JAC Board Solutions : Jharkhand Board TextBook Solutions for Class 12th, 11th, 10th, 9th, 8th, 7th, 6th

themoneytizer

   Jharkhand Board Class 9TH Hindi Notes | इस जल प्रलय में  

 JAC Board Solution For Class 9TH Hindi Kritika Chapter 1


1. बाढ़ की सही जानकार लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक
क्यों
उत्सुक था?
उत्तर― बाढ़ की सही जानकारी जानने और बाढ़ का भयावह रूप देखने के लिए
लेखक इसलिए उत्सुक था, क्योंकि वह उसी शहर का निवासी था। वह
देखना चाहता था कि शहर के किन-किन क्षेत्रों में परेशानी और भयावहता
का समावेश हो चुका है।। जैसे कि राजभवन, मुख्यमंत्री निवास, गोलघर,
कॉफी हाउस, फ्रेजर रोड, श्री कृष्णपुरी, पाटललीपुत्र कॉलेनी, बोरिंग रोड,
इंडस्ट्रियल एरिया, भट्टाचार्य रोड एवं वीमेंस कॉलेज आदि। लोगों की
आवाजाही और निरन्तर चर्चा के कारण ही लेखक बाढ़ की सत्यता जानने
का जिज्ञासु हो गया था।

2. नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने
किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया ?
उत्तर― नौजवान के द्वारा बाढ़ के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में इसलिए कूदा
क्योंकि 1949 में जब महानंदा की बाढ़ से बचकर लोग नाव पर बैठ रहे
थे तब रिलीफ के डॉक्टर ने बीमारों के साथ-साथ नौजवान को भी नाव
पर चढ़ने दिया, लेकिन नौजवान का कुत्ता भी फॅई-पूई करके उनके
पीछे-पीछे आ गया तब क्रोध में आकार डॉक्टर ने कुत्ते को आने से मना
कर दिया। वे डरकर बोले-अरे, अरे ! कुकुर नहीं, कुर को भगाओ। बीमार
नौजवान ऐसा सुनकर शीघ्र ही पानी में उतर गया और बोला-हमारा कुकुर
नहीं जाएगा तो हम भी नहीं जाएंगे। कुत्ता भी छपाक से पानी में उतर गया
और अपनी स्वामिभक्ति का परिचय दिया। नौजवान ने भी अपने पालतू कुत्ते
के प्रति स्नेह और लगाव का परिचय दिया।

3. 'अच्छा है, कुछ भी नहीं कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा
है, कुछ भी नहीं-मेरे पास।'-मूवी कैमरा, टेपरिकॉर्डर आदि की तीव्र
उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?
उत्तर― लेखक यात्रा वर्णन एवं रिपोर्ताज आदि का शब्द चित्रांकन करने का
शौकीन था। जब उसने बाढ़ का दृश्य देखा देखा तो उसकी बेहद इच्छा
हुई कि वह उस दृश्य और स्वानुभवों को कैद करके रख ले, जिसके
लिए मूवी कैमरा (चल चित्र खींचने हेतु).टेप-रिकॉर्डर (ध्वनि कैद
करके रिकॉर्ड करने हेतु) एवं शब्दबद्ध करने हेतु कलम भी नहीं थी
(कलम भी चोरी हो चुकी थी।) यह सब सोचकर वह आश्वस्त होते हुए
मन-ही-मन कहने लगा-चलो अच्छा ही है यदि ये सभी उपकरण मेरे पास
होते तो मैं रिकॉर्डिंग एवं लेखन का कार्य करने बैठ जाता, किन्तु बाढ़
का दृश्य तो शब्दों से भी परे अवर्णनीय था। अतः लेखक चुपचाप
मन-ही-मन संतुष्ट हो गए और सोचा कि इन सभी उपकरणों की
अनुपस्थिति अब उन्हें बेचैन नहीं करेगी।

4. 1949 की महानंदा की बाढ़ के समय लेखक के साथ क्या घटना
घटी?
उत्तर― 1949 में महानंदा की बाढ़ से घिरे बापसी थाना के एक गाँव में लेखक
और उसकी साथी पहुँचे। उनकी नाव पर रिलीफ के डॉक्टर साहब थे।
गाँव के कई बीमारों को नाव पर चढ़ाकर कैंप में ले जाना थां एक बीमार
नौजवान के साथ उसका कुत्ता भी 'कुंई-कुंई' करता हुआ नाव पर चढ़
गया। डॉक्टर साहब कुत्ते को देखकर भीषण भयभीत हो गए और
चिल्लाने लगे-'आ रे! कुकुर नहीं, कुकुर नहीं...ककुर को भगाओ!'
बीमार नौजवान छप-से पानी में उतर गया-"हमार कुकुर नहीं जाएगा तो
हमहुँ नहीं जाएंगे।" फिर कुत्ता भी छपाक पानी में गिरा-"हमारा आदमी
नहीं जाएगा तो हमहुँ नहीं जाएंगे।"...परमान नदी की बाढ़ में डूबे हुए कई
'मुसहरी' (मुसहरों की बस्ती) में राहत बाँटने गए। खबर मिली थी वे
कई दिनों से मछली और चूहों को झुलसाकर खा रहे हैं। किसी तरह जी
रहे हैं। किंतु टोले के पास जब लेखक पहुँचा तो ढोलक और मंजीरा की
आवाज सुनाई पड़ी। जाकर देखा एक ऊँची जगह 'मचान' बनाकर स्टेज
की तरह बनाया गया है। 'बलवाही' नाच हो रहा है। लाल साड़ी पहनकर
काला-कलूटा 'नटुआ' दुलहिन का हाव-भाव दिखला रहा था।

