JAC Board Solutions : Jharkhand Board TextBook Solutions for Class 12th, 11th, 10th, 9th, 8th, 7th, 6th

themoneytizer

   Jharkhand Board Class 8 Moral Education Notes | करूणा की मूर्ति : मदर टेरेसा  

   JAC Board Solution For Class 8TH (Social Science)  Moral Education Chapter 7


प्रश्न 1. निम्नांकित कथनों से आप सहमत हैं या असहमत तर्क
दें―
(क) परोपकार सबसे बड़ा धर्म है।
(ख) छुआ-छूत, समाज के लिए अभिशाप है।
(ग) परोपकार का अर्थ है केवल अपने माता-पिता की सेवा ।
(घ) दूसरों के कष्ट का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।
(ङ) यक्ष्मा एवं कुष्ठ रोगियों के नजदीक नहीं जाना चाहिए ।
उत्तर―
(क) सहमत हैं– क्योंकि परोपकार ऐसे लोगों की नि:स्वार्थ सेवा है
जो जरूरतमंद हो। इसलिए परोपकार को ईश्वर की आराधना
के समान मानते हुए सबसे बड़ा धर्म कहा जाता है।

(ख) सहमत हैं– क्योंकि ईश्वर ने सभी मनुष्य को एक समान
बनाया है, परन्तु छुआ-छूत की प्रथा समाज को ऊँच-नीच के
आधार पर बाँटता है। इस प्रथा के कारण समाज के एक वर्ग
विशेष को काफी तिरस्कार एवं अपमान सहना पड़ता है। अतः
छुआ-छूत समाज के लिए अभिशाप है।

(ग) असहमत हैं– क्योंकि परोपकार अपना/पराया देखकर नहीं
किया जाता बल्कि यह तो ऐसे लोगों की नि:स्वार्थ सेवा है जो
गरीब, कमजोर और जयरतमंद होते हैं।

(घ) असहमत हैं― क्योंकि जो व्यक्ति पहले से ही कष्ट मेम के
उसका मजाक उड़ा कर हम उसे और कष्ट पहुँचाएँगे। समाज
ऐसे लोगों को हृदयहीन और पतित मानकर घृणा करता है तो
ईश्वर भी ऐसे मजाक उड़ाने वाले लोगों को कभी माफ नहीं
करता।

(ङ) असहमत हैं- क्योंकि ऐसे असाध्य रोगों से पीड़ित लोगों को
और अधिक सहानुभूति एवं देखरेख की आवश्यकता होती है।
इसलिए पर्याप्त सावधानी बरतते हुए इन लोगों की सेवा करनी
चाहिए।

प्रश्न 2. मदर टेरेसा ने किस प्रकार विश्व में एक आदर्श
स्थापित किया?
उत्तर : मदर टेरेसा ने अपना सारा जीवन समाज तिरस्कृत, असहाय,
पीड़ित, निर्धन तथा कमजोर व बेसहारा लोगों की सेवा में बिता दिया । वे
अपने हाथों से कुष्ठ, तपेदिक जैसे असाह्य रोगों से पीड़ित व्यक्तियों की
सेवा बड़ी तन्मयता से करती थीं। वह मानव-सेवा की प्रतिमूर्ति थी । अपने
इन कृत्यों से उन्होंने विश्व में एक आदर्श स्थापित किया ।

प्रश्न 3. मदर टेरेसा के चरित्र की कौन-कौन-सी विशेषताओं
को आप अपने जीवन में अपनाना चाहेंगे और क्यों ?
उत्तर :मदर टेरेसा करुण-हृदया, स्नेही, स्वयंसेवक, निःस्वार्थ सहायिका,
गरीबों व बेसहारों की जीवन दातृ थी। ये सारे चारित्रिक गुण अनुकरणीय
हैं, क्योंकि इसी गुण ने उन्हें महान बनाया । समाज सेवा, मानव से हमारा
कर्तव्य होना चाहिए, सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक विषमता दूर हो ।

प्रश्न 4. निर्धन, बीमार और असहाय लोगों को देखकर आपके
मन में क्या भाव उत्पन्न होता है ?
उत्तर : निर्धन, बीमार और असहाय लोगों को देखकर मन में उनके
प्रति दया और सहानुभूति का भाव उत्पन्न होता है ।

                                                ■■

  FLIPKART

और नया पुराने

themoneytizer

inrdeal