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 Jharkhand Board Class 10  Civics  Notes | संघवाद     

 JAC Board Solution For Class 10TH ( Social science ) Civics Chapter 2

                         (Federalism)

                           लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. “संघीय शासन व्यवस्थाएँ दो तरीकों से गठित होती है।" उन दो
तरीकों के नाम बताएँ तथा प्रत्येक का एक उदाहरण भी दें।     [JAC 2015 (A)]
उत्तर―(i) दो या अधिक स्वतंत्र राष्ट्रों को साथ लाकर एक बड़ी इकाई
गठित करना-संयुक्त राज्य अमेरीका ।
(ii) बड़े देश द्वारा अपनी आंतरिक विविधता को ध्यान में रखते हुए राज्यों
का गठन करना-भारत।

प्रश्न 2. संघवाद की किन्हीं चार विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर―(i) इसमें सर्वोच्च सत्ता केन्द्रीय अधिकार तथा उसकी विभिन्न
आनुषंगिक इकाइयों के बीच बंट जाती है।
(ii) विभिन्न स्तर की सरकारें एक ही नागरिक समूह पर शासन करती हैं।
(iii) संविधान के मौलिक प्रावधानों को किसी एक स्तर की सरकार अकेले
नहीं बदल सकती।
(iv) संघीय शासन-व्यवस्था के दोहरे उद्देश्य हैं-देश की एकता की सुरक्षा
करना तथा उसे बढ़ावा देना तथा इसके साथ ही क्षेत्रीय विविधताओं का पूरा
सम्मान करना।

प्रश्न 3. भाषायी राज्यों का गठन क्यों हुआ? इसके लाभ क्या है ?
उत्तर―भाषायी राज्यों का गठन यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि
एक भाषा बोलने वाले लोग एक राज्य में आ जाएँ।
(i) इससे देश ज्यादा एकीकृत और मजबूत हुआ।
(ii) इससे प्रशासन भी पहले की अपेक्षा कहीं अधिक सुविधाजनक हो गया।

प्रश्न 4. भारत में स्थानीय सरकार की किन्हीं चार मुश्किलों का वर्णन
करें।
उत्तर―(i) अधिकांश राज्यों ने महत्त्वपूर्ण शक्तियाँ स्थानीय सरकारों को
स्थानांतरित नहीं की हैं।
(ii) संसाधनों की कमी है।
(iii) चुनाव नियमित रूप से नहीं होते हैं।
(iv) ग्राम सभाएँ नियमित रूप से नहीं होती हैं।

प्रश्न 5. स्थानीय सरकारों के क्या लाभ हैं?
उत्तर―स्थानीय सरकारों की यह नई व्यवस्था दुनिया में लोकतंत्र का अब तक
का सबसे बड़ा प्रयोग है। नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायतों के लिए करीब 36
लाख लोगों का चुनाव होता है। यह संख्या ही अपने आप में दुनिया के कई देशों
की कुल आबादी से ज्यादा है। स्थानीय सरकारों को संवैधानिक दर्जा दिए जाने से
हमारे यहाँ लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हुई हैं। इसने महिलाओं का प्रतिनिधित्व
बढ़ाने के साथ ही हमारे लोकतंत्र में उनकी आवाज को भी मजबूत किया है।

प्रश्न 6. पंचायती राज क्या है ? इसका महत्त्व क्या है?
उत्तर―ग्रामीण स्थानीय सरकार पंचायती राज के नाम से जानी जाती है।
महत्त्व―(i) यह लोगों को निर्णय लेने में सीधे रूप से भाग लेने में मदद
करता है।
(ii) यह सत्ता के विकेन्द्रीकरण में मदद करती है।
(iii) यह केन्द्र सरकार के काम के दबाव को कम करता है।

