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 Jharkhand Board Class 10 History Notes |  इंडो-चाइना में राष्ट्रवादी आंदोलन  

 JAC Board Solution For Class 10 History Chapter-2

              2. इंडो-चाइना में राष्ट्रवादी आंदोलन            

             (National Movement in Indo-China)

प्रश्न 1. उपनिवेशकारों के 'सभ्यता मिशन' का क्या अर्थ था ?
उत्तर―फ्रांसीसी लोग वियतनाम के लोगों को असभ्य मानकर उन्हें सभ्य
बनाना चाहते थे। इसके लिए वे शिक्षा को काफी अहम् मानते थे।

प्रश्न 2. वियतनाम के केवल एक तिहाई विद्यार्थी ही स्कूली पढ़ाई
सफलतापूर्वक पूरी कर पाते थे । व्याख्या कीजिए।       [JAC 2011 (A)]
उत्तर―वियतनाम में शिक्षा काफी महंगी थी। इसलिए गरीब अपने बच्चों
को फीस देकर नहीं पढ़ा सकते थे। काफी संख्या में वियतनामी छात्रों को परीक्षा
में जान-बूझकर फेल भी कर दिया जाता था। इसलिए वहा एक तिहाइ विद्यार्थी
ही स्कूली पढ़ाई सफलतापूर्वक कर पाते थे।

प्रश्न 3. फ्रांसीसियों ने मेकांग डेल्टा क्षेत्र में नहरें बनवाना और जमीनो
को सींचना शुरू किया। व्याख्या कीजिए।             [NCERT]
उत्तर―फ्रांसीसियों को मेकाँग डेल्य क्षेत्र में नहरों को बनवाने और जमीनों
को सींचने का मुख्य उद्देश्य फसलों के उत्पादन को बढ़ाना था।

प्रश्न 4. सरकार ने आदेश दिया कि साईगॉन नेटिव गर्ल्स स्कूल उस
लड़की को कक्षा में ले, जिसे स्कूल से निकाल दिया गया था। व्यायम
कीजिए।                                      [JAC 2016(A)]
उत्तर―छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया था। सरकार को यह डर था कि
यह आंदोलन उग्र रूप न धारण कर ले।

प्रश्न 5. हनोई के आधुनिक, नव-निर्मित इलाकों में चूहे बहुत थे।
व्याख्या कीजिए।                                      [JAC 2016 (A)]
उत्तर―हनोई के आधुनिक इलाकों में सीवर काफी अधिक थे। ये सीवर ही
चूहों के पनपने के लिए आदर्श साबित हुए।

प्रश्न 6. कन्फ्यूशियस कौन थे?
उत्तर―कन्फ्यूशियस एक चीनी विचारक थे जिन्होंने सदाचार, व्यवहार
बुद्धि और उचित सामाजिक संबंधों को आधार बनाते हुए एक दार्शनिक व्यवस्था
विकसित की थी।

प्रश्न 7. संरचनागत से क्या तात्पर्य है?
उत्तर―ऐसी विशाल परियोजनाएं, जिनसे अर्थव्यवस्था का ढाँचा तैयार होता
है। बड़ी सड़क परियोजनाएँ, रेल नेटवर्क या बिजलीधर आदि इसी तरह की
परियोजनाएँ हैं।

प्रश्न 8. समन्वयवाद का अर्थ लिखिए।
उत्तर―ऐसा विश्वास जिसमें भिन्नताओं के बजाय समानताओं पर ध्यान देते
हुए अलग-अलग मान्यताओं और आचारों को एक-दूसरे के साथ लाने का प्रयास
किया जाता है।

प्रश्न 9. यातना शिविर से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर―एक प्रकार की जेल, जिसमें कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ही
लोगों को कैद में डाल दिया जाता है। कारागार में निर्मम अत्याचार तथा
तरह-तरह की प्रताड़ना दी जाती है।

