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      Jharkhand Board Class 9TH Geography Notes | प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी :  

 JAC Board Solution For Class 9TH (Social Science) Geography Chapter 5


1. सही विकल्प का चयन करें–
(i) रबड़ का संबंध किस प्रकार की वनस्पति से है?
(क) टुंड्रा
(ख) हिमालय
(ग) मैंग्रेव
(घ) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन।

(ii) सिनकोना के वृक्ष कितनी वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं?
(क) 100 से०मी० 
(ख) 70 से०मी०
(ग) 50 से०मी० 
(घ) 50 से०मी० से कम वर्षा।

(iii) सिमलीपाल जीव मंडल निचय कौन-से राज्य में स्थित है?
(क) पंजाब
(ख) दिल्ली
(ग) उड़ीसा
(घ) पश्चिम बंगाल।

(iv) भारत के कौन-से जीव मंडल निचय विश्व के जीव मंडल निचयों
के लिए गए हैं?
(क) मानस,
(ख) मन्नार की खाड़ी,
(ग) दिहांग-दिबांग, 
(घ) नंदादेवी।
                   उत्तर―(i) - (घ), (ii)-(क), (iii) - (ग). (iv)- (ख) तथा (घ)।

2. पारिस्थितिकी तंत्र किसे कहते हैं?
उत्तर― एक क्षेत्र विशेष में मौजूद सभी जीव-जन्तुओं और पेड़-पौधों के
पारस्परिक संबंधों तथा भौतिक पर्यावरण से उनके घनिष्ठ संबंध को
पारिस्थितिक तंत्र कहते हैं।

3. पादपों तथा जीवों का वितरण किन तत्त्वों द्वारा निर्धारित होता है ?
उत्तर― पादपों तथा जीवों का वितरण जलवायु मृदा, उच्चावच तथा अपवाह द्वारा
निर्धारित होता है।

4. जीव मंडल निचय से क्या अभिप्राय है कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर― जीवन मंडल निचय एक बहु-उद्देशीय संरक्षित क्षेत्र होता है जहाँ प्रत्येक
पादक एवं जीव-प्रजातियों को प्राकृतिक वातावरण में संरक्षण प्रदान किया
जाता है।
दो उदाहरण इस प्रकार हैं–
(क) नंदा देवी (उत्तरांचल),
(ख) नोकरेक (मेघालय)।

5. कोई दो वन्य प्राणियों के नाम बताएँ जो उष्ण कटिबंधीयवर्षा और
पर्वतीय वनस्पति में मिलते हैं।
उत्तर―(क) उष्णकटिबंधीय वर्षा वाले वन में हाथी और बंदर आदि वन्य प्राणी
पाए जाते हैं।

(ख) पर्वतीय या ध्रुव प्रदेश की वनस्पति (टुण्ड्रा) में बारहसिंघा और
याक आदि वन्य प्राणी पाए जाते हैं।

6. विश्व के बारह बृहत (महा) जैव विधिता वाले देशों में भारत को
सम्मिलित करने का क्या कारण है?
उत्तर― भारत में पाई जाने वाली 47000 पादप प्रजातियाँ और 89000 जन्तु
प्रजातियाँ।

7. पुष्पित न होने वाले पौधे कौन से हैं?
उत्तर― पर्णां, पर्णस्तंभ, शैवाल और कवल की बहुत सी किस्में।

8. वनस्पति क्या है?
उत्तर― एक क्षेत्र विशेष में उगने वाली प्राकृतिक वनस्पति (पेड़-पौधे)।

9. जीव-जन्तु क्या है?
उत्तर– एक क्षेत्र में पाए जाने वाले वन्य जीव।

10. उष्णकटिबंधीय वर्षा वाले वनों के उगने हेतु कितनी वर्षा अपेखित है?
उत्तर―200 सेमी० और इससे अधिक।

11. उष्णकटिबंधीय वनस्पति क्षेत्र के लिए कितना औसत तापमान रहना
आवश्यक है?
उत्तर―24° से० से अधिक।

12. अक्षत वनस्पति क्या है?
उत्तर― मानव हस्तक्षेप या बाधा से सर्वथा मुक्त प्राकृतिक वनस्पति को अक्षत
वनस्पति कहते हैं।