प्रश्न 7. ग्राम सभा क्या है ? इसके कार्य बताएँ।
उत्तर―गाँव का प्रत्येक वयस्क, जिसकी उम्र 18 वर्ष है, ग्राम सभा को रूप
प्रदान करता है।
ग्राम सभा के कार्य―
(i) यह पूरे गाँव के लिए निर्णय लेने वाली संस्था है।
(ii) पंचायतों का काम ग्राम-सभा की देख-रेख में चलता है।
(iii) यह ग्राम पंचायत का बजट पास करती है।

प्रश्न 8.पंचायती राज का उच्चतम स्तर कौन-सा है? इसके गठन का
उल्लेख करें।
उत्तर―ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज को उच्चतम संस्था जिला परिषद् है।
जिला परिषद् पूरे जिले में सभी ब्लॉक समितियों की गतिविधियों में तालमेल
रखती है। जिला परिषद् के अधिकांश सदस्यों को निर्वाचित किया जाता है।
जिला परिषद् में उस जिले से लोक सभा और विधान सभा के लिए चुने गए
सांसद और विधायक तथा जिला स्तर की संस्थाओं के कुछ अधिकारी भी सदस्य
के रूप में होते हैं। जिला परिषद् का प्रमुख इस परिषद् का राजनीतिक प्रधान
होता है।

प्रश्न 9. भारत की भाषा नीति पर नीचे तीन प्रतिक्रियाएं दी गई हैं।
इनमें से आप किसे ठीक समझते हैं ? उसके पक्ष में तर्क दें।
संगीता–प्रमुख भाषाओं को समाहित करने की नीति ने राष्ट्रीय एकता
को मजबूत किया है।
अरमान–भाषा के आधार पर राज्यों के गठन में हमें बाँट दिया है। हम
इसी कारण अपनी भाषा के प्रति सचेत हो गए हैं।
हरीश–इस नीति ने अन्य भाषाओं के ऊपर अंग्रेज के प्रभुत्व को
मजबूत करने भर का काम किया है।
उत्तर―संगीता का विचार सही है। वास्तव में भाषाओं को समाहित करने
की नीति ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया है।
   संविधान के अनुसार सरकारी कामकाज की भाषा के तौर पर अंग्रेजी का प्रयोग
1965 से बंद हो जाना चाहिए था पर अनेक गैर-हिन्दी भाषी राज्यों ने माँग की कि
अंग्रेजी का प्रयोग जारी रखा जाए । केन्द्र सरकार ने हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी को
राजकीय कामों में प्रयोग की अनुमति दे दी। भारत सरकार ने इस मामले में जो
लचीला रुख अपनाया, उस से हम श्रीलंका जैसी स्थिति में पहुँचने से बच जाए।

प्रश्न 10. भारतीय संविधान की विभिन्न सूचियों में दर्ज कुछ विषय
यहाँ दिए गए हैं। इन्हें नीचे दी गई तालिका में संघीय सूची, राज्य सूची
और समवर्ती सूची वाले समूहों में लिखें―                     [NCERT]
(क) रक्षा (ख) पुलिस (ग) कृषि (घ) शिक्षा (ङ) बैंकिंग (च) वन
(छ) संचार (ज) व्यापार (झ) विवाह ।
उत्तर―संघीय सूची–(क) रक्षा (ख) बैंकिंग (ग) संचार ।
राज्य सूची–(क) पुलिस (ख) कृषि (ग) व्यापार ।
समवर्ती सूची–(क) शिक्षा (ख) वन (ग) विवाह ।

प्रश्न 11. नीचे भारत में शासन के विभिन स्रोतों और उनके कानून
बनाने के अधिकार क्षेत्र के जोड़े दिए गए हैं। इनमें से कौन-सा जोड़ा सही
मेल वाला नहीं है?                                              [NCERT]
(क) राज्य सरकार                          राज्य सूची
(ख) केन्द्र सरकार                          संघीय सूची
(ग) केन्द्र और राज्य सरकार            समवर्ती सूची
(घ) स्थानीय सरकार                       अवशिष्ट अधिकार
                                उत्तर―(घ)।