प्रश्न 10. गणतंत्र से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर―आम जनता की सहमति और जन-प्रतिनिधित्व पर आधारित
शासन-व्यवस्था, जो संविधान के अनुकूल कार्य करती है।

प्रश्न 11. नापाम क्या है?
उत्तर― यह अग्नि बमों के लिए गैसोलीन को फुलाने में इस्तेमाल होने वाला
एक ऑर्गेनिक कंपाउंड है। यह मिश्रण धीरे-धीरे जलता है और मानव त्वचा जैसी
किसी भी सतह के संपर्क में आने पर उससे चिपक जाता है और जलता रहता है।

प्रश्न 12. कोलोन से क्या तात्पर्य है।
उत्तर―वियतनाम में रहने वाले फ्रांसीसी नागरिकों को कोलोन कहा जाता था।

प्रश्न 13. वियतनाम को स्वतंत्रता कब मिली?
उत्तर― 1945.

प्रश्न 14. वियतनाम कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना कब और किसने की?
उत्तर―1930, हो ची मिन्ह।

प्रश्न 15. सनयात-सेन (Sun Yat-Sen) कौन था?
उत्तर―सुनयात सेन एक चीनी राष्ट्रवादी था जिसके नेतृत्व में लोकप्रिय
सरकार ने चिरकाल से चीन में स्थापित राजतंत्र को उखाड़ फेंका था।

प्रश्न 16. इंडो-चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी का संस्थापक कौन था?
उत्तर―हो ची मिन्ह।

प्रश्न 17. बाओ दाई कौन था?
उत्तर―बाओ दाई कठपुतली शासक था जिसे जेनेवा कांफ्रेंस के बाद दक्षिण
वियतनाम का शासक बना दिया गया था।

प्रश्न 18. अध्यादेश 10 क्या था ?
उत्तर―यह एक फ्रांसीसी कानून था जिसमें ईसाई धर्म को तो मान्यता दी गई
थी लेकिन बौद्ध धर्म गैर कानूनी घोषित किया गया।

प्रश्न 19. ट्रंग बहनें कौन थीं?
उत्तर―व वियतनामी राष्ट्रवादी थीं जो चीन से देश को बचाने के लिए लड़ी।

प्रश्न 20. त्रियु अयू कौन थी?
उत्तर―वह एक युवती थी जिसने वियतनाम में चीनी शासन का विरोध करने
के लिए एक बड़ी सेना संगठित की थी।

                          लघु उतरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. फ्रांसीसी इंडो-चाइना का निर्माण कैसे हुआ?
उत्तर―(i) फ्रांसीसी कंपनियों ने 1858 में वियतनाम में डेरा डाला।
(ii) 1880 के दशक के मध्य तक उन्होंने उत्तरी क्षेत्र पर अपनी पकड़
मजबूत कर ली थी।
(iii) फ्रांस-चीन युद्ध के बाद उन्होंने टकिन और अनाम पर भी कब्जा कर
लिया और 1887 को फ्रांसीसी इंडो-चाइना का गठन किया गया ।

प्रश्न 2. पूर्व की ओर चलो (गो-ईस्ट) आंदोलन क्या था?
उत्तर―(i) यह 20वीं सदी के प्रथम दशक में चलाया गया एक आंदोलन था।

(ii) 1907-1908 में लगभग 300 वियतनामी राष्ट्रवादी छात्र आधुनिक
शिक्षा प्राप्त करने के लिए जापान गए।

(iii) इनमें से अधिकांश का चरम लक्ष्य यही था कि फ्रांसीसियों के
वियतनाम से बाहर निकाल दिया जाए, कठपुतली सम्राट को अपदस्थ किया जाए
और फ्रांसीसियों द्वारा अपमानित करके गद्दी से हटाए गए न्यूयेन राजवंश को पुनः
गद्दी पर बिठाया जाए।

(iv) इन राष्ट्रवादियों को विदेशी हथियार और मदद लेने से कोई परहेज नहीं
था। उन्होंने इसके लिए एशियाई होने के नाते जापानियों से मदद माँगी।

