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    Jharkhand Board Class 6TH Hindi Notes | आओ लिख लें नई कहानी  

  JAC Board Solution For Class 6TH Hindi Chapter 4

                               4. आओ लिख लें नई कहानी


कवि परिचय : 'आओ लिख लें नई कहानी' आनंद विश्वास द्वारा
रचित है। इनका जन्म 1 जुलाई, 1949 ई० में उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद
में हुआ था। शिकोहाबाद से ही इन्होंने शिक्षा प्राप्त की। इन्होंने गुजरात के
अहमदाबाद में अध्यापन कार्य किया। संप्रति दिल्ली में रहकर स्वतंत्र लेखन
कार्य कर रहे हैं। इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं- मिटने वाली रात नहीं (काव्य),
देवम (बाल उपन्यास)।
         पाठ सारांश: हमारे समाज में बेटे एवं बेटी में फर्क की भावना घर
कर गई है। हम बेटे-बेटी में अंतर की मानसिकता से ग्रसित हैं। इस
मानसिकता को दूर करने की बात प्रस्तुत कविता में की गयी है। हमें बेटियों
की देखभाल एवं सुरक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्हें समान अवसर,
समान शिक्षा प्रदान करनी चाहिए। कवि ने यहाँ यही संदेश दिया है कि
बेटा-बेटी दोनों जब शिक्षित होंगे तभी परिवार, समाज और राष्ट्र का विकास
संभव है।

                                 अभ्यास प्रश्न

□ पाठ से:
1. इस कविता में बेटी-युग से कवि का क्या तात्पर्य है ? कवि
को इसकी आवश्यकता क्यों महसूस हुई ?
उत्तर― बेटी युग की आज आवश्यकता है। बेटी-युग बनाने से बेटा एवं
बेटी होने पर ध्यान केन्द्रित कर पायेंगे। दोनों को पढ़ा-लिखा देने से
ही समाज का चहुँमुखी विकास हो पायेगा।

2. आपकी समझ से हम सभी मिलकर कैसा इतिहास गढ़ेंगे?
उत्तर― बेटी युग लाकर हम सभी को समान अवसर एवं सुविधा प्रदान
कर सकते हैं। इस फौलादी इरादे एवं नेक कार्य से हम भारत का नया
इतिहास लिखेंगे। इस भारत में अमीर-गरीब, पढ़ा-अनपढ़ आदि का भेद
मिट जायेगा।

3. बेटी युग को 'सम्मान पर्व', 'पुण्य-पर्व' तथा 'ज्ञान-पर्व' क्यों
कहा गया है?
उत्तर― बेटी-युग सम्मान पर्व के समान है। यह पुण्य का पर्व है। ज्ञान
का पर्व है। अर्थात बेटी का महत्व देने से हम सम्मान, पूण्य एवं ज्ञान रूपी
तीनों पर्व को मना सकते हैं। भाव यह है कि बेटी को समान अवसर देना
सम्मान की बात है। पुण्य की बात है एवं ज्ञान की बात है।

4. कवि ने 'सोने की चिड़िया' किसको कहा है और क्यों ?
उत्तर― भारत का स्वर्णीम इतिहास स्वर्ण युग के नाम से प्रसिद्ध रहा
है। किन्तु कवि बेटी-युग की शुरूआत कर सोने की चिड़िया अर्थात् बेटी
को आगे बढ़ाने की बात कर रहा है।

5. ज्ञान-गंगा की पावन धारा सबके आँगन तक कैसे पहुँचेगी?
उत्तर― यदि बेटा पढ़ता है तो आधा घर पढ़ेगा। बेटी पढ़ेगी तो पूर घर
पढ़ जायेगा। अत: बेटी के शिक्षित रहने पर ही ज्ञान की पवित्र धा हर
घर-आँगन तक पहुँच पायेगी।

6. कवि को बेटी-युग की हवा सुहानी क्यों लग रही है?
उत्तर― बेटी युग के कारण हमारा शिक्षा, संस्कार एवं अर्थोपार्जन
तीनों सुदृढ़ हो जायेगा। अतः कवि को बेटी युग की हवा सुहानी महसूस
हो रही है।

□ पाठ से आगे:
1. नानी वाली कथा-कहानी को कवि ने पुरानी क्यों कहा है ?
उत्तर― नानी की कहानी आज के युग में प्राचीन कथा मात्र बनकर
रह गयी है। अब बेटी-युग में बेटी अबला नहीं सबला है। वह रोकर,
सिसकियाँ भरकर जीवन व्यतीत नहीं कर पायेगी बल्कि बेटों की तरह नाम
कमाकर जीयेगी।

2. झारखंड की पाँच ऐसी बेटियों के नाम लिखिए जिन्होंने देश
का नाम रोशन किया है?
उत्तर― छात्र स्वयं लिखें।

3. एक पढ़े लिखें व्यक्ति की तुलना में एक अनपढ़ व्यक्ति को
किस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ? लिखिए।
उत्तर― पढ़े-लिखें की तुलना में अनपढ़ व्यक्ति को निम्नांकित प्रकार
की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
(i) वह पढ़ नहीं पाता अत: विशेष जानकारी से अनभिज्ञ रहता है।
(ii) उसे बैंक. कार्यालय में काम करने एवं कराने में असुविधा होगी।
(iii) अनपढ़ व्यक्ति हठी होता है।

                                                 ★★★

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