                         दीर्घ उतरीय प्रश्नोतर

प्रश्न 1. 'साथ आकर संघ बनाने' (Comming together federation)
और 'साथ लेकर चलने वाले (Holding together federations) संघों |
में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर―
साथ आकर संघ बनाना                           साथ लेकर चलने वाले संघ
(1) इसके अंतर्गत दो या अधिक           (1) इसके अंतर्गत एक बड़े देश द्वारा
स्वतंत्र राष्ट्रों को साथ लाकर                      अपनी आंतरिक विविधता को
एक बड़ी इकाई का गठन किया                 ध्यान में रखते हुए राज्यों का
जाता है।                                               गठन किया जाता है।
(2) इसके अंतर्गत स्वतंत्र राज्यों की सत्ता  (2) इसके अंतर्गत केन्द्र सरकार अधिक
एक समान होती है।                                    शक्तिशाली होती है।
(3) संयुक्त राज्य अमेरिका स्विट्जरलैंड      (3) भारत, जापान और बेल्जियम ।
और ऑस्ट्रेलिया ।

प्रश्न 2. संघ सूची और समवर्ती सूची में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर―
संघ सूची                                                      समवर्ती सूची
(1) संघ सूची में प्रतिरक्षा, विदेशी मामले,     (1) इस सूची में वे विषय सम्मिलित
बैकिंग, संचार और मुद्रा जैसे राष्ट्रीय                  हैं, जो केन्द्र तथा सरकारों की
महत्त्व के विषय हैं।                                        साझी दिलचस्पी में आते हैं।
(2) इन विषयों के बारे में कानून बनाने        (2) इन विषयों पर कानून बनाने का
का अधिकार सिर्फ केन्द्र सरकार                     अधिकार राज्य सरकारों और केन्द्र
को है।                                                        सरकार दोनों को है।
(3) इस सूची में 97 विषय हैं।                    (3) इस सूची में 47 विषय हैं।

प्रश्न 3. भारतीय संघ की भाषा-नीति का वर्णन करें।
उत्तर―भारतीय संविधान में किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं
दिया गया है। जबकि हिन्दी को राजभाषा माना गया परन्तु केन्द्र सरकार ने किसी
भी ऐसे राज्य में हिन्दी को थोपा नहीं जहाँ लोग कोई और भाषा बोलते हैं।
संविधान में हिन्दी के अलावा अन्य 21 भाषाओं को अनुसूचित भाषा का दर्जा
दिया गया है। अधिकांश राज्यों की अपनी राजभाषाएँ हैं, जिसका प्रयोग
कार्यालयों में होता है। स्वाधीनता के बाद से, हमारे देश के नेताओं ने हिन्दी के
उपयोग को बढ़ावा देने के मामले में बहुत सावधानी भरा व्यवहार किया।
संविधान के अनुसार सरकारी कामकाज की भाषा के तौर पर अंग्रेजी का प्रयोग
जारी रखा जाए।

प्रश्न 4. विकेन्द्रीकरण क्या है ? विकेन्द्रीकरण का महत्त्व अथवा
जरूरत क्या है?
उत्तर―जब केन्द्र और राज्य सरकार से शक्तियाँ लेकर स्थानीय सरकारों को
दी जाती हैं तो इसे सत्ता का विकेन्द्रीकरण कहते हैं।
(i) विकेन्द्रीकरण के पीछे बुनियादी सोच यह है कि अनेक मुद्दों और
समस्याओं से निपटारा स्थानीय स्तर पर ही बढ़िया ढंग से हो सकता है। लोगों
को अपने इलाके की समस्याओं की बेहतर समझ होती है। लोगों की इस बात
की अच्छी जानकारी होती है कि पैसा कहाँ खर्च किया जाए और चीजों का
अधिक कुशलता से उपयोग किस तरह किया जा सकता है।
(ii) स्थानीय स्तर पर लोगों का फैसलों में सीधे भागीदार बनना भी संभव
हो जाता है। इससे लोकतांत्रिक भागीदारी की आदत पड़ती है। स्थानीय सरकारों
की स्थापना स्व-शासन के लोकतांत्रिक सिद्ध वास्तविक बनाने का सबसे अच्छा
तरीका है।