5. पटना की बाढ़ में पिकनिक मनाने आए युवक-युवतियों के साथ कैसा
बर्ताव हुआ?
उत्तर―1967 में पटना में भीषण बाढ़ आई। लगभग पूरा शहर डूब गया। लेखक
राजेंद्र नगर में रहता था। वह भी लगभग जलमग्न हो गया। तभी कुछ
मनचले युवक-युवतियों की टोली सज-धजकर एक नाव पर सवार होकर
पानी में उतरी। नाव में स्टोव चल रहा था। उस पर केतली रखी थी। बिस्कुट
के डिब्बे भी खुले हुए थे। एक युवती मनमोहक अदा में नैस्कैफे कॉफी
का पाउडर मथ रही थी। दूसरी बेफिक्र होकर रंगीन पत्रिका पढ़ रही थी।
एक युवक घुटनों पर कोहनी रखे उस लड़की के सामने डायलॉग मार
रहा था। मानो वे सब किसी फिल्मी दृश्य की नकर कर रहे हों। ट्रांजिस्टर
चल रहा है। ऊँची आवाज में गाना सुनाई पड़ रहा था-'हवा में उड़ता जाए
मेरा लाल दुपट्टा मलमल कां"
युवक-युवतियों का यह आनंद-उत्सव राजेंद्र नगर के लड़कों को पसंद
न आया। उन्होंने ब्लॉक की छत से इतनी किलकारियाँ, सीटियाँ और
फब्तियों की बौछार की कि वे लज्जित हो गए। उनका उत्साह काफूर हो
गया। लाल होंठ काले पड़ गए।

6. पटना के राजेंद्र नगर में पानी आने का दृश्य अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर― पटना के राजेंद्र नगर में पश्चिम दिशा की ओर से पानी का प्रवेश हुआ।
पानी डोली की शक्ल में आगे बढ़ा। उसका मुँह पर मानो डाग-फेन था।
दूसर से देखने पर यों लगा मानो किल्लोल करते बच्चों की एक भीड़
उनके आगे-आगे चली आ रही है। नजदीक आकर पता चला कि बच्चों
की भीड़ नहीं थी, बल्कि मोड़ पर रूकावट पाकर पानी उछल रहा था।
धीरे-धीरे चारों ओर शोर मच गया। कोलाहल, चीख-पुकार और पानी की
कलकल। धीरे-धीरे पानी फुटपाथ को पार करके वेग से बहने लगा। जल्दी
ही वह गोलंबर के गोल पार्क के चारों ओर घिर गया। पानी का वेग इतना
तेज हो गया कि सामने की दीवार की ईंटें एक-एक करके डूबने लगीं।
धीरे-धीरे बिजली के खंभे का काला भाग डूब गया। ताड़ के पेड़ का
तना डूबता गया। इस प्रकार पानी बढ़ता ही गया।

                                   लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

1. बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?
उत्तर― बाढ़ की खबर सुनकर लोग सावधानी बरतने के संदर्भ में आवश्यक
वस्तुओं का संग्रह करने लगे, जैसे-खाने-पीने का सामान, रोजमर्रा की
वस्तुएँ, ईंधन, गैस एवं कैरोसिन, मोमबत्ती, पीने का पानी, कंपोज की
गोलियाँ, आलू, दिया-सलाई, सिगरेट आदि।

2. सबकी जबान पर एक ही जिज्ञासा-'पानी कहाँ तक आ गया है?'-इस
कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?
उत्तर― सबकी जबान पर यही जानने की इच्छा थी, कि-पानी कहाँ तक आ गया
है? चूँकि हर व्यक्ति बाढ़ से होने वाली विभीषिकाओं और विपदाओं से
परिचित था। उसे डर था कि पानी उनके निवास स्थान तक तो नहीं पहुँच
रहा है? ऐसा होने पर वे कोई-न-कोई अपना प्रबंध नियम अपना सकते हैं।


