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    Jharkhand Board Class 6TH History Notes | राजनीतिक विकास  

  JAC Board Solution For Class 6TH (Social Science) History Chapter 10


1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए―
(क) गुप्त वंश के शासन को .................... युग का काल
कहते हैं?
(ख) समुद्रगुप्त को भारत का .....................कहा जाता है।
(ग) बाणभट्ट ..................... के दरबारी कवि थे।
(घ) पल्ल्वों की राजधानी .................... थी।
(ङ) दक्षिण भारत में ...................और ................. तीन
तरह के गाँव थे।
उत्तर― (क) स्वर्ण युग (ख) नेपोलियन (ग) हर्षवर्धन
(घ) कांचीपुरम  (ङ) उर, सभा, नगरम ।

3. सही कथन के आगे (✓) का एवं गलत कथन के आगे
(×) का चिन्ह लगायें।
(क) हरषेण ने गौतमी पुत्र श्री सातकर्णी की प्रशंसा में प्रशस्ति
लिखी।
(ख) पल्लवों की राजधानी एहोल थी।
(ग) दक्षिण भारत में स्थानीय सभाएँ सदियों तक काम करती रहीं।
(घ) अभिज्ञानशाकुंतलम् कालिदास की रचना है।
(ङ) बाणभट्ट ने हर्ष चरित लिखा।
उत्तर― (क) × (ख) ✓ (ग) ✓ (घ) × (ङ) ×

3. गुप्त काल के प्रशासन के बारे में लिखिए।
उत्तर— मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में नाग शक्ति, दक्कन में
वाकाटक तथा पूर्वी भारत में गुप्तवंश । कालांतर में गुप्तों ने इन्हें अपनी
सैनिक क्षमता एवं कूटनीति के बल पर अपना समर्थक या अधीनस्थ बनाया
लिया एवं शक्तिशाली गुप्त साम्राज्य की स्थापना की भारतीय इतिहास में
गुप्तवंश का शासन अत्यंत विख्यात है। इस वंश के शासन को भारतीय
पुनर्जागरण या 'स्वर्ण युग' का काल माना गया है । गुप्त शासकों ने मौर्यों
के पश्चात् सातवाहनों और कुषाणों के अतिरिक्त पुन: भारत में राजनीतिक
एकता स्थापित करने का प्रयास किया।
             समुद्रगुप्त : समुद्रगुप्त एक महान विजेता एवं पराक्रमी शासक
था । इसे भारत का नेपोलियन भी कहा जाता है। समुद्र गुप्त ने साम्राज्य
की स्थापना के अतिरिक्त प्रशासनिक व्यवस्था कायम कर पूरे साम्राज्य में
सुख एवं शांति का राज्य स्थापित किया।
            चंद्रगुप्त द्वितीय : समुद्र गुप्त के बाद गुप्तवंश का सबसे श्रेष्ठतम
शासक चंद्रगुप्त द्वितीय को माना जाता है। यह एक वीर योद्धा, साम्राज्य
निर्माता, कुशल शासक एवं निपुण कूटनीतिज्ञ के रूप में प्रसिद्ध है।
          प्रशासनिक व्यवस्था : गुप्तकाल में राजा शासन का प्रधान होता
था, जिसे महाराजाधिराज कहा जाता था। राजा की सहायता के लिए
मंत्रीपरिषद् होती थी। प्रांत के शासक को उपरिक कहा जाता था।

4. पल्लवों की प्रशासनिक व्यवस्था कैसी थी।
उत्तर― राजा सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक रूप से सर्वोच्च पदाधिकारी
होता था । पल्लव राजाओं ने प्रजा पालन के सिद्धांत पर कार्य किया। राज्य
में शांति व्यवस्था बनाये रखना एवं बाहरी आक्रमण से राज्य की सुरक्षा
करना राजा का प्रमुख कार्य था। राजा का पद वंशानुगत था। राजा की
एक मंत्रीपरिषद् होती थी। स्थानीय प्रशासन पर विशेष ध्यान दिया जाता
था। पल्लवों की थल एवं जल सेना मजबूत एवं संगठित थी। 1/6 भाग
कृषि उपज का हिस्सा भू-राजस्व के रूप में वसूला जाता था। इनके
शासन काल में सर्वत्र शांति एवं सुव्यवस्था थी।

5. चीनी यात्री ह्वेनसांग ने हर्षवर्धन के द्वारा लिए गए किन-किन
करों का उल्लेख किया है?
उत्तर― चीनी यात्री ह्वेनसांग के अनुसार हर्ष की राजकीय आय चार
भागों में बाँटी जाती थी। एक भाग राजा के खर्च के लिए रखा जाता था,
दूसरा भाग विद्वानों के लिए, तीसरा भाग अधिकारियों और अमलो (समूह)
के बंदोबस्त के लिए और चौथा भाग धार्मिक कार्यों के लिए।

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