प्रश्न 5. भारत में संघवाद की एक ऐसी विशेषता बताएँ जो बेल्जियम
के संघवाद से मिलती-जुलती हो और एक ऐसी विशेषता जो अलग हो।
                                                                    [JAC 2013 (A)]
उत्तर―भारत तथा बेल्जियम के बीच संघवाद से मिलती-जुलती
विशेषता–भारत तथा बेल्जियम दोनों सबको साथ लेकर चलने वाले संघ हैं, जहाँ
केन्द्र सरकारें राज्य सरकारों से अधिक शक्तिशाली होती हैं।
भारत और बेल्जियम के बीच संघवाद की अलग विशेषता―बेल्जियम
में तीन प्रकार की सरकारें हैं-केन्द्र की सरकार, राज्य स्तर की सरकार तथा
सामुदायिक सरकार । सामुदायिक सरकार के पास सांस्कृतिक, शैक्षिक तथा भाषा
संबंधी मामलों की सत्ता होती है।
परन्तु भारत में, तीसरे प्रकार की अर्थात् सामुदायिक सरकार नहीं होती । यहाँ
केवल दो प्रकार की सरकारें हैं। पहली प्रकार की सरकार राज्य स्तर पर होती है।

प्रश्न 6. भारत की संघीय शासन व्यवस्था की चर्चा कीजिए।
                                        [JAC 2014(A): 2016 (A)]
उत्तर―संघीय शासन व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं―
(i) सरकार के दो या अधिक स्तर-संघीय शासन व्यवस्था में सर्वोच्च
सत्ता केन्द्रीय प्राधिकार और उसकी विभिन्न आनुगिक इकाइयों के बीच बँट जाती
है। आमतौर पर संघीय व्यवस्था में दो स्तर पर सरकारें होती हैं। इसमें एक सरकार
पूरे देश के लिए होती है तथा दूसरी सरकार राज्य या प्रांत स्तर की होती है।

(ii) एक नागरिक समूह अलग-अलग अधिकार क्षेत्र―अलग-अलग
स्तर की सरकारें एक ही नागरिक समूह पर शासन करती हैं, पर कानून बनाने,
कर वसूलने और प्रशासन का उनका अपना-अपना अधिकार-क्षेत्र होता है।

(iii) संविधान की सर्वोच्चता―संविधान में सरकार के विभिन्न स्तरों के
अधिकार क्षेत्र स्पष्ट रूप से वर्णित होते हैं। इसलिए सरकार के प्रत्येक स्तर का
अस्तित्व तथा प्राधिकार संवैधानिक रूप से सुरक्षित होते हैं।

(iv) सुदृढ संविधान―संविधान के मौलिक प्रावधानों को किसी एक स्तर
की सरकार अकेले नहीं बदल सकती। ऐसे बदलाव दोनों स्तर की सरकारों की
सहमति से ही हो सकते हैं।

(v) अदालतों के सर्वोच्च प्राधिकार―आदलतों को संविधान और विभिन्न
स्तर की सरकारों के अधिकारों की व्याख्या करने का अधिकार है। विभिन्न स्तर
के सरकारों के बीच अधिकारों के विवाद की स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय
निर्णायक की भूमिका निभाता है।

(vi) दोहरे उद्देश्य―संघीय शासन व्यवस्था के दोहरे उद्देश्य हैं–देश की
एकता की सुरक्षा करना और उसे बढ़ावा देना, इसके साथ ही क्षेत्रीय विविधताओं
का पूरा सम्मान करना।