13. देशज वनपति क्या है?
उत्तर― वह वनस्पति जो कि मूलरूप से भारतीय है उसे देशज वनस्पति कहते हैं।

14. विदेशज वनस्पति क्या है?
उत्तर― जो पौधे भारत के बाहर से लाई गई उन्हें विदेशज वनस्पति कहते है।

15. पादप और जंतु जगत की विपुल विविधता के जिम्मेदार घटक
कौन-कोन से है?
उत्तर― (क) तापमान,
(ख) सूर्य का प्रकाश,
(ग) वृष्टि, 
(घ) मिट्टी,
(ङ) भू-आकारिकी।

16. भारत में अक्षत वनस्पति को हम कहाँ देख सकते हैं?
उत्तर― हिमालय के उत्तुंग शिखरों और धार मरुस्थल के दुर्गम आंतरिक भागों में।

17. कटीले और झाड़ी वाले वनों के मुख्य वृक्षों के नाम लिखें।
उत्तर―(क) बबूत (स) कीकर (ग) खैर (घ) खजूर।

18. उस राज्य-संघ क्षेत्र का नाम लिखें जिसमें वन-आवरण अधिकतम है
और बताएँ कि ऐसा किस कारण है?
उत्तर―अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में। सर्वाधिक गहरा समुद्र और मानवों
की पहुँच से परे दशाएँ रहने के कारण।

19. उन तीन राज्यों के नाम लिखें जहाँ हाथी पाए जाते हैं।
उत्तर―(क) असम, (ख) केरल तथा (ग) कर्नाटक।

20. जैव आरक्षित क्षेत्र क्या है? एक उदाहरण दक्षिण और एक उत्तर क्षेत्र
का दें।
उत्तर― भारत की जैव विविधता के परिक्षण और संरक्षण क्षेत्र को जैव आरक्षित
क्षेत्र कहा जाता है। उत्तर में जैव आरिक्षत क्षेत्र 'फूलों की घाटी'
(उत्तरांचल) है और दक्षिण में 'नीलगिरी' (केरल) में हैं पहले वाले क्षेत्र
को नन्दादेवी जैव आरक्षित क्षेत्र और दूसरे को नीलगिरी जैव-आरक्षित क्षेत्र
कहते हैं।

21. गैंडा का प्राकृतिक वास कौन-से राज्यों में है?
उत्तर― असम को दलदली भूमि में और पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग में।

22. 'सिटीज' क्या है?
उत्तर― यह विश्व के वनस्पति और जन्तु जगत की संकटापन्न प्रजातियों की
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रसविदा संयोजन है। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक
सम्मेलन है।

23. राष्ट्रीय पार्क क्या है?
उत्तर― यह प्राकृतिक वनस्पति, प्राकृतिक सुन्दरता और वन्य जीवों के परिरक्षण का
एक आरक्षित क्षेत्र हैं। जैसे-कारबेट राष्ट्रीय पार्क (उत्तरांचल), शिवपुरी
नेशनल पार्क (मध्य प्रदेश)।

24. कीकर और सागैन के वृक्ष कौन से वनस्पति क्षेत्र में आते हैं?
उत्तर―(क) कोकर–रीते वन,
(ख) सागौन– उणकटिबंधीय पर्णपाती वन।

25. वन्य जीवों की दो संकटापन प्रजातियों के नाम लिखें।
उत्तर― (क) बाप और (ख) गैंडा।

26. उष्णकटिबंधीय वन कौन से है?
उत्तर― कर्क रेखा को दक्षिण दिशा में स्थित वन ठषणकटिबंधीय वन हैं। ये दो
किस्म के हैं―
(क) उष्णकटिबंधीय सदाबहारी वन,
(ख) उष्मकटिबंधीय पर्णपाती वना

27. वन्य जीवों को संकटापन्न प्रजातियों का परिरक्षण करने के लिए चलाई
गई दो परियोजनाओं के नाम लिखें।
उत्तर―(क) सिमलीपाल (उड़ीसा) के बाय परियोजना और
(ख) काजीरंगा वन्य जीव अभयारण्य की गैंडा परियोजना (असम)।

28. ज्वारीय वन कहाँ स्थित है?
उत्तर― पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में।

