभ्यास प्रश्न
□ पाठ से:
1. कैसे-कैसे हाथ खूशबू रचते हैं ?
उत्तर―अगरबत्ती उद्योग जहाँ अवस्थित होता है वह स्थान गंदगी का
पर्याय होता है। दुगन्धयुक्त इस स्थान में रहने वाले लोग अपने खुबसूरत हाथों
से केवड़ा, गुलाब, खस, रातरानी इत्यादि सुगंधयुक्त अगरबत्तियों का निर्माण
करते हैं।

2. कविता में वर्णित हाथों को कवि ने खुश रचने वाले हाथ क्यों
बताया है?
उत्तर― इन हाथों से तात्पर्य है वैसे हाथ जो खुशबूदार विविध प्रकार की
अगरबत्तियाँ बनाते हैं।

3. निम्नांकित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट करें―
'दुनियाँ की सारी गंदगी के बीच
दुनियाँ की सारी खुशबू रचते रहते हैं हाथ ?
उत्तर― अगरबत्ती उद्योग वहाँ स्थित हैं जहाँ गंदगी का अम्बार है। वहीं
पर के लोग अपने हाथों से खुशबूदार अगरबत्तियाँ बनाते हैं जो भगवान के
मंदिर से लेकर बिल्डिंगों तक में सुगंधित वातावरण फैलाती हैं। कितनी
बिडंबना है कि सुगंध फैलानेवाली वस्तु गंदगी में जन्म लेती है।

4.मुल्क की मशहूर अगरबत्तियाँ कहाँ बनती है?
उत्तर― मुल्क की मशहूर अगरबत्तियाँ गंदी बस्तियों में बनाई जाती हैं।
ऐसी बस्तियों में दुर्गन्ध का वातावरण सर्वत्र रहता है।

□ पाठ से आगे:
1. प्रत्येक सौंदर्य के पीछे श्रम का योगदान होता है, परन्तु अक्सर
हम सौंदर्य की सराहना करते हैं और श्रम को भूल जाते हैं। आपने भी
लोगों को ऐसा करते देखा होगा। किसी एक घटना का वर्णन करें।
उत्तर― स्वयं करें।

2. स्वच्छता के महत्त्व पर एक अनुच्छेद लिखें।
उत्तर―स्वच्छता हजार नियामत है। यदि हम स्वच्छता अपनाते हैं तो हम,
हमारा परिवार एवं परिवेश स्वच्छ रहेंगे। स्वच्छ वातावरण में ही स्वस्थ मन,
मस्तिष्क, शरीर एवं समाज का विकास होता है। स्वच्छता के अभाव में हम
विभिन्न प्रकार की बीमारियों के आगोश में आ जाते हैं एवं असमय
काल-कलवित हो जाते हैं।

3. आप अपने आस-पास किसी टोले, मुहल्ले में जाइए जहाँ लोग
गंदगी के बीच काम करते हैं। उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त
कीजिए एवं समस्याओं के समाधान हेतु मुखिया/वार्ड पार्षद को एक
चिट्ठी लिखें।
उत्तर― स्वयं करें।

4. त्योहहारों के अवसर पर घर-आँगन में बनाई जाने वाली विभिन्न
प्रकार की रंगोलियाँ आप देखते होंगे। उन्हें रचने वाले हाथ ही होते हैं।
अपने-अपने इलाकों में विशेष अवसर पर की जानेवाली चित्रकारी के बारे
में पता कर लिखें। उदाहरण-सोहराई चित्रकारी।
उत्तर― छात्र स्वयं करें।

                                                  ★★★

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