प्रश्न 3. वियतनाम पर 1929 की महामंदी का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर―(i) 1930 के दशक में आई महामंदी ने विश्व के अनेक अर्थ-व्यवस्थाओं
को प्रभावित किया और वियतनाम पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ा।

(ii) रबड़ और चावल के दाम गिर गए और कर्जा बढ़ने लगा। चारों ओर
बेरोजगारी और ग्रामीण विद्रोहों का बोलबाला था। अन्धे अन और हा तिन्ह प्रान्तों
में भी ऐसे ही आंदोलन हुए।

(iii) ये सबसे निर्धन प्रान्त थे जहाँ रैलिडकल आंदोलन की एक लंबी परंपरा
चली आ रही थी जिसके कारण उन्हें वियतनाम की लपलपाती चिंगारी कहा जाता
था। जब भी बड़ा संकट आता था तो सबसे पहले वहीं असंतोष की ज्वाला
भड़कती थी तथा लोग औपनिवेशिक सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन पर उतर आते थे।

(iv) औपनिवेशिक सरकार ने इन विद्रोहों को सख्ती से कुचल डाला और
यहाँ तक कि जुलूसों पर हवाई जहाजों से बमबारी भी की गई। महामंदी तथा
मजदूरों के प्रति फ्रांसीसी क्रूरता ने राष्ट्रवादी नेताओं को संगठित होने का अवसर
प्रदान कर दिया।

प्रश्न 4. फ्रांसीसियों ने मेकाँग डेल्टा क्षेत्र में नहरें बनवाना और जमीनों
को सुखाना शुरू किया।                                  [JAC 2010 (A)]
उत्तर―फ्रांसीसी मेकाँग डेल्टा क्षेत्र में खेती का विस्तार करना चाहते थे।
इसलिए उन्होंने इस क्षेत्र में जमीनों को सुखाना आरंभ कर दिया। सिंचाई की
सुविधा प्रदान करने के लिए बहुत सी नहर खुदवाई गई और भूमिगत जलधाराएँ
बनाई गई। इसके लिए कई लोगों को जबरदस्ती काम पर लगाया गया। इस
व्यवस्था से चावल के उत्पादन में असाधारण वृद्धि हुई। फलस्वरूप 1931 तक
वियतनाम संसार में चावल का तीसरा बड़ा निर्यातक बन गया।

प्रश्न 5. सरकार ने आदेश दिया कि साइगॉन नेटिव गर्ल्स स्कूल उस
लड़की को वापस कक्षा में ले, जिसे स्कूल से निकाल दिया गया था।
                                                                  [JAC 2017(A)]
उत्तर―1926 में साइगॉन नेटिव गर्ल्स स्कूल (वियतनाम) में एक विवाद उठ
खड़ा हुआ। यह विवाद एक वियतनामी लड़की की सीट बदलने से पैदा हुआ।
उसे कक्षा में अगली सीट से उठाकर पिछली सीट पर जाकर बैठने के लिए कहा
गया। क्योंकि उस सीट पर एक फ्रांसीसी लड़की को बैठना था। जब लड़की ने
सीट छोड़ने से इंकार किया, तो स्कूल के कोलोन पिंसीपल ने उसे स्कूल से
निकाल दिया। अन्य विद्यार्थियों ने इसका जम कर विरोध किया। इस पर उन्हें
भी स्कूल से निकाल दिया गया । इस विवाद ने एक बहुत बड़े आंदोलन का रूप
ले लिया । लाग खुले आम जुलूस निकालने लगे। स्थिति नियंत्रण से बाहर होने
लगी। अत: फ्रांसीसी सरकार ने हार कर प्रिंसीपल को आदेश दिया कि लड़की को
पुनः स्कूल में ले । फलस्वरूप प्रिंसीपल को लड़की को वापस दाखिला देना पड़ा।