29. कैटीले और साड़दार वन कहाँ है?
उत्तर― कच्चा, सौराष्ट्र (गुजरात), राजस्थान, पंजाब, हरियाणा के कुछ हिस्सों और
महाराष्ट्र राज्य के कम वर्षा वाले क्षेत्रों में।

30. उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन कहाँ दिखाई देते है?
उत्तर― मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और केरल
राज्यों में।

31. भारत में वन आवरण का प्रतिशत लिखें।
उत्तर― यह भारत के कुत्त पू-क्षेत्र का 21.2% है। इसका अर्थ है-अपेक्षित क्षेत्र
से 12% कम।

32. औषधीय पौधे क्या हैं? भारत में उनकी उपलब्धता को लिखें।
उत्तर― औषधीय प्रयोजनों में प्रयुक्त पौधे जड़ी-बूटी कहे जाते हैं। आर्युवेद में वर्णन
है कि भारत में लगभग 2000 जड़ी बूटियाँ हैं। औषधि व्यवसायी यहाँ
लगभग 500 पौधों का नियमित रूप से प्रयोग करते हैं।

33. भारत में विविध वनस्पतियाँ क्यों हैं?
उत्तर―विविध भू-आकारिकी, भू-क्षेत्र, पर्वतीय क्षेत्र, मिट्टी, तापमान का आयाम
और वर्षा की मात्रा तथा अवधि भिन्न-भिन्न रहने के कारण।

34. पारिस्थितिकी को कितने जैव पारिस्थितिक तंत्रों में बाँटा गया है?
उत्तर―(क) वन,
(ख) सवाना,
(ग) घास के मैदान, 
(घ) मरुस्थल,
(ङ) ध्रुवीय प्रदेश की वनस्पति (टुण्ड्रा में)

35. उष्णकटिबंधीय पर्णपी वनों के उपविभागों का नाम लिखें।
उत्तर― (क) आर्द्र पर्णपाती वन,
(ख) शुष्क पर्णपाती वन।

36. नीलगिरी जैव-अरक्षित क्षेत्र की विशेषताएँ लिखें।
उत्तर― नीलगिरी जैव आरक्षित क्षेत्र की स्थापना 1986 में की गई। यह भारत का
सबसे पहला जैव आरक्षित क्षेत्र है। इसका क्षेत्रफल 5500 वर्ग किमी० है।
यह कनार्टक, तमिलनाडु और केरल तीनों राज्यों की संस्पर्शी सीमा पर
स्थित है।

37. गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा के प्रसिद्ध गरान वृक्ष का नाम लिखें।
उत्तर― सुन्दरी वृक्ष. इसी कारण इस डेल्टा को सुन्दरवन कहते हैं।

                                           

                                    
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. भारत में बहुत संख्या में जीव और पादप प्रजातियाँ संकटग्रस्त हैं।
उदाहरण सहित कारण दें।
उत्तर― मनुष्यों द्वारा पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के अत्यधिक शोषण के कारण
अनेक प्रजातियाँ संकटापन्न स्थिति में हैं।
पेड़-पौधे–
(क) घरेलू जरूरतों को पूरा करने और कागज बनाने के लिए अंधाधुंध
पेड़ों की कटाई के कारण अनेक पेड़-पौधे संकटापन्न प्रजातियाँ बन गए हैं।

(ख) नगरीय विकास, सड़क और बाँध निर्माण तथा अधिक कृषि क्षेत्र
उपलब्ध कराने के लिए जंगलों की कटाई।

(ग) जलाऊ लकड़ी के लिए स्थानीय लोगों द्वारा पेड़ों की कटाई।

जीव-जंतु– ये निम्न कारणों से संकटापन्न प्रजातियाँ बनें हैं–
(क) वनोन्मूलन के कारण प्राकृतिक आश्रय का छिनना।

(ख) शिकार और अतिक्रमण।

(ग) फर, खाल, चिकित्सा उद्देश्य, अलंकार का सामान बनाने (हाथी
दाँत, सींग, मृगश्रृंग) और ऊनी वस्त्रों (चिरु से शहतूश का शाल प्राप्त होता है
जो जानवरों के केशों से बनाया जाता है) आदि के लिए जंतुओं का वध किया
जाता है।