प्रश्न 7. भारत में संघीय व्यवस्था कैसे चलती है ? व्याख्या करें।
अथवा, 'भारत में संघीय व्यवस्था की सफलता का मुख्य श्रेय यहाँ की
लोकतांत्रिक राजनीति के चरित्र को देना होगा।' च्याख्या करें।
उत्तर―(i) भाषायी राज्य–स्वाधीनता के बाद, 1950 के दशक में भारत के
कई पुराने राज्यों की सीमाएँ बदली । ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया
गया कि एक भाषा बोलने वाले, एक ही प्रकार की | संस्कृति, भूगोल अथवा
जातीयताओं को मानने वाले लोग एक ही राज्य में रह सकें।

(ii) भाषा-नीति―हमारे संविधान में किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा का
दर्जा नहीं दिया गया। जबकि हिन्दी को राजभाषा माना गया पर केन्द्र सरकार ने
हिन्दी को उन राज्यों पर नहीं थोपा, जो कोई और भाषा बोलते हैं। भारतीय
संविधान में हिन्दी के अलावा अन्य 21 भाषाओं को अनुसूचित भाषा का दर्जा
दिया गया है।

(iii) केन्द्र-राज्य संबंध―केन्द्र राज्य संबंधों में लगातार आए बदलाव से
पता लगता है कि व्यवहार में संघवाद किस तरह मजबूत हुआ है। जबकि भारतीय
संविधान ने केन्द्र तथा राज्य सरकारों की शक्तियों को बाँट रखा है, परन्तु फिर
भी कई प्रकार से केन्द्र सरकार राज्य सरकारों पर प्रभाव जमा सकती है। अतीत
में केन्द्र सरकार अक्सर संवैधानिक प्रावधनों का दुरुपयोग करके विपक्षी दलों की
राज्य सरकारों को भंग कर देती थी। यह संघवाद तथा लोकतंत्र की भावना के
प्रतिकूल था।
    राज्य सरकारों की स्वायता में सुधार लाने के लिए न्यायपालिका ने महत्त्वपूर्ण
भूमिका निभाई है क्योंकि इसने कई बार उन राज्य सरकारों की सुरक्षा की जिन्हें
मनमाने ढंग से भंग कर दिया जाता था।

प्रश्न 8. भारत में तीन स्तरीय व्यवस्था के नाम बताएँ। तीसरे स्तर को
अधिक शक्तिशाली और प्रभावशाली बनाने के लिए सरकार ने कौन-से
कदम उठाए?
उत्तर―तीन स्तरीय सरकार―(i) केन्द्र सरकार, (ii) राज्य सरकार, (iii) स्थानीय
सरकार।
कदम―अब स्थानीय स्वशासी निकायों के चुनाव नियमित रूप से कराना
संवैधनिक बाध्यता है।
(a) निर्वाचित स्वशासी निकायों के सदस्य तथा पदाधिकारियों के पदों में
अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी जातियों के लिए सीटें
आरक्षित हैं।
(b) कम से कम एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
हर राज्य में पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने के लिए राज्य
चुनाव आयोग नामक स्वतंत्र संस्था का गठन किया गया है।
(d) राज्य सरकारों को अपने राजस्व और अधिकरों का कुछ हिस्सा इन
स्थानीय स्वशासी निकायों को देना पड़ता है। सत्ता में भागीदारी की प्रवृति हर
राज्य में अलग-अलग है।

प्रश्न 9.विकेन्द्रीकरण के लाभ बताए।
उत्तर―(i) स्थानीय लोगों को बेहतर समझ-विकेन्द्रीकरण के पीछे
बुनियादी सोच यह है कि अनेक मुद्दों और समस्याओं का निपयरा स्थानीय स्तर
पर ही बढ़िया ढंग से हो सकता है। लोगों को अपने इलाके के समस्याओं की
बेहतर समझ होती है। लोगों को इस बात की भी जानकारी होती है कि पैसा कहाँ
खर्च किया जाए और चीजों का अधिक कुशलता से उपयोग किस तरह किया
जाए।