प्रश्न 6. हेनोई के आधुनिक, नवनिर्मित इलाकों में चूहे बहुत थे।
                                         [JAC 2010 (C); 2016 (A)]
उत्तर―हेनोई के फ्रांसीसी आबादी वाले क्षेत्र को सुन्दर और साफ-सुथरा
बनाया गया था। वहाँ जल निकासी की उचित व्यवस्था थी। इसके लिए विशाल
सीवर बनाये गए थे। यही सीवर चूहों के पनपने के स्थल बन गये। ये सीवर
चूहों के आवागमन के लिए भी आदर्श थे। इनमें से होते हुए चूहे पूरे शहर में
बिना रोक-टोक के घूमते रहते थे। वे फ्रांसीसियों के घरों में घुस जाते थे। अत:
1902 में उन्हें पकड़ने का अभियान चलाया गया। इस काम पर वियतनामियों को
लगाया गया। उन्हें हर चूहे के बदले इनाम दिया जाने लगा। चूहों की संख्या का
अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि 30 मई, 1902 को एक ही दिन
में 20,000 चूहे पकड़े गए।

प्रश्न 7. टोंकिन फ्री स्कूल की स्थापना के पीछे कौन-से विचार थे?
वियतनाम में औपनिवेशिक विचारों के लिहाज से यह उदाहरण कितना
सटीक है?                                                     [JAC 2013 (A)]
उत्तर―टोंकिन फ्री स्कूल की स्थापना के पीछे फ्रांसीसी सरकार का उद्देश्य
वियतनामी बच्चों को आधुनिकता का पाठ पढ़ाना था ताकि वियतनामी बच्चे
पश्चिमी लोगों के रंग में रम जाएँ। टोंकन फ्री स्कूल में विज्ञान, स्वच्छता और
फ्रांसीसी भाशा की कक्षाएं भी शमिल थीं। इसके लिए अलग से शाम को कक्षाएँ
लगाई जाती थीं और सकी फीस भी अलग से ली जाती थी। वियतनामी बच्चों
को सुन्दर दिखने के लिए छोटे-छोटे बाल रखने की सलाह दी जाती थीं। जबकि
वे पारंपरिक रूप से लंबे बाल रखते थे। इस उदाहरण से पता चलता है कि
फ्रांसीसी उपनिवेशक वियतनामी लोगों की मूल पहचान को समाप्त कर देना
चाहते थे, ताकि उनमें साम्राज्यवादी विरोधी भावना न उभर सके।

प्रश्न 8. 'फ्रांसीसियों ने उपनिवेशवाद को अनिवार्य समझा।' कारण
बताइए।
उत्तर―(i) कच्चे माल की आपूर्ति―प्राकृतिक संसाधनों तथा अन्य आवश्यक
माल की आपूर्ति के लिए उपनिवेश बनाना आवश्यक समझा गया ।
(ii) असभ्य लोगों को सभ्य बनाना―कई यूरोपीय देशों की यह राय थी
कि एफ्रो-एशियाई लोग असभ्य थे तथा सोचते थे कि दुनिया के पिछड़े लोगों तक
सभ्यता का लाभ पहुंचाना विकसित यूरोपीय राष्ट्रों का दायित्व है।

प्रश्न 9.पॉल बर्नार्ड कौन था? उपनिवेशों के विकास के बारे में उसके
क्या विचार थे?
उत्तर―पॉल बर्नार्ड एक प्रभावशाली लेखक तथा नीति-निर्माता था जिसने
फ्रांसीसी उपनिवेशों को विकसित करने का प्रारूप प्रस्तावित किया था।
   उसका दृढ़ विश्वास था कि उपनिवेश का आर्थिक विकास एकमात्र ढंग है
जो देश को लाभ पहुँचाने में सहायक हो सकता है। उसका कहना था कि
उपनिवेश लाभ कमाने के लिए बनाए जाते हैं । यदि उपनिवेश बनाए जाते हैं और
लोगों के प्रति व्यक्ति आय उच्च होती है तो इससे उनकी क्रय-शक्ति बढ़ेगी और
वे और अधिक वस्तुएँ खरीद सकेंगे। परिणामस्वरूप बाजार को विस्तार मिलेगा
जिससे फ्रांसीसी व्यवसाय को बेहतर लाभ मिलेगा।