3. 'मृत्यु का तरल दूत' किसे कहा गया है और क्यों?
उत्तर― मृत्यु का तरल दूत कॉफी हाउस के पास सड़क के किनारे से एक मोटी
डोरी की शक्ल में गेरुआ-झाग-फेन में उलझे मोटीधार वाले पान को कहा
गया है। वह देखने में भयावह, मोटीधार वाला, तेज प्रवाह युक्त पानी बाढ़
की भयावहता की सूचना दे रहा था।

4. आपदाओं से निपटने के लिए अपनी ओर से कुछ सुझाव दें।
उत्तर― बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है। यह नदी में जल अत्यधिक मात्रा में भर आने
अथवा लगातार मूसलाधार वर्षा के कारण उपस्थित होती है। इससे निपटने
के लिए दीर्घकालिक और तात्कालिक उपाय बरते जाने की आवश्यकता
है। पानी की निकासी की उचित व्यवस्था की जानी चाहए। बाढ़ आने पर
नावों एवं बचाव कार्यों का प्रबंध किया जाना भी जरूरी है। पर्याप्त मात्रा
में खाद्य-सामग्री का भंडार बनाना भी जरूरी है। दवाइयों का भंडारण भी
होना चाहिए।

5. खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचनाक क्यों बढ़
गई थी?
उत्तर― बाढ़ आने के कारण दुकानों में हड़बड़ी का वतावरण उपस्थित हो गया
था। नीचे के सामान ऊपर होने लगे थे, अतः खरीद-बिक्री बंद हो चुकी
थी। हाँ, पानवालों की बिक्री की दुकानों पर रेडियो-ट्रांजिस्टर पर बाढ़ के
समाचार सुनने के लिए लोग एकत्रित हो रहे थे। वे वहाँ खड़े होकर पान
भी खरीदकर खा रहे थे।

6. 'अईह! जब दानपुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर
देखने भी नहीं गए अब बूझो!' इस कथन द्वारा लोगों की किस
मानसिकता पर चोट की गई है?
उत्तर― इस कथन द्वारा शहरी लोगों की स्वार्थी मानसिकता पर चोट की गई है।
जब ग्रामीण क्षेत्र बाढ़ में डूबता है तब शहर के बाबू लोग उनकी दशा
देखने तक नहीं जाते।

7. जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने
की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए?
उत्तर― जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने
की संभावना है तो उसने एक सप्ताह की खुराक लेने का प्रबंध किया।
उसने किताबों के अलावा गैस की स्थिति के बारे में पत्नी से जानकारी
ली। उसने ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दिया-सलाई, सिगरेट, पीने का पानी और
नींद की गोलियों का प्रबंध किया।

8. बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन-सी बीमारियों के फैलने की आशंका
रहती है?
उत्तर― बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में अनेक बीमारियाँ फैलने की आशंका रहती है,
जैसे-हैजा, पीलिया, डायरिया (आंत्र शोथ), दस्त, कै. पेट के रोग
(कृमि-जन्य) आदि।

9. आपने भी देखा होगा कि मीडिया द्वारा प्रस्तुत की गई घटनाएँ कई बार
समस्याएँ बन जाती हैं, ऐसी किसी घटना का उल्लेख करें।
उत्तर― मीडिया जहाँ समस्याओं की ओर हमारा ध्यान खंचकर उनका हल प्रस्तुत
करता है, वहीं कई बार समस्याओं को बढ़ा भी देता है। उदाहरणतया,
गुजरात में गोधरा नामक स्टेशन पर एक रेल-बोगी में कुछ सांप्रदायिक
ताकतों ने आग लगा दी। इस घटना को मीडिया ने इस ढंग से मसाले
लगा-लगाकर प्रस्तुत किया कि वहाँ सांप्रदायिक दंगा लावे की तरह फूट
पड़ा। मीडिया ने सनसनी फैलाने के उद्देश्य से उत्तेतक दृश्य दिखाए,
परिणामस्वरूप पूरा गुजरात उत्तेजित हो उठा।

10. अपनी देखी-सुनी किसी आपदा का वर्णन करें।
उत्तर― अभी हाल में ही सुनामी की आपदा बेहद भयानक रही। समुद्र तट पर बसे
अंडमान निकोबार के अनेकों घर तबाह हो गए। लोग बीमारियों के शिकार
हो गए। अभी तक सुनामी पीड़ितों की दर्दनामक दास्तान रोंगटे खड़े कर
देती है। इनकी मदद हेतु संस्थाएँ, स्कूल एवं सरकार भी सहायक रही।
भविष्य में किसी भी प्रकार की विपदा से बचने हेतु सतर्क रहना जरूरी
है।

                                                    ■■

  FLIPKART

और नया पुराने

themoneytizer

inrdeal