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     Jharkhand Board Class 6TH Hindi Notes | हार की जीत  

 JAC Board Solution For Class 6TH Hindi Chapter 2


लेखक परिचय : बदरीनाथ भट्ट 'सुदर्शन' नाम से हिन्दी साहित्य
में विख्यात हैं। ये हिन्दी एवं उर्दू के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। इनका जन्म
1896 ई० में सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था। इनकी मृत्यु 1967
ई० में हुई। हार की जीत, सच का सौदा, साईकिल की सवारी, पत्थरों के
सौदागर इत्यादि इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं।
       पाठ का सारांश : 'हार की जीत' कहानी बुराई पर भलाई की जीत
है। एक बुरे, खुंखार डाकू खड़ग सिंह एवं संत व्यक्ति बाबा भारती के
माध्यम से लेखक यह दिखलाना चाहता है कि हृदय में अच्छाई का भाव
भी रहता है। सिर्फ इस भाव को उस प्रेरणा की जरूरत है जो हृदय परिवर्तन
कर पाए। बाबा भारती के कहे गये शब्द 'अब गरीबों पर कोई विश्वास नहीं
करेगा' ने डाकू खड़ग सिंह को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। उसका
हृदय परिवर्तित हो गया। घाबा भारती हार कर भी जीत जाते हैं और खड़ग
सिंह जीत कर भी हार जाता है।

                                        अभ्यास प्रश्न

□ पाठ से:
1. बाबा भारती ने खड़ग सिंह से सुलतान की प्रशंसा किन शब्बों
में की?
उत्तर― बाबा भारती ने खड़ग सिंह से सुल्तान की प्रशंसा इन शब्दों
में की- "विचित्र जानवर है, देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे। इसकी चाल
तुम्हारा मन मोह लेगी। उसे जो देख लेता है उसके हृदय पर उसकी छवि
अंकित हो जाती है।"

2. खड़ग सिंह ने सुलतान को पाने के लिए क्या युक्ति
अपनाई?
उत्तर― खड़ग सिंह एक कंगले भिखारी का रूप बनाकर बाबा भारती
के गुजरने वाले रास्ते में पेड़ के नीचे अपाहिज बनकर कराहने लगा। बाबा
के पूछने पर उसने कहा बाबा दीन-दुखिया हूँ। दया करो। वैद्य दुर्गादत्त का
सौतेला भाई हूँ। रामावाला गाँव यहाँ से तीन मील दूर है, वहीं जाना है।
हमें भी घोड़े पर बैठा लो। बाबा ने जब उसे घोड़े पर बैठाया एवं स्वयं लगाम
पकड़कर चलने लगे तो वह तनकर बैठ गया एवं घोड़ा लेकर भाग गया।

3. बावा भारती ने खड़ग सिंह से क्या प्रार्थना की और क्यों ?
उत्तर― बाबा भारती खड़ग सिंह से बोले-ठहर जाओ। परंतु एक बात
सुनते जाओ। यह घोड़ा तुम्हारा हुआ। किन्तु इस घटना को किसी के सामने
प्रकट न करना। क्योंकि यदि लोगों को यह घटना पता चल गई तो वे किसी
दीन-दुखी पर विश्वास न करेंगे।

4. बाबा भारती द्वारा अपने अनुरोध के कारण समझाने के बाव
खड़ग सिंह के मन में क्या विचार उत्पन्न हुए ?
उत्तर― खड़ग सिंह सोचने लगा कि जिस घोड़े से वे इतना प्यार करते
थे उसके लिए उनके मुख पर दुख की रेखा तक दिखाई न पड़ी। केवल
उनको डर इस बात का है कि कहीं लोग दीन-दुखियों की बात पर
इस घटना के बाद से भरोसा करना न छोड़ दें। यह मनुष्य, मनुष्य नहीं
देवता है।

5. घोड़े को पुनः पाकर बाबा भारती ने किस प्रकार अपनी
प्रसन्नता व्यक्त की?
उत्तर― रात्रि के तीसरे प्रहर में घोड़े की आवाज सुनकर बाबा भारती
आश्चर्य मिश्रित प्रसन्नता से दौड़ते हुए अस्तबल में गए। अपने प्यारे घोड़े
के गले से लिपटकर इस प्रकार रोने लगे जैसे कोई पिता बहुत दिन के
बिछुड़े हुए पुत्र से मिल रहा हो। बार-बार उसकी पीठ पर हाथ फेरते,
बार-बार उसके मुंह पर थपकियाँ देते। अब उन्हें संतोष हुआ कि कोई
गरीबों की सहायता से मुंह न मोड़ेगा।

6. आपकी समझ में किसकी हार और किसी जीत हुई ?
कारण देते हुए उत्तर दीजिए।
उत्तर― बाबा भारती द्वारा कहे गये शब्द से डाकू खड़ग सिंह
आंदोलित हो उठता है, उसका मन परिवर्तित हो जाता है। वह घोड़ा पुनः
बाबा के अस्तबल में रात्रि में चोरों की तरह चुपके से बाँध आता है। इस
प्रकार बाबा भारती हार कर भी जीत जाते हैं और डाकू खड़ग सिंह जीतकर
भी हार जाता है।

7. इस कहानी का शीर्षक 'हार की जीत' क्यों रखा गया है?
उत्तर― इस कहानी का शीर्षक हार की जीत रखा गया है। घोड़ा दिन
में छीन लेने वाला (जीत प्राप्त व्यक्ति) डाकू खड़ग सिंह रात के अंधेरे
में बाबा का घोड़ा बाँध आता है हारे व्यक्ति के पास। अतः इस काहनी
का शीर्षक हार की जीत सार्थक हैं।

8. इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर― इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है कि एक बुरे आदमी
के हृदय में भी अच्छाई रहती हैं सिर्फ उसे प्रेरित कर दिया जाए। डाकू
खड़ग सिंह को बाबा भारती ने यही कहा कि घटना छुपा लेना। लोग गरीबों
की मदद नहीं करेंगे। इस बात ने डाकू खड़ग सिंह को यह सोचने पर
मजबूर कर दिया कि बाबा सामान्य मनुष्यों से अलग हैं।

□ पाठ से आगे:
1. कुछ बातों में सामान्य मनुष्य की तरह होते हुए भी बाबा
भारती सामान्य मनुष्यों से अलग थे। आप इस बारे में क्या सोचते
हैं ? लिखिए।
उत्तर― बाबा भारती के विचार ऊँचे एवं जीवन सादा था। उनके दिल
में गरीबों, बीमारों एवं दुखियों के लिए पवित्र भाव था। इसीलिए अपने प्यारे
घोड़े की चिंता उन्हें न हुई। दीन-दुखियों की चिंता हुई। अतः बाबा भारती
महान आत्मा थे।

2.अनेक लोगों के पास पालतू पशु होते हैं, जिनसे उनका बहुत
लगाव होता है। ऐसे लोग अपने पालतू पशुओं की सेवा किस प्रकार
करते हैं, पता करके लिखिए।
उत्तर― छात्र स्वयं लिखें।

                                              ★★★

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