प्रश्न 10. उपनिवेशकों का 'सभ्यता मिशन' क्या था?           [JAC 2009(S)]
उत्तर―वियतनाम का उपनिवेशवाद केवल आर्थिक शोषण पर आधारित नहीं
था परन्तु इसके पीछे 'सभ्य' बनाने का विचार भी क्रियाशील था। भारत में
अंग्रेजों की तरह फ्रांसीसियों का दावा था कि वे वियतनाम के लोगों को आधुनिक
सभ्यता से परिचित करा रहे हैं। उनकी राय थी कि यूरोप में सबसे विकसित
सभ्यता कायम हो चुकी है। अतः वे मानते थे कि उपनिवेशों में आधुनिक विचारों
का प्रसार करना यूरोपियों का ही दायित्व है।

प्रश्न 11. रेडिकल आंदोलन या लपलपाती चिंगारी से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर―1930 के दशक में आई महामंदी ने वियतनाम पर भी गहरा असर
डाला। रबड़ और चावल के दाम गिए गए और कर्जा बढ़ने लगा। चारों तरफ
बेरोजगारी और ग्रामीण विद्रोहों का बोलबाला था। न्ये अन और हा तिन्ह प्रान्तों
में भी ऐसे ही आंदोलन हुए, जो सबसे गरीब प्रान्त थे। इस आंदोलन को रेडिकल
आंदोलन या लपलपाती चिंगारी कहा जाता था।

प्रश्न 12. "होआ हाओ आंदोलन" से आप क्या समझते हैं ? इसके
संस्थापक कौन थे?
उत्तर―होआ हाओ आंदोलन उन्नीसवीं सदी के उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलनों
में उपजे विचारों से प्रेरति था। यह आंदोलन 1939 में शुरू हुआ था । हरे-भरे
मेकाँग डेल्या इलाके में इसे भारी लोकप्रियता मिली। इस आंदोलन के संस्थापक
हुइन फू सो थे।

प्रश्न 13. उन्नीसवीं सदी के अंत में फ्रांसीसियों के विरोध का नेतृत्व
किनके हाथों में था? उनके प्रमुख नेता और संगठन कौन-से थे?
उत्तर―उन्नीसवीं सदी अंत में फ्रांसीसियों के विरोध का नेतृत्व कन्फ्यूशियस
एवं विद्वानों-कार्यकर्ताओं के हाथों में था, जिन्हें अपनी दुनिया बिखरती दिखाई दे
रही थी। कन्फ्यूशियस परम्परा में शिक्षित फान बोई चाऊ प्रमुख नेता थे।
1903 में उन्होंने रेवोल्यूशनरी सोसायटी नामक पार्टी का गठन किया और तभी से
वह उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन के अहम् नेता बन गए थे। राजकुमार कुआंग
दे इस पार्टी के मुखिया थे।

प्रश्न 14. फ्रांस द्वारा वियतनाम में पश्चिमी शिक्षा के नये स्कूलों की
मुख्य विशेषताएं क्या थीं?
उत्तर―(i) नयी शिक्षा व्यवस्था में विज्ञान, स्वच्छता तथा फ्रांसीसी भाषा पर
विशेष बल दिया जाता था।

(ii) पश्चिमी शिक्षा के साथ इन स्कूलों में पश्चिमी शैली को भी बढ़ावा
दिया जाता था जैसे छोटे-छोटे बाल रखने की शैली।

(iii) इन स्कूलों में पश्चिमी कपड़े पहनने और टेनिस जैसे पश्चिमी खेल
खेलने पर बल दिया जाता था।