(घ) रासायनिक और औद्योगिक अपशिष्टों ने जलीय जीवन को
अव्यवस्थित कर दिया है।

2. भारत में काँटेदार वनस्पति किस क्षेत्र में पाई जाती है?, उन क्षेत्रों में
इनके उगने के कोई दो कारण बताएँ।
उत्तर― कैंटीले वन 75 सेमी० से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए हैं। ये मालवा पठार,
दक्षिणी-पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड पठार, सौराष्ट्र, थार मरूभूमि, पंजाब और
हरियाणा के मैदानी भू-भागों में फैले हुए हैं। भारत के पश्चिमोत्तर भाग में अवस्थित
इन क्षेत्रों में वर्षा कम मात्रा में होती है। ये वन दक्कन के पठार के भीतर क्षेत्र में
उत्तर से दक्षिण की ओर फैली एक संकरी पट्टी में भी पाए जाते हैं।
            इन वन क्षेत्रों में पाए जाने वाले वृक्षों को कुछ जातियाँ हैं- कोकर, बबूल,
खैर, खजूर, बेर आदि। ये वृक्ष काफी दूर-दूर उगते हैं और इनकी अधिक ऊँचाई
नहीं होती। जलाभाव के कारण इनकी जड़ें धरती में सीधी और लंबी समाई होती
हैं तथा इनकी ऊँचाई भी सीमित होती है। प्रकृति ने इन्हें वरदान के रूप में बहुत
छोटी-छोटी पत्तियाँ दी है जिससे इन वृक्षों पर काफी कम मात्रा में धूप पड़ती है
और कठोर छाल से घिरे वृक्ष के भीतर जल संरक्षित रहता है।

3. उष्णकटिबंधीय वर्षा वन से क्या समझते हैं?
उत्तर― (क) ये वन ऊँचे तापमान तथा अत्यधिक वर्षा (250 सेमी० से
अधिक) वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

(ख) वृक्षों के पत्ते गिरने या पर्णपात का कोई निश्चित या नियत समय
नहीं होता है, इसलिए ये वन पूरे वर्ष हरे-भरे रहते हैं।

(ग) इन वनों के वृक्ष लम्बे, मोटे और घने उगे रहते हैं। इनमें से कुछ
वृख 60 मीटर ऊँचे होते हैं। कठोर लकड़ी वाले इन वृक्षों की किस्में साफ-साफ
उगती हैं। इन सभी की जड़े बहुत गहरी होती हैं। इन वृक्षों के नीचे झाड़-झंखाड़
भी बहुत उगते हैं।

4. भारत के प्रमुख पुष्पित पौधो वाले क्षेत्रों का नाम लिखें।
उत्तर― (क) पश्चिम हिमालय का क्षेत्र, (ख) पूर्वी हिमालय के क्षेत्र,
(ग) असम क्षेत्र, (घ) सिन्धु का मैदान क्षेत्र, (ङ) गंगा का मैदान क्षेत्र,
(च) दक्कन क्षेत्र, (छ) मालाबार क्षेत्र और (ज) अण्डमान क्षेत्र।

5. जीव आरक्षण क्षेत्रों को स्थापित करने के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर― जीव आरक्षण क्षेत्रों को स्थापित करने के उद्देश्य–
(क) प्राकृतिक पर्यावरण, वनस्पति तथा जीवों को उनके प्राकृतिक रूप
में बनाए रखना तथा उनका संरक्षण करना।

(ख) पारिस्थितिक तंत्र तथा पर्यावरण संरक्षण के अन्य पहलुओं पर
शोध कार्य करना तथा उसे बढ़ावा देना।

(ग) शिक्षा, जागरूकता तथा प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं मुहैया कराना।

6. जैव-विविधता का संरक्षण से क्या समझते हैं?
उत्तर― पारिस्थितिक तंत्र में आ रहे परिवर्तनों के कारण विभिन्न पादप एवं जन्तु
प्रजातियों के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया है। प्रजातियों के इस वैविध्य को
सुरक्षित एवं संरक्षित रखने हतु, वनों के पुनर्जीवन एवं जीवों के प्राकृतिक वासस्थानों
की पुनर्स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं। इसे ही जैव विविधता का संरक्षण कहा
जाता है। इस हेतु देश के अलग-अलग हिस्सों में वन्य-जीव अभ्यारण्य पक्षी
अभ्यारण्य तथा राष्ट्रीय उद्यान आदि बनाए जा रहे हैं। नलगिरि, नंदा देवी, मानस.
सुंदरवन, पंचमढ़ी, समिलीपाल आदि में स्थापित किए गए जैव आरक्षित क्षेत्र जैव
विविधता के संरक्षण के लिए बनाए गए हैं।

