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    Jharkhand Board Class 7TH Civics Notes | बाजार  

   JAC Board Solution For Class 7TH (Social Science) Civics Chapter 6


□ आइए जानें―
1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) ................ वह स्थान है जहाँ वस्तुएं खरीदी और बेची
जाती हैं।
(ii) वह स्थान जहाँ बड़ी मात्रा में वस्तुएं खरीदी और बेची जाती हैं
 ................... कहलाता है।
(iii) ऑनलाइन शॉपिंग ........…........ की सहायता से की जाती है।
उत्तर― (i) बाजार    (ii) मॉल  (iii) इंटरनेट

2. निम्नलिखित कथनों के आगे सही ( ✓ )या गलत (×) का निशान
लगाइए।
(i) सामानों की खरीद-बिक्री केवल बाजार की दुकानों से ही होती
है।                                                ( )
(ii) व्यापारी वस्तुओं के उत्पादनकर्ता एवं उपभोक्ता के बीच की कड़ी
के रूप में काम करते हैं।                                 ( )
(iii) ऑनलाइन शॉपिंग का प्रयोग हमारे देश में नहीं किया जाता है।    ( )
उत्तर—(i) × (ii) ✓ (iii) ×

3. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए—
(i) बाजार का क्या अर्थ है?
उत्तर— बाजार का मतलब उन सभी स्थानों से है जहाँ वस्तुओं को
खरीदा या बेचा जाता है।
(ii) विभिन्न प्रकार के बाजार का नाम लिखिए।
उत्तर— बाजार के प्रकार हैं:
(a) साप्ताहिक बाजार
(b) मोहल्ले की दुकानें
(c) शॉपिंग काम्प्लेक्स और मॉल
(d) ऑनलाइन शॉपिंग

(iii) ऑनलाइन शॉपिंग से क्या तात्पर्य है?
उत्तर— आधुनिक समय का यह उभरता बाजार है। लोग इलेक्ट्रॉनिक
साधनों तथा इंटरनेट की सहायता से वस्तुओं की खरीद एवं बिक्री करते
हैं। इसमें लोग घर बैठे इंटरनेट के जरिये तरह-तरह के सामान के लिए
ऑर्डर देते हैं और कुछ दिनों में सामान उनके पते या घर तक पहुँचा दिया
जाता है।

(iv) थोक व्यापारी किसे कहते हैं?
उत्तर— ये व्यापारी बाजार में वस्तुओं की आपूर्ति करते हैं। बाजार में
कारखाना मालिक से लेकर थोक व्यापारी किसानों या कारखानों से बड़ी
मात्रा में सामान खरीद कर खुदरा या फुटकर व्यापारियों को बेचते हैं।

□ आइए चर्चा करें―
4. एक साप्ताहिक बाजार और एक शॉपिंग कॉम्पलेक्स में अंत।
स्पष्ट कीजिए।
उत्तुर― साप्ताहिक बाजार : यह बाजार किसी निश्चित स्थान पर
सप्ताह में एक या दो दिन लगता है। इस साप्ताहिक बाजार में स्थायी दुकानें
नहीं होती हैं। विक्रेता दिन में दुकान लगाते हैं और शाम होने पर समेट
लेते हैं। अगले दिन वे अपनी दुकानें किसी और जगह पर लगाते हैं।
सप्ताहिक बाजारों में सब्जिओं, अनाज, कपड़ें, किराना सामान से
लेकर बरतन तक सभी चीजें प्रायः सस्ते दामों पर उपलब्ध होती हैं।
          शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल : शहरों में एक ही स्थान पर एक
साथ कई तरह की दुकानें होती हैं, जिनका स्वरूप बाजार जैसा होता है,
उन्हें शॉपिंग कॉम्पलेक्स के नाम से जाना जाता है। कुछ शहरी इलाकों
में बहुमंजिली वातानुकुलित दुकानें भी होती है, जिनकी अलग-अलग
मंजिलों पर अलग-अलग तरह की वस्तुएँ मिलती हैं। इस प्रकार की
दुकानों को मॉल कहा जाता है। यहाँ ब्राँडेड सामान एवं कुछ बिना ब्रांड
के सामान मिलते हैं। ब्रांडेड सामान प्रायः महँगे होते हैं।

5. हमारे लिए साप्ताहिक बाजार का क्या महत्व है ?
उत्तर― हमारे दैनिक जीवन में बहुत सारी वस्तुओं की आवश्यकता
होती है। हम उन सभी वस्तुओं का स्वयं उत्पादन नहीं कर सकते हैं। बाजार
के माध्यम से हमें उन सारी चीजों की पूर्ति होती है। बाजार लोगों को
रोजगार, आय तथा लाभ के अवसर प्रदान करता है। इससे देश में विकास
में भी सहायता मिलती है।

6.मोहन अपनी आय का संपूर्ण हिस्सा खर्च कर देता था। एक
दिन उसकी पली ने उसे टोका और बचत करने की सलाह दी।
इस पर वह उससे उलझ गया। क्या आपको मोहन का बर्ताव
ठीक लगा? उसकी पत्नी उसे बचत के लिए क्यों प्रेरित कर रही
थी?
उत्तर― अपने पास प्राप्त रुपयों को पूरी तरह से खर्च नहीं कर भविष्य
के लिए जो बचा कर रखते हैं, वह बचत कहलाता है। जीवन में बचत
की आदत नहीं है तो उसे समय-समय पर कठिनाइयों का सामना करना
पड़ सकता है। आज की बचत अथवा संचय ही भविष्य के मुश्किल वक्त
का सहारा है।
         अत: बचत चाहे धन की हो या फिर जल, समय व ऊर्जा की, सभी
रूपों में इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए तथा इनके दुरूपयोग से बचना
चाहिए।

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