(iv) परंपरागत वियतनामियों के लिए बालों का वही महत्त्व था जो सिर का
होता है। अतः इन नए स्कूलों की स्थापना से वियतनामी परम्परागत संस्कृति को
गहरा आघात लगा।

प्रश्न 15. 'विद्वानों का विद्रोह' से क्या अभिप्राय है?
उत्तर―अठारहवीं सदी से ही बहुत सारे धार्मिक आंदोलन पश्चिमी शक्तियों के
प्रभाव और उपस्थिति के विरुद्ध जागृति फैलाने का यल कर रहे थे। सन् 1868
का विद्वानों का विद्रोह (Scholars Revolt) फ्रांसीसी कब्जे और ईसाई धर्म के
प्रसार के विरुद्ध प्रारंभिक आंदोलनों में से था। इस आंदोलन की बागडोर शाही
दरबार के अफसरों के हाथ में थी। ये अफसर कैथलिक धर्म और फ्रांसीसी सत्ता
के प्रसार से नाराज थे। उन्होंने न्गू अन और हा तिएन प्रांतों में विद्रोहों का नेतृत्व
किया और एक हजार से अधिक ईसाइयों का वध कर डाला। कैथलिक मिशनरी
17वीं सदी के शुरुआत से ही स्थानीय लोगों को ईसाई धर्म से जोड़ने में लगे हुए
थे और 18वीं सदी के अंत तक आते-जाते उन्होंने लगभग 3,00,000 लोगों को
ईसाई बना लिया था । फ्रांसीसियों ने 1968 के आंदोलन को कुचल डाला परन्तु इस
विद्रोह ने उनके विरुद्ध अन्य देशभक्तों में उत्साह का संचार अवश्य कर दिया।

प्रश्न 16. हो ची मिन्ह भूल भुलैया मार्ग से क्या तात्पर्य है ? वियतनाम
के युद्ध में इसका क्या महत्त्व है ? [JAC 2012(A), 2015 (A)]
अथवा, हो चो मिन्ह भूलभूलैया मार्ग संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
अथवा, हो ची मिन्ह मार्ग पर वियतनामियों ने अमेरिका के विरूद्ध
किस तरह लोहा लिया?                               [JAC 2015 (A)]
उत्तर―हो ची मिन्ह भूलभुलैया मार्ग फुटपाथों तथा सड़कों का एक विशाल
नेटवर्क था जिसके माध्यम से देश के उत्तर से दक्षिण की ओर सैनिक व रसद
भेजे जाते थे।
महत्त्व―(i) हो ची मिन्ह मार्ग को देखते ही इस बात को अच्छी तरह समझा
जा सकता है कि वियतनामियों ने अमेरिका के विरुद्ध किस प्रकार युद्ध लड़ा।
(ii) इससे स्पष्ट होता है कि वियतनाम के लोगों ने अपने सीमित संसाधनों
का कितनी सूझबूझ से भरी सैन्य शक्ति के विरुद्ध उपयोग किया।
(iii) इस मार्ग द्वारा प्रत्येक मास लगभग 20,000 उत्तरी वियतनामा सैनिक
दक्षिणी वियतनाम पहुंचने लगे थे।

प्रश्न 17. वियतनाम के केवल एक तिहाई विद्यार्थी ही स्कूली पढ़ाई
सफलतापूर्वक कर पाते थे । व्याख्या करें।            [NCERT]
अथवा, कुल एक तिहाई विद्यार्थी ही वियतनाम में स्कूली शिक्षा पास
कर पाते थे। क्यों?                                       [JAC 2012 (A)]
उत्तर―यह प्रायः जानबूझकर अपनाई गई नीति के कारण था कि विद्यार्थियों 
को फेल कर दिया जाता था, विशेषतः अंतिम वर्ष में, ताकि वे उच्च नौकरियाँ
प्राप्त करने की योग्यता न पा सकें। प्राय: दो-तिहाई विद्यार्थियों को फेल
दिया जाता था।

                                               ◆◆◆
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