7. पक्षियों का देशांतरण या प्रवास क्या है?
उत्तर― पक्षियों के प्रवसन या देशांतरण की परिभाषा वास स्थान में और वास स्थान
की दिशा में भी आवधिक रूप से किए जाने वाले परिवर्तन के रूप में दी जाती
है जिससे पक्षी को हर सयम अनुकलनतम जलवायु दशाएँ प्राप्त हों। शीतल काल
पर आना निम्नांकित दृष्टि से लाभकारी है–
(क) अत्यधिक ठंड और सर्द तूफानों की चपेट में आने से बचाव,

(ख) भोजन की तलाश के लिए उपलब्ध छोटे दिनों वाले स्थान को
छोड़कर लंबे दिन वाले स्थानों में जाना,

(ग) उन परिस्थितियों से बचना जिनमें भोजन सामग्री की कमी या
स्थिति से जूझना पड़ता हो।

         प्रवासी पक्षियों में अत्यधिक लंबी दूरियों को तय करने की अतिविशिष्ट
क्षमता होती है और वे अपने शरीर में विशाल मात्रा में वसा संग्रह कर सकते हैं।

8. पादप जगत पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर―पौधे, जन्तु और मानव एक साथ मिलकर पृथ्वी पर जीवन के स्वरूपों को
बनाते हैं। ये जीवित चीजें एक जीवमंडल का निर्माण करती हैं। जीवों का वन
वावला स्वरूप पादप जगत कहलाता है। यह जंतु जगत के भोजन का आधार बनाता
करके उसको आहार ऊर्जा में बदलने की सामर्थ्य है। पादप जगत प्रकृति की
सुन्दरता में निखार लाता है। एक देश के प्राकृतिक संसाधनों की रीढ़ की हड्डी
अथवा मुख्य आधार पादप जगत ही हैं।

9. सदाबहार वन (उष्णकटिबंधीय वर्षा वन) तथा पर्णपाती वन में अंतर
लिखें।
उत्तर― सदाबहार वन :
(क) सदाबहार वन भारत के पश्चिमी घाटों के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों
तथा लक्षद्वीप एवं अण्डमान और निकोबार द्वीप समूहों में पाए जाते हैं।

(ख) सदाबहार वनों में आबसून महोगनी तथा रोजबुड आदि के वृक्ष पाए
जाते हैं।

(ग) सदाबहार वनों के वृक्षों में पतझड़ होने का कोई निश्चित समय नहीं
होता। इसलिए वे सारे वर्ष हरे-भरे नजर आते हैं।

पर्णपाती वन,
(क) पर्णपाती वन देश के पूर्वी भागों, हिमालय के गिरीपाद प्रदेशों,
झारखण्ड, पश्चिमी उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और पश्चिमी घाटों की ढालों पर पाए
जाते हैं।

(ख) पर्णपाती वनों में सागौन, बॉस, साल, शीशम और खैर आदि वृक्ष
मिलते हैं।

(ग) पर्णपाती वनों के वृक्ष गर्मियों में छ: से आठ सप्ताह के लिए अपनी
पत्तियाँ गिरा देते हैं।

10. आई और शुष्क पर्णपाती वन में अंतर लिखें।
उत्तर― आर्द पर्णपाती वन :
(क) आई पर्णपाती वन भरत के ऐसे क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ 100
से 200 सेमी० के बीच होती है।

(ख) आई पर्णपाती वनों में जहाँ सागौन, बाँस, साल, शीशम और खैर
आदि के वृक्ष पाए जाते हैं।

शुष्क पर्णपाती वन :
(क) शुष्क पर्णपाती वन भारत के ऐसे क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वर्षा
70 सेमी० से 100 सेमी० के बीच होती है।

(ख) शुष्क पर्णपाती वनों में अकासिया, खजूर, यूफोरबिया तथा नागफनी
आदि की प्रजातियाँ पाई जाती है।