(ii) लोगों को सीधी भागीदारी―विकेन्द्रीकरण के कारण स्थानीय स्तर पर
लोगों को फैसलों में सीधे भागीदार बनाना भी संभव हो जाता है। इससे
लोकतांत्रिक भागीदारी की आदत पड़ती है। स्थानीय सरकारों की स्थापना स्व-शासन
के लोकतांत्रिक सिद्धांत को वास्तविक बनाने का सबसे अच्छा तरीका है।

(iii) लोकतंत्र की नींव―लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्थानीय सरकारें बहुत
महत्त्वपूर्ण होती हैं। ये स्थानीय नागरिकों तथा नेताओं के लिए प्रशिक्षण केन्द्र
होती हैं। ये राजनीतिक शिक्षा प्रदान करते हैं। लोगों को चुनाव प्रक्रिया तथा अपने
मत के सही उपयोग की जानकारी मिलती है, जो कि लोकतंत्र की नींव है।

(iv) केन्द्र सरकार के कार्य भार में कमी―यह केन्द्र सरकार अथवा राज्य
सरकार के कार्य भार को कम कर देती हैं। ये राष्ट्रीय अथवा राज्यों के महत्त्वपूर्ण
मामलों पर बेहतर तरीकों से विचार कर सकती हैं। इस प्रकार स्थानीय स्वशासी
सरकारें शासन के तीनों स्तरों पर कुशलता सुनिश्चित करती हैं। भारतीय नेताओं
ने भी विकेन्द्रीकरण की आवश्यकता पर बल दिया है।

प्रश्न 10.शासन के संघीय और एकात्मक स्वरूपों में क्या-क्या मुख्य अंतर हैं?
इसे उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट करें।  [JAC 2010 (C); 2011 (A); 2017 (A)]
उत्तर―
संघीय सरकार                                           एकात्मक सरकार
(1) इसमें सत्ता केन्द्रीय प्राधिकार तथा         (1) इसके अंतर्गत एक ही सरकार
इसकी विभिन्न आनुषंगिक इकाइयों                   होती है जिसके नियंत्रण में पूरी
के बीच बंटी है।                                              सत्ता होती है।
(2) संघीय सरकार में विषयों का                 (2) इसमें विषयों का विभाजन नहीं
विभाजन होता है।                                           होता।
(3) स्वशासी स्थानीय सरकारों के पास         (3) स्थानीय सरकारों के पास न तो
सत्ता तथा स्वतंत्रता होती है।                            सत्ता होती है और न आजादी।
(4) भारत, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया,              (4) इंग्लैंड, जापान, फ्रांस, इटली आदि
कनाडा आदि ने संघीय व्यवस्था                       ने एकात्मक व्यवस्था को अपनाया
को अपनाया है।                                             है।

प्रश्न 11. 1992 के संविधान संशोधन से पहले और बाद के स्थानीय
शासन के दो महत्त्वपूर्ण अंतरों को बताएँ।                   [NCERT]
उत्तर―
1992 से पहले की स्थानीय सरकार                 1992 के बाद की स्थानीय सरकार
(1) स्थानीय सरकारें राज्य सरकारों के            (1) स्थानीय सरकारों को अपने कुछ
सीधे नियंत्रण में थीं।                                          अधिकार मिल गए।
(2) चुनाव नियमित रूप से नहीं होते               (2) चुनाव नियमित रूप से होने लगे।
थे।
(3) चुनावों पर राज्य सरकारों का नियंत्रण        (3) चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव
था।                                                                 आयोग नामक स्वतत्र संस्था का
                                                                       गठन किया गया।
                                                   ◆◆◆
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