11. वनस्पति जगत और प्राणी जगत में अंतर लिखें।
उत्तर― वनस्पति जगत :
(क) एक क्षेत्र विशेष में उगने वाली प्राकृतिक वनस्पति है।

(ख) यह पृथ्वी पर सबसे पहले आने वाली प्रजाति है।

(ग) यह सौर ऊर्जा को आहार (खाद्य) ऊर्जा में बदलने में है।

प्राणी जगत :
(क) एक क्षेत्र विशेष में रहने वाले वन्य जीवन है।

(ख) परपोषी होने के कारण ये पृथ्व में वनस्पतियों के उगने के बाद जन्मे।

(ग) इनको अपने जीवित रहने के लिए वनस्पति पर निर्भर रहना पड़ा
समर्थ है।


                                  दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. भारत में विभिन्न प्रकार की पाई जाने वाली वनस्पति के नाम बताएं
और अधिक ऊँचाई पर पाई जाने वाली वनस्पति का ब्योरा दें।
उत्तर― भारत में पाई जाने वाली प्रमुख वनस्पति किस्में निम्नवत है-
(क) उष्णकटिबंधीय वर्षा वाले वन,
(ख) उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन,
(ग) कँटीले वन और झाड़ियाँ
(घ) शीतोष्ण घास के मैदानों वाले वन,
(ङ) पर्वतीय और ध्रव प्रदेश की वनस्पति वाले वन (टुण्ड्रा),
(च) ज्वारीय वन।

अत्यधिक ऊँचाई की वनस्पतियाँ― इसको पर्वतीय तथा ध्रुव प्रदेशीय
वनस्पति (टुण्ड्रा) किस्म कहते हैं। यह वनस्पति समुद्र तल से 3600 मीटर से
अधिक ऊँचाई वाले स्थानों पर पाई जाती हैं ऐसी वनस्पति किस्म की मुख्य
विशेषताएँ निम्नांकित है–
(क) शीतोष्ण वनों के घास के मैदान यहाँ पर्वतीय किस्म की वनस्पति
या वनों में बदल जाते हैं।

(ख) इन वनों में सफेदा, भूर्ज, हरड़-बहेड़ा औ चौड़ के वृक्ष बहुतायत
से पाए जाते हैं।

(ग) ये वृक्ष बर्फीली चोटियों की सीमा के पास उगते हैं अतः क्रमशः
छोटे आकर और लंबाई के होते हैं।

(घ) यह वनस्पति अत्यधिक ऊंचाई पर झाड़ियों और क्षुपों (छोटे
सरकुट) में तब्दील होकर अन्ततः पर्वतीय घास के मैदानों में विलीन हो जाती हैं
घास के ये मैदान बकरवाल और गूजर जै आदिवासियों के अपनी भेड़ और
बकरियों को चराने के लिए अच्छे चरागाह प्रदान करते हैं।

2. भारत वनस्पति जगत और प्राणी जगत की धरोहर में धनी क्यों है?
उत्तर― भारत में वनस्पति और जीव-जन्तुओं को विशाल विरासत है, जिसके मुख्य
कारण इस प्रकार हैं―
(क) तापमान― भरात में हर प्रकार का तापमान एवं जलवायु पाई जाती
हैं कुछ प्रदेशों में सम जलवायु है जबकि कुछ अन्य प्रदेशों में विषम जलवायु पाई
जाती है। यहाँ गर्मियों में अधिक गर्मी और सर्दियों में अधिक सर्दी हाती हैं हिमालय
में तो ऊँचाई के साथ-साथ धूप के वितरण में भी अंतर पाया जाता है। जबकि
जम्मू-कश्मीर में बर्फ पड़ रही होती है तो दक्षिण में बहतु गर्मी होती है। इस तरह
हर प्रकार का तापमान मिलने से भारत में हर प्रकार की वनस्पति और जीव-जंतु
पाये जाते हैं।

(ख) धूप : सूर्य क रोशिन जो ऊँचाई, भूमध्य रेखा से दूरी, दिन की
लंबाई और ऋतुओं पर निर्भर करती है, वनस्पति और जीव-जंतुओं के विकास पर
काफी प्रभाव डालती है। भारत एक गर्म देश है इसलिये यहाँ धूप की कमी नहीं
जिसके लिये वृक्ष वनों में एक-दूसरे से ऊपर बढ़ने का प्रयल करते हैं। पशुओं
को भी धूप बहुत पसंद है जिसकी भारत में कमी नहीं।

(ग) वर्षा : भारत विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा में भी बडी भिन्नता पाई
जाती हैं भारत में 200 सेमी० से अधिक वर्षा वाले प्रदेश भी हैं, मध्यम वर्षा वाले
भी और कम वर्षा वाले भी। इसलिए भारत में हर प्रकार की वनस्पति और जीव-जंतु
पाए जाते हैं।

(घ) मृदा या मिट्टी : भारत एक विशाल देश है जिसमें हर प्रकार
की मिट्टी पाई जाती है जैसे जलोढ़ मिट्टी, काली मिट्टी, लेटराइट मिट्टी आदि।
इसलिय यहाँ हर प्रकार की वनस्पति और उस पर निर्भर रहने वाले जीव-जंतु पाए
जाते हैं।

                  (ङ) धरातल― भारत में ऊँचे से ऊँची धरातल तथा नीचे से नीची
धरातल के स्थान पाए जाते हैं। कहीं यहाँ मैदान है, कहीं पठार और कही पहाड़
है जिसके कारण भारत में हर प्रकार की वनस्पति और जीव-जंतु के लिये आदर्श
वातावरण मिल जाता है और उन्हें फलने-फूलने में कोई अड़चन नहीं रहती।

3. भारत में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में कौन-से उपाय किए जा रहे हैं ?
उत्तर― वन्य-जीव की सुरक्षा के उपाय- वन्य-जीवन की सुरखा के लिए सरकार
ने विशेष कदम उठाए हैं, जिनमें से मुख्य निम्नांकित हैं–
                 (क) संकटापन्न वन्य जीवों की सुरक्षा के लिये अनेक आरक्षित क्षेत्र
स्थापित किए गए हैं जहाँ वन्य जीवों को अनेक प्रकार से प्राकृतिक वातावरण में
रखा जाता है। केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित निलगिरी
गायोस्फीयर रिजर्व और उत्तर प्रदेश में स्थित नन्दादेवी बायोस्फीयर रिवर्ज ऐसे ही
कुछ जीव आरक्षित क्षेत्र हैं जहाँ विभिन्न पशु-पक्षियों को संरक्षण प्रदान किया जाता
है। भारत में 63 राष्ट्रीय पार्क, 358 वन्य संरक्षण क्षेत्र और 35 चिड़ियाघर हैं जहाँ
वन्य प्राणियों की रक्षा की जाती है।
                   (ख) समय-समय पर इन संकटापन्न वन्य जीवों की गणना की जाती
है ताकि यह प्राकृतिक धरोहर भावी पीढ़ियों के लिए बनी रहे। इस संबंध में बाघ
परियोजना बड़ी सफल हुई है। भारत में बाघों के लिए कोई 16 बाघ संरक्षण क्षेत्र
स्थापित किए गए हैं। इसी प्रकार असम में गैंडे के संरक्षण संबंधी परियोजना और
राजस्थान में ग्रेड इण्डयन बस्टर्ड परियोजना सफलतापूर्वक चल रही है।

(ग) वन्य प्राणियों के शिकार करने पर पाबंदी लगा दी गई हैं ऐसे वन्य
अधिकारी नियुक्त किए गए हैं जो इस नियम का उल्लंघन करने वाले को पकड़
कर पूरा दण्ड देते हैं।

(घ) वन्य जीवन की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए उपरोक्त
कदमों के अतिरिक्त, हम सभी नागरिकों का भी कतव्य बन जाता है कि हम भी
वन्य-जीवन की सुरक्षा और अनेक जीव-जन्तुओं के संरक्षण के लिए सदा
प्रयत्नशील रहें हमें स्वयं इन संकटापन्न पशु-पक्षियों का शिकार नहीं करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त हमें वनों आदि का विनाश नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके बिना
वन्य प्राणी निवास कहाँ करेंगे।
          वन्य-प्राणी और वन हमारी राष्ट्रीय सम्पदा है इसलिए उनका संरक्षण करना
हमारे लिए अति अनिवार्य है।

                